जर्मनी में आम चुनाव के लिए वोटिंग आज:सर्वे में चांसलर शोल्ज पिछड़े, विपक्षी पार्टी के मत्ज की जीत के आसार; कट्टरपंथी AFD को बढ़त
जर्मनी में आज आम चुनाव के लिए वोटिंग होनी है। सर्वे में मौजूदा चांसलर की सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी (SPD) पिछड़ती दिख रही है। विपक्षी क्रिश्चियन डेमोक्रेटिक यूनियन (CDU) के फ्रेडरिक मत्ज चांसलर रेस में आगे हैं। इनके अलावा, एलिस वीडेल की कट्टरपंथी अल्टरनेटिव फॉर जर्मनी (AFD) को भी बढ़त मिल रही है। सर्वे के मुताबिक 29% लोग फ्रेडरिक मत्ज की पार्टी के समर्थन में है, वहीं कट्टरपंथी एलिस की पार्टी AFD को 21% लोगों ने समर्थन दिया है। इनमें 60% से ज्यादा युवा हैं। 16% लोगों के समर्थन के साथ चांसलर शोल्ज की SPD तीसरे नंबर पर नजर आ रही है। वहीं सत्तारुढ़ गठबंधन में शामिल ग्रीन पार्टी को 12% व फ्री डेमोक्रेटिक पार्टी को 7% वोट मिल सकता है। ये दोनों किंग मेकर की भूमिका में आ सकती है। 10 घंटे चलेगी वोटिंग, खत्म होने के बाद गिनती शुरू जर्मनी वोटिंग का समय सुबह 8 बजे से शाम 6 बजे तक ( भारतीय समयानुसार दोपहर 12:30 बजे से रात 10:30 बजे तक) होगा। 8.4 करोड़ आबादी वाले देश में 6 करोड़ लोग आम चुनाव में वोटिंग करेंगे। वोटिंग खत्म होने के बाद एक्जिट पोल आएंगे। साथ ही वोटों की गिनती भी शुरू हो जाएगी। शुरुआती नतीजे वोटिंग खत्म होने के कुछ घंटे बाद ही साफ हो जाएंगे। सोमवार सुबह तक रिजल्ट की आधिकारिक घोषणा की जाएगी। चुनाव में मस्क और रूस का दखल अमेरिकी कारोबारी वे टेस्ला और स्पेसएक्स के मालिक इलॉन मस्क के दखल ने भी चुनाव को दिलचस्प बना दिया है। मस्क ने शानिवार को फिर कट्टरपंथी नेता एलिस वीडेल को समर्थन जताया है। दूसरी तरफ चुनाव में रूस का दखल सामने आया है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक ‘डोपेलगैंगर’ और ‘स्टॉर्म-1516’ जैसे ग्रुप रूस से हजारों बॉट आर्मी के जरिए चुनाव को प्रभावित कर रहे हैं। ये ग्रुप रोजाना हजारों वीडियोज-फेक न्यूज सोशल मीडिया खासकर एक्स पर पोस्ट कर रहे हैं। ये पोस्ट AFD के समर्थन में हो रहे हैं और इनके सबसे ज्यादा निशाने पर SPD है। इनके अलावा रूस से 100 से ज्यादा फर्जी वेबसाइट्स से फेक न्यूज फैलाई जा रही है। सर्वे में भले ही मत्ज की CDU सबसे आगे हो, लेकिन पार्टी को 50% से अधिक वोट मिलता नहीं दिख रहा है। जर्मनी में सत्ता में आने के लिए पार्टी को 50% से ज्यादा का समर्थन जरूरी होता है, इसलिए यहां अकसर गठबंधन सरकार बनती है। तीनों प्रमुख पार्टियों के लिए अवैध प्रवासी बड़ा मुद्दा चुनाव में यूक्रेन जंग, रूस, अर्थव्यवस्था व बजट जैसे मुद्दे छाए हुए हैं। हालांकि, CDU, SPD, AFD के लिए अवैध प्रवासी बड़ा मुद्दा है। जर्मनी में हालिया आतंकी हमलों को AFD अवैध प्रवासियों से जोड़ मुद्दा बना रही है। CDU सीमाओं को सख्त करने व शरणार्थियों के लिए नागरिकता की शर्तें कड़ी करने की बात कर रही है। SPD भी सीमा सख्ती के पक्ष में है लेकिन कुशल प्रवासियों को आने देने की नीति जारी रखना चाहती है।

