नॉर्थ कोरिया न्यूक्लियर पनडुब्बनी बना रहा:ये साउथ कोरिया और अमेरिका के लिए खतरा; एक्सपर्ट बोले- रूस ने मदद की

नॉर्थ कोरिया न्यूक्लियर पावर से चलने वाली पनडुब्बी बना रहा है। शनिवार को स्टेट मीडिया ने इसकी तस्वीरें जारी की थीं। ये तस्वीरें किम जॉन्ग उन के शिपयार्ड दौरे की थीं, जहां ये पनडुब्बी बनाई जा रही हैं। ऐसी आशंका है कि नॉर्थ कोरिया को ये पनडुब्बी बनाने के लिए रूस ने तकनीकी मदद दी होगी। तस्वीरों के साथ दी गई जानकारी में पनडुब्बी को न्यूक्लियर पावर्ड स्ट्रेटिजिक गाइडेड मिसाइल सबमरीन बताया गया। कोरिया की सेंट्रल न्यूज एजेंसी ने सबमरीन के बारे में जानकारी तो नहीं दी, लेकिन ये बताया कि किम को इसके निर्माण की जानकारी दी गई। इसे लेकर अमेरिका के नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल के प्रवक्ता ब्रायन ह्यू ने कहा कि हमें इन दावों के बारे में पता है, लेकिन अभी इसके बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है। अमेरिका, नॉर्थ कोरिया से न्यूक्लियर हथियार खत्म करने को लेकर प्रतिबद्ध है। 7000 हजार टन वजनी सबमरीन, 10 मिसाइल कैरी करने में सक्षम सियोल की हंगयांग यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर और साउथ कोरिया के सबमरीन एक्सपर्ट मून कियून-सिक ