ट्रम्प को सीधे कवर नहीं कर पाएंगी बड़ी न्यूज एजेंसियां:व्हाइट हाउस ने रॉयटर्स, ब्लूमबर्ग और AP को प्रेस पूल से बाहर किया
अमेरिका में ट्रम्प प्रशासन ने व्हाइट हाउस प्रेस पूल से रॉयटर्स, ब्लूमबर्ग और AP न्यूज एजेंसी को बाहर करने का फैसला किया है। व्हाइट हाउस ने 15 अप्रैल को कहा कि इन न्यूज एजेंसी को प्रेस पूल में अब स्थायी जगह नहीं मिलेगी। प्रेस पूल एक छोटा सा ग्रुप होता है, जिसमें करीब 10 मीडिया संस्थान होते हैं। प्रेस पूल अमेरिकी राष्ट्रपति की हर गतिविधि को कवर करते हैं। चाहे वह ओवल ऑफिस में बैठक हो, एयर फोर्स वन में सवाल-जवाब हों, या देश-विदेश की यात्राएं हों। व्हाइट हाउस ने 111 साल पुरानी परंपरा बदली प्रेस पूल में कौन से मीडिया हाउस होंगे यह तय करने की जिम्मेदारी व्हाइट हाउस करेस्पोंडेंस एसोसिएशन (WHCA) के पास थी। यह पत्रकारों का एक स्वतंत्र संगठन है। इसकी स्थापना साल 1914 में हुई थी। बाकी मीडिया संस्थान जो वॉशिंगटन से सीधे जुड़े नहीं हैं, वे वे अप-टू-डेट रिपोर्टिंग, वीडियो और ऑडियो के लिए इन्हीं न्यूज एजेंसियों पर निर्भर हैं। व्हाइट हाउस ने एक सदी से ज्यादा समय से चली आ रही ट्रेडिशन को बदल दिया है। अब व्हाइट हाउस ही यह तय करेगा कि राष्ट्रपति के करीब कौन सा मीडिया हाउस पहुंच सकता है और कौन नहीं। रोजाना प्रेस पूल मेंबर्स को चुनेगा व्हाइट हाउस व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने कहा कि अब उनकी टीम ही रोजाना प्रेस पूल के मेंबर्स को चुनेंगी। इसका मकसद राष्ट्रपति ट्रम्प का संदेश सही दर्शकों तक पहुंचाना और हर मुद्दे के लिए एक्सपर्ट पत्रकारों को रखना है। प्रेस सचिव लेविट ने दावा किया कि इससे प्रेस पूल में ज्यादा वैराइटी आएगी। हालांकि व्हाइट हाउस के इस फैसले को प्रेस की आजादी पर हमला माना जा रहा है। फैसले के विरोधियों का कहना है कि यह कदम स्वतंत्र पत्रकारिता को कमजोर करता है। रॉयटर्स की प्रवक्ता ने कहा, "हमारी खबरें हर दिन अरबों लोगों तक पहुंचती हैं। सरकार का यह कदम जनता के उस अधिकार को खतरे में डालता है, जिसमें उसे स्वतंत्र और सटीक जानकारी मिलनी चाहिए।" गल्फ ऑफ अमेरिका को लेकर हुआ था विवाद व्हाइट हाउस और प्रेस के बीच सबसे पहले विवाद फरवरी 2025 में शुरू हुआ था, जब व्हाइट हाउस ने न्यूज एजेंसी AP को प्रेस पूल से बाहर कर दिया था। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि इस मीडिया हाउस ने मेक्सिको की खाड़ी को ‘गल्फ ऑफ अमेरिका’ कहने से इनकार कर दिया था। प्रेस पूल से बाहर किए जाने के बाद AP ने ट्रम्प सरकार के खिलाफ मुकदमा दायर कर दिया। पिछले सप्ताह इस मामले में फेडरल जज ने न्यूज एजेंसी के पक्ष में फैसला सुनाया है। जज ने कहा कि ट्रम्प प्रशासन ने न्यूज एजेंसी के खिलाफ बदले की कार्रवाई की। यह अमेरिकी संविधान में प्रेस की आजादी का उल्लंघन है। इसके बाद जज ने AP को ओवल ऑफिस और एयर फोर्स वन में होने वाले प्रेस आयोजनों में दोबारा शामिल करने का आदेश दिया। व्हाइट हाउस ने न्यूज एजेंसी AP के साथ-साथ रॉयटर्स और ब्लूमबर्ग को भी प्रेस पूल से बाहर कर दिया है। इसका मतलब यह नहीं है कि वे राष्ट्रपति ट्रम्प को कवर नहीं कर पाएंगे। अब ये न्यूज एजेंसियां 30 दूसरे प्रिंट मीडिया आउटलेट्स के साथ रोटेशन में शामिल होंगे। रोटेशन में होने की वजह से इनकी राष्ट्रपति की गतिविधियों तक सीधी पहुंच कम हो जाएगी। न्यूज एजेंसी AP की प्रवक्ता लॉरेन ईस्टन ने इसे अमेरिकी जनता के लिए 'गंभीर नुकसान' बताया है। रॉयटर्स ने कहा कि वे स्वतंत्र और निष्पक्ष पत्रकारिता के लिए काम करते रहेंगे।

