गाजियाबाद की एथलीट ने रचा इतिहास:डिस्कस थ्रो में गोल्ड समेत तीन मेडल जीते, फर्स्ट साउथ एशियन मास्टर्स में बनाया रिकॉर्ड
बेंगलुरु में आयोजित पहली साउथ एशियन मास्टर्स एथलेटिक चैंपियनशिप में गाजियाबाद की ऋचा सूद ने शानदार प्रदर्शन करते हुए तीन पदक जीतकर इतिहास रच दिया। 10 से 12 जनवरी तक चली इस प्रतियोगिता में ऋचा ने डिस्कस थ्रो में स्वर्ण पदक जीता, जहां उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी को 2 मीटर से अधिक की दूरी से पराजित किया। प्रतियोगिता में भारत की सुचारिता शेट्टी को रजत और श्रीलंका की सुजाता के वी को कांस्य पदक मिला। ऋचा की सफलता यहीं नहीं रुकी, उन्होंने शॉट पुट में रजत और हैमर थ्रो में कांस्य पदक भी अपने नाम किया। इस तरह एक ही चैंपियनशिप में तीन पदक जीतकर उन्होंने गाजियाबाद का नाम रोशन किया। इस प्रतिष्ठित प्रतियोगिता में चार देशों के एथलीटों ने हिस्सा लिया, जिसमें मेजबान भारत से सबसे अधिक 2000 से ज्यादा एथलीट शामिल हुए। श्रीलंका से 180, भूटान से 44 और बांग्लादेश से 4 एथलीटों ने प्रतिस्पर्धा में भाग लिया। ऋचा की यह उपलब्धि न केवल गाजियाबाद बल्कि पूरे देश के लिए गर्व की बात है, क्योंकि उन्होंने पहली साउथ एशियन मास्टर्स चैंपियनशिप में रिकॉर्ड भी बनाया।

गाजियाबाद की एथलीट ने रचा इतिहास: डिस्कस थ्रो में गोल्ड समेत तीन मेडल जीते
गाजियाबाद की युवा एथलीट ने हाल ही में फर्स्ट साउथ एशियन मास्टर्स खेलों में अपने अद्वितीय प्रदर्शन से इतिहास रच दिया है। इस खेल आयोजन में उन्होंने डिस्कस थ्रो में न केवल स्वर्ण पदक जीता बल्कि तीन अन्य पदक भी अपने नाम किए। यह उपलब्धि न केवल उनके लिए, बल्कि पूरे जिले और देश के लिए गर्व की बात है।
खेलों में एथलीट का सफर
गाजियाबाद में पली-बढ़ी इस एथलीट ने बचपन से ही खेलों के प्रति अपनी रुचि विकसित की। प्रारंभ में उन्होंने विभिन्न खेलों में भाग लिया, लेकिन डिस्कस थ्रो में उनकी अतिरिक्त क्षमता ने उन्हें पहचान दिलाई। उनके प्रशिक्षकों का मानना है कि मेहनत, समर्पण और लगन के साथ उन्होंने यह सफलता प्राप्त की है।
ध्यान खींचने वाली उपलब्धियाँ
इस प्रतियोगिता में एथलीट ने न केवल गोल्ड मेडल जीते बल्कि एक नया रिकॉर्ड भी बनाया। उनके प्रदर्शन ने अन्य प्रतियोगियों को चुनौती दी, और वे अंतिम राउंड में अपनी असाधारण तकनीक और ताकत का प्रदर्शन करते हुए शीर्ष पद पर पहुंचीं। यह उनके जीवन में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुआ है।
समाज और प्रेरणा
इस महान उपलब्धि ने न केवल एथलीट का नाम उजागर किया है, बल्कि युवा खिलाड़ियों के लिए भी प्रेरणा का स्रोत बनी है। गाजियाबाद के अन्य युवा एथलीटों के लिए यह सफलता संकेत है कि अगर मेहनत की जाए तो सफलता अवश्य मिलती है।
इस प्रकार की उपलब्धियाँ भारत का खेल परिवेश बदल रही हैं, जहां युवा आज अपनी प्रतिभा को विश्व स्तर पर प्रदर्शित कर रहे हैं।
News by indiatwoday.com
अंत में
गाजियाबाद की इस एथलीट ने साबित कर दिया है कि समर्पण और मेहनत से कोई भी बाधा पार की जा सकती है। उनकी सफलता ने न केवल उन्हें, बल्कि उनके क्षेत्र, और देश को भी गौरवान्वित किया है। Keywords: गाजियाबाद एथलीट, डिस्कस थ्रो गोल्ड, फर्स्ट साउथ एशियन मास्टर्स, मेडल जीते, खेलों में इतिहास, एथलीट रिकॉर्ड, युवा एथलीट सफलता, भारत खेल शिक्षा, प्रेरणादायक कहानी, खेल प्रतियोगिता
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