जर्मनी में आम चुनाव के लिए वोटिंग आज: सर्वे में चांसलर शोल्ज पिछड़े, विपक्षी पार्टी के मत्ज की जीत के आसार; कट्टरपंथी AFD को बढ़त
आज जर्मनी में आम चुनाव के लिए वोटिंग का आयोजन किया जा रहा है। इस चुनाव में चांसलर ओलाफ शोल्ज की सामाजिक लोकतांत्रिक पार्टी (SPD) को बहुत बड़ी चुनौती सामना करना पड़ सकता है। हाल के सर्वे में दर्शाया गया है कि वे विपक्षी पार्टी के नेता क्रिश्चियन मेट्ज़ के मुकाबले पिछड़ गए हैं, जिससे चुनावी परिणामों पर बड़ा असर पड़ने की संभावना है।
चुनाव की स्थिति और संभावित परिणाम
जर्मनी में आम चुनाव का माहौल चुनावी प्रचार और राजनीतिक चर्चाओं से भरा हुआ है। हाल के सर्वेक्षणों में दिख रहा है कि कट्टरपंथी पार्टी एएफडी (AFD) को समर्थन में बढ़त मिल रही है। इससे जर्मनी की राजनीतिक कलाहंसी में एक नया मोड़ आ सकता है। विपक्षी पार्टी की मत्ज़ के जीतने की संभावना उनके चुनावी अभियान को अधिक सवल बनाएगी।
चांसलर शोल्ज का संघर्ष
चांसलर ओलाफ शोल्ज पिछले चार वर्षों में कई चुनौतियों का सामना कर चुके हैं। आर्थित संकट, महामारी प्रबंधन और आव्रजन संकट जैसे मुद्दों ने उनकी पार्टी की पोजीशन को कमजोर किया है। अब उनके लिए जरूरी है कि वे अपनी पार्टी के लिए समर्थन हासिल करें ताकि वे आम मतदाताओं के बीच अपनी स्थिरता बनाए रख सकें।
विपक्षी पार्टी का उभार
विपक्षी पार्टी के नेता, क्रिश्चियन मेट्ज़ ने चुनावी प्रचार में जोरदार तरीके से अपने विचारों और कार्यक्रमों को पेश किया है। उनका फोकस खासकर जर्मनी की आर्थित स्थिति को सुधारने और लोगों की चिंताओं को दूर करने पर है। अगर उन्होंने चुनाव में जीत हासिल की, तो वे जर्मनी की राजनीति में एक महत्वपूर्ण बदलाव ला सकते हैं।
कट्टरपंथी एएफडी की बढ़ती लोकप्रियता
कट्टरपंथी एएफडी पार्टी का समर्थन भी तेजी से बढ़ रहा है। यह पार्टी जर्मनी की राजनीति में एक विवादास्पद भूमिका निभा रही है, और इसके समर्थक इसे संकटों के लिए एक मजबूत आवाज मानते हैं। उनके विचार और अभियान ने युवाओं में खासा ध्यान खींचा है और इसके परिणामस्वरूप यह पार्टी अधिक समर्थन प्राप्त कर रही है।
आज का चुनाव जर्मनी की राजनीति का भविष्य तय करने वाला है और सभी की नजरें इस पर टिकी हैं। चुनाव के परिणाम क्या मिलेंगे, यह जानने के लिए आगे देखते रहें।
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