ट्रम्प को सीधे कवर नहीं कर पाएंगी बड़ी न्यूज एजेंसियां: व्हाइट हाउस ने रॉयटर्स, ब्लूमबर्ग और AP को प्रेस पूल से बाहर किया
हाल के घटनाक्रम में, व्हाइट हाउस ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के प्रेस कवर से प्रमुख समाचार एजेंसियों रॉयटर्स, ब्लूमबर्ग और एसोसिएटेड प्रेस (AP) को बाहर कर दिया है। इससे पत्रकारिता समुदाय में हलचल मच गई है और इस पर विभिन्न प्रतिक्रियाएं देखी जा रही हैं।
व्हाइट हाउस के निर्णय का प्रभाव
इस फैसले का असर न केवल उन समाचार एजेंसियों पर पड़ेगा, जो सीधे ट्रम्प की गतिविधियों को कवर करने में असमर्थ होंगी, बल्कि यह समग्र प्रेस स्वतंत्रता पर भी सवाल उठाता है। रिपोर्ट्स के अनुसार, व्हाइट हाउस का यह कदम मीडिया के प्रति पारदर्शिता को प्रभावित कर सकता है। ट्रम्प प्रशासन के साथ संबंधों में तनाव की इस स्थिति के चलते, पत्रकारों को अन्य माध्यमों से समाचार मेहनत करनी होगी।
तर्क और प्रतिक्रियाएं
कई विशेषज्ञों का मानना है कि व्हाइट हाउस के इस निर्णय का उद्देश्य समाचार रिपोर्टिंग को प्रभावित करना है। मीडियाकृत व्यक्तियों ने बताया कि यह निर्णय स्वतंत्र प्रेस पर एक खतरा दर्शाता है और लोकतंत्र के मूल सिद्धांतों को कमजोर करता है। एक स्वतंत्र प्रेस का होना किसी भी नागरिक समाज के लिए आवश्यक है।
समाचार एजेंसियों की भूमिका
रॉयटर्स, ब्लूमबर्ग और AP जैसी एजेंसियों ने हमेशा से महत्वपूर्ण राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय समाचार कवरेज में एक बड़ा योगदान दिया है। इन संस्थानों के बाहर होने से, खबरों के वितरण में एक बडी निर्णय का हलचल होने की संभावना है जिसमें जनता को सही जानकारी नहीं मिलेगी। स्वतंत्र और निष्पक्ष पत्रकारिता के लिए यह एक बड़ा झटका है।
आगे चलकर, यह देखना दिलचस्प होगा कि प्रमुख न्यूज एजेंसियां इस स्थिति में कैसे प्रतिक्रिया देंगी और क्या कोई नया कूटनीतिक समाधान निकलेगा। इसके आलावा, जनता और दर्शकों की प्रतिक्रियाएं भी इस बहस को आगे बढ़ाने में महत्त्वपूर्ण होंगी।
News by indiatwoday.com
संक्षेप में
खासकर राजनीतिक घटनाक्रमों की रिपोर्टिंग में, यह निर्णय संभावित रूप से प्रेस की स्वतंत्रता को चुनौती देने का संकेत देता है। इस दिशा में आगे बढ़ते हुए, संवाददाताओं और दर्शकों को अधिक जागरूक और सक्रिय रहना होगा। Keywords: ट्रम्प प्रेस कवर, व्हाइट हाउस न्यूज एजेंसियां, रॉयटर्स ब्लूमबर्ग AP, अमेरिकी राजनीति समाचार, प्रेस स्वतंत्रता मुद्दे, पत्रकारिता की चुनौतियाँ, डोनाल्ड ट्रम्प समाचार, मीडिया की स्थिति अमेरिका, प्रेस पूल से बाहर, स्वतंत्र पत्रकारिता का संकट.
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