टॉप-10 कंपनियों में 7 की वैल्यू ₹1.83 लाख करोड़ बढ़ी:बैंकिंग शेयरों की खरीदारी सबसे ज्यादा रही, टाटा-कंसल्टेंसी का मार्केट कैप ₹28 हजार करोड़ कम हुआ
मार्केट कैपिटलाइजेशन के लिहाज से देश की 10 सबसे बड़ी कंपनियों में से 7 का मार्केट कैप बीते हफ्ते के कारोबार में 1.83 लाख करोड़ रुपए बढ़ा है। इस दौरान देश के तीन बड़े बैंकों- ICICI, HDFC और स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की वैल्यू 84 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा बढ़ी है। कारोबार के बाद हिंदुस्तान यूनिलीवर की वैल्यू सबसे ज्यादा 32,471 करोड़ रुपए बढ़कर 5.89 लाख करोड़ रुपए पर पहुंच गई है। इसके अलावा, ITC,रिलायंस इंडस्ट्रीज और LIC का मार्केट कैप भी बढ़ा है। TCS की वैल्यू ₹28,058 करोड़ बढ़कर ₹14.74 लाख करोड़ हुई वैल्यूएशन के लिहाज से देश की दूसरी सबसे बड़ी कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) का मार्केट कैप 28,058 करोड़ रुपए कम हुआ है। हफ्तेभर के कारोबार के बाद कंपनी का मार्केट कैप 14.74 लाख करोड़ रुपए पर आ गया है। एक सप्ताह पहले TCS की मार्केट वैल्यू ₹15.02 लाख करोड़ रुपए थ। इसके अलावा भारती एयरटेल की वैल्यू 11,212 करोड़ रुपए और इंफोसिस की वैल्यू 9,653 करोड़ रुपए कम हुई है। बीते हफ्ते 1,315 अंक चढ़ा सेंसेक्स कल यानी शनिवार (1 फरवरी) के दिन भी बाजार बजट के चलते खुला था। दिनभर के कारोबार में उतार-चढ़ाव के बाद सेंसेक्स 5 अंक की तेजी के साथ 77,505 के स्तर पर बंद हुआ। निफ्टी में 26 अंक की गिरावट रही, ये 23,482 के स्तर पर बंद हुआ। BSE मिडकैप 212 अंक की गिरावट के साथ 42,884 पर बंद हुआ। सेंसेक्स के 30 शेयरों में से 16 में तेजी और 14 में गिरावट रही। निफ्टी के 50 शेयरों में से 29 में गिरावट और 22 में तेजी रही। वहीं, NSE सेक्टोरल इंडेक्स में रियल्टी सेक्टर सबसे ज्यादा 3.38% चढ़ा। इसके साथ ही FMCG सेक्टर में 3.01%, कंज्यूमर ड्यूरेबल में 2.96% और ऑटो सेक्टर में 1.91% की तेजी रही। जबकि, PSU बैंकिंग सेक्टर में 1.59%, ऑयल एंड गैस में 1.59% और IT सेक्टर में 1.48% की गिरावट रही। बीते सप्ताह के कारोबार के बाद सेंसेक्स में 1,315 अंक की तेजी रही। मार्केट कैपिटलाइजेशन क्या होता है? मार्केट कैप किसी भी कंपनी के टोटल आउटस्टैंडिंग शेयरों यानी वे सभी शेयर, जो फिलहाल उसके शेयरहोल्डर्स के पास हैं, की वैल्यू है। इसका कैलकुलेशन कंपनी के जारी शेयरों की टोटल नंबर को स्टॉक की प्राइस से गुणा करके किया जाता है। मार्केट कैप का इस्तेमाल कंपनियों के शेयरों को कैटेगराइज करने के लिए किया जाता है, ताकि निवेशकों को उनके रिस्क प्रोफाइल के अनुसार उन्हें चुनने में मदद मिले। जैसे लार्ज कैप, मिड कैप और स्मॉल कैप कंपनियां। मार्केट कैप = (आउटस्टैंडिंग शेयरों की संख्या) x (शेयरों की कीमत) मार्केट कैप कैसे काम आता है? किसी कंपनी के शेयर में मुनाफा मिलेगा या नहीं इसका अनुमान कई फैक्टर्स को देख कर लगाया जाता है। इनमें से एक फैक्टर मार्केट कैप भी होता है। निवेशक मार्केट कैप को देखकर पता लगा सकते हैं कि कंपनी कितनी बड़ी है। कंपनी का मार्केट कैप जितना ज्यादा होता है, उसे उतनी ही अच्छी कंपनी माना जाता है। डिमांड और सप्लाई के अनुसार स्टॉक की कीमतें बढ़ती और घटती है। इसलिए मार्केट कैप उस कंपनी की पब्लिक पर्सीवड वैल्यू होती है। मार्केट कैप कैसे घटता-बढ़ता है? मार्केट कैप के फॉर्मूले से साफ है कि कंपनी की जारी शेयरों की कुल संख्या को स्टॉक की कीमत से गुणा करके इसे निकाला जाता है। यानी अगर शेयर का भाव बढ़ेगा तो मार्केट कैप भी बढ़ेगा और शेयर का भाव घटेगा तो मार्केट कैप भी घटेगा।

टॉप-10 कंपनियों में 7 की वैल्यू ₹1.83 लाख करोड़ बढ़ी
बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज पर हाल ही में देखा गया कि टॉप-10 कंपनियों में से 7 की वैल्यू बढ़कर ₹1.83 लाख करोड़ तक पहुँच गई है। यह वृद्धि मुख्य रूप से बैंकिंग शेयरों की खरीदारी के कारण हुई है, जो निवेशकों के बीच एक अच्छी अपारंपरिक निवेश रणनीति बन चुकी है।
बैंकिंग शेयरों की खरीदारी में वृद्धि
हाल के दिनों में, बैंकिंग शेयरों पर बाजार में भारी रुख देखने को मिला। कई विशेषज्ञों का मानना है कि यह वृद्धि वित्तीय संस्थानों के मजबूत प्रदर्शन और आगामी तिमाही परिणामों की उम्मीद के कारण है। निवेशक अब बैंकिंग कंपनियों में अधिक निवेश कर रहे हैं, जिससे उनकी वैल्यू बढ़ रही है।
टाटा कंसल्टेंसी का मार्केट कैप
हालांकि, सब कुछ सकारात्मक नहीं है। टाटा कंसल्टेंसी का मार्केट कैप ₹28 हजार करोड़ कम हुआ है। यह गिरावट विभिन्न कारकों के संयोजन का परिणाम हो सकती है, जिसमें धीमी आर्थिक वृद्धि और कार्यक्षमता में कमी शामिल है।
भविष्य की संभावनाएँ
अगले कुछ महीने में बाजार का प्रदर्शन कैसे रहेगा, ये सारी बातें निवेशकों के लिए महत्वपूर्ण होंगी। क्या बैंकिंग शेयरों में यह रुझान जारी रहेगा या अन्य क्षेत्रों में निवेश का आकर्षण बढ़ेगा? यह सवाल समय के साथ स्पष्ट होगा।
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