कानपुर से पान मसाला की फैक्टी का पलायन:सपा नेता फजल महमूद बोले- महानगर से करीब 2 लाख से अधिक कर्मयोगी होंगे बेरोजगार
‘पान मसाला फैक्ट्रियों की निगरानी से अन्य प्रातों के शहरों में फैक्ट्री पलायन करने को मजबूर हो रही है। ऐसे में महानगर में 2 लाख से अधिक कर्मयोगी बेरोजगारी के शिकार होंगे। कर्मयोगियो के समक्ष परिवारों की स्थिति भयावह हो जाएगी।’ ये बात गुरुवार को नवीन मार्केट स्थित सपा कार्यालय में महानगर अध्यक्ष हाजी फजल महमूद ने कही। समाजवादी पार्टी कानपुर महानगर पीडीए की युवा टीम तथा समाजवादी व्यापार सभा के सभी पांचो विधानसभा क्षेत्र के अध्यक्षों और महानगर की 110 वार्डों के व्यापारी प्रतिनिधि एवं प्रमुख कार्यकर्ताओं की बैठक सपा महानगर अध्यक्ष हाजी फजल महमूद की अध्यक्षता में हुई। फैक्ट्रियां जीएसटी टैक्स अदा करती है बैठक का संचालन महानगर के वरिष्ठ उपाध्यक्ष शैलेंद्र यादव मिन्टू ने किया। हाजी फजल महमूद ने कहा कि सरकार को पान मसाला की फैक्ट्रियां जीएसटी टैक्स अदा करती है तथा समय-समय पर अपने अभिलेख से संतुष्ट भी कराती है। इसके बावजूद सचल दल की तैनाती अलोकतांत्रिक व्यवस्था को संकेत के लक्षण पैदा किए गए हैं। समाजवादी व्यापार सभा के नगर अध्यक्ष नंदलाल जायसवाल ने अपने संबोधन में कहा किराना मार्केट में इलायची सुपारी आदि का उठान न होने के कारण व्यापारी परेशान है। दूसरी ओर पान मसाला उद्योगों की निगरानी से उत्पादन घट गया है और फैक्ट्रियां बंद हो रही है। मसाला उपभोक्ता को दोगुने भाव में खरीदना पड़ रहा है। पानमसाला उद्योगों की निगरानी बंद करे सपा के वरिष्ठ उपाध्यक्ष शैलेंद्र यादव मिन्टू ने अपने संबोधन में कहा कि पानमसाला उद्योगों की निगरानी बंद करके उनके उत्पादन में छूट दी जाए, क्योंकि जीएसटी देने के बाद अन्याय नहीं करना चाहिए। तीन लाख परिवारों के पालन इस उद्योग पर निर्भर है। सरकार बेरोजगारी की समस्या हल नहीं कर पा रही है और दूसरी ओर मसाला फैक्ट्रियों पर अन्याय की लाठी चलाकर श्रमिकों की रोजी रोटी छीन रही है। बैठक मे प्रमुख रूप से प्रदेश सचिव केके शुक्ला, नंदलाल जयसवाल, हाजी अयूब आलम, राजेंद्र जयसवाल, संतोष पांडेय, राजू पहलवान अंसारी, राजेंद्र सोनकर, इशरत इराकी, सौरभ सिंह, संजय निषाद, जस्वेन्द्र प्रताप आदि लोग मौजूद रहे।

कानपुर से पान मसाला की फैक्टी का पलायन
हाल ही में कानपुर से पान मसाला की एक प्रमुख फैक्ट्री के पलायन की खबर ने स्थानीय और राजनीतिक हलकों में हड़कंप मचा दिया है। समाजवादी पार्टी के नेता फजल महमूद ने इस मुद्दे पर अपनी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि इस फैक्ट्री के बंद होने से लगभग 2 लाख से अधिक कर्मयोगी बेरोजगार हो जाएंगे। यह आंकड़ा कानपुर की अर्थव्यवस्था के लिए गंभीर चिंता का विषय है। News by indiatwoday.com
क्या है मामला?
कानपुर में स्थित पान मसाला की यह फैक्ट्री पिछले कुछ वर्षों से स्थानीय श्रमिकों के लिए रोजगार का एक बड़ा स्रोत रही है। अब इसके अचानक पलायन करने से कर्मिकों के सामने रोजगार का संकट खड़ा हो गया है। फजल महमूद ने कहा कि यदि इस फैक्ट्री को ठीक से संचालित नहीं किया गया, तो यह क्षेत्र भर के लिए बड़े आर्थिक नुकसान का कारण बन सकता है।
स्थानीय अर्थव्यवस्था पर प्रभाव
कानपुर की स्थानीय अर्थव्यवस्था काफी हद तक छोटी और मध्यम उद्योगों पर निर्भर है। पान मसाला की फैक्ट्री से जुड़े लगभग 2 लाख कर्मयोगियों के बेरोजगार होने का मतलब है कि उनके परिवार भी इस संकट का सामना करेंगे। इससे सामाजिक स्थिरता और आर्थिक विकास पर वृहद प्रभाव पड़ेगा।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएँ
फजल महमूद ने इस मुद्दे पर सरकार की नीतियों को भी निशाने पर लिया है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार को चाहिए कि वे स्थानीय उद्योगों को समर्थन देने के लिए ठोस कदम उठाए। बिना उचित नीतियों के स्थानीय कार्यकर्ताओं और श्रमिकों का पलायन होना तय है। इस संदर्भ में अन्य राजनीतिक दलों की भी प्रतिक्रियाएँ सामने आ रही हैं।
आगे की राह
सिर्फ इस मुद्दे पर बातचीत कर समस्या का समाधान नहीं किया जा सकता। स्थानीय नेताओं और सरकार को एक अनुभवी टीम बनाकर इसे तुरंत संबोधित करना होगा। श्रमिक संगठनों को भी सक्रिय होने की जरूरत है ताकि वे सुरक्षित भविष्य के लिए आवाज उठा सकें।
समापन
कानपुर से पान मसाला की फैक्ट्री के पलायन ने एक बड़ा प्रश्नचिन्ह खड़ा किया है कि क्या हमारी नीतियाँ स्थानीय उद्योगों के विकास में सहायता कर पा रही हैं। उम्मीद है कि सरकार इस मुद्दे पर जल्द ही निर्णय लेगी जिससे स्थानीय लोगों को राहत मिल सके। Keywords: कानपुर पान मसाला फैक्ट्री पलायन, फजल महमूद बेरोजगारी, कानपुर रोजगार संकट, समाजवादी पार्टी फैक्ट्री बंद, कानपुर स्थानीय उद्योग, श्रमिक समस्याएँ, कानपुर आर्थिक प्रभाव, पान मसाला उद्योग संकट, कानपुर की अर्थव्यवस्था, पान मसाला मजदूर बेरोजगारी.
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