कांगड़ा में अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिक सम्मेलन का आगाज:एआई का होगा भविष्य, नौकरियां खत्म नहीं होंगी बल्कि बदलेंगी; 600 प्रतिभागी शामिल

कांगड़ा के एमसीएम डीएवी कॉलेज में शुरू हुए तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में चौतरफा विज्ञान पर चर्चा हुई। कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर के कुलपति डॉ. नवीन कुमार ने मुख्य अतिथि के रूप में कार्यक्रम का उद्घाटन किया। डॉ. कुमार ने कहा कि बेसिक साइंस समस्त वैज्ञानिक आविष्कारों की जननी है। उन्होंने बताया कि स्पेस साइंस से लेकर कृषि, चिकित्सा, प्रौद्योगिकी और सामाजिक विज्ञान तक हर क्षेत्र में इसका योगदान है। उन्होंने एकल परिवार की बढ़ती समस्या पर चिंता जताते हुए कहा कि सामाजिक विज्ञान इसका समाधान प्रस्तुत कर सकता है। सम्मेलन में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) पर विशेष जोर दिया गया। डॉ. कुमार ने कहा कि आने वाला समय एआई का है, जो सोचने, समझने और सीखने की क्षमता रखती है। स्वास्थ्य, शिक्षा, परिवहन, सोशल मीडिया से लेकर तकनीकी क्षेत्र तक में एआई का प्रयोग बढ़ेगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि एआई से नौकरियां समाप्त नहीं होंगी, बल्कि उनका स्वरूप बदलेगा। हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय, शिमला से पधारे डॉ. मनीष कुमार ने जलवायु परिवर्तन और ग्रीनहाउस गैसों के प्रभाव पर प्रकाश डाला। कॉन्फ्रेंस के आयोजन सचिव डॉ. कुलदीप सिंह ने बताया कि सम्मेलन में करीब 600 प्रतिभागियों ने पंजीकरण कराया है। पहले दिन 12 शोध पत्र प्रस्तुत किए गए।

Jan 20, 2025 - 20:00
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कांगड़ा में अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिक सम्मेलन का आगाज:एआई का होगा भविष्य, नौकरियां खत्म नहीं होंगी बल्कि बदलेंगी; 600 प्रतिभागी शामिल
कांगड़ा के एमसीएम डीएवी कॉलेज में शुरू हुए तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में चौतरफा विज्ञान

कांगड़ा में अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिक सम्मेलन का आगाज

कांगड़ा में आयोजित अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिक सम्मेलन ने तकनीकी एवं अनुसंधान क्षेत्र में नई दिशाओं की शुरुआत की है। यह सम्मेलन AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) के भविष्य और उसकी कार्यप्रणाली पर प्रकाश डालने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच है। इस वर्ष सम्मेलन में 600 प्रतिभागियों ने भाग लिया, जिससे यह एक भव्य अवसर बन गया जहां विभिन्न देशों के वैज्ञानिक और शोधकर्ता एकत्रित हुए।

AI का भविष्य और रोजगार

सम्मेलन में मुख्य चर्चा का विषय AI का भविष्य था। अनेक विशेषज्ञों ने इस बात पर जोर दिया कि AI न केवल नौकरियों को खत्म करेगा, बल्कि कार्य की प्रकृति को भी बदल देगा। AI की तकनीकें कार्यक्षमता को बढ़ाने में सहायक बनेंगी और नई संकल्पनाओं के प्रति दरवाजे खोलेगी। इस प्रकार से, विकास की नई संभावनाएं खुलेंगी, जो कार्य स्थलों पर सकारात्मक प्रभाव डालेगी।

आधिकारिक उद्घाटन और प्रमुख वक्ता

सम्मेलन का आधिकारिक उद्घाटन कांगड़ा के प्रमुख गणमान्य व्यक्तियों ने किया। सम्मेलनों में शामिल विभिन्न वक्ताओं ने AI के महत्व और उसकी भविष्यवाणियों पर अपने विचार साझा किए। विशेषज्ञों ने बताया कि कैसे AI उद्योगों में इनोवेशन को प्रवाहित करने के साथ-साथ रचनात्मकता को भी बढ़ावा देने वाला है।

600 प्रतिभागियों की भागीदारी

इस सम्मेलन में 600 प्रतिभागियों का शामिल होना दर्शाता है कि वैज्ञानिक समुदाय AI जैसी तकनीकों के प्रति कितना गंभीर है। प्रतिभागियों में विभिन्न क्षेत्रों के शोधकर्ता, उद्योग के विशेषज्ञ और छात्र शामिल थे, जो इस क्षेत्र में ज्ञान साझा करने के लिए एकत्रित हुए थे।

निष्कर्ष

कांगड़ा का यह अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिक सम्मेलन एक उत्कृष्ट मंच प्रदान करता है जहां नई सोच और विचारों का आदान-प्रदान होता है। AI के विकास और इसके कार्यक्षेत्र में परिवर्तन की दिशा में यह सम्मेलन एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा। आगे बढ़ते हुए, यह भी स्पष्ट हो जाता है कि AI में निवेश और अनुसंधान मानवता के भविष्य को उज्ज्वल बनाने में सहायता करेगा।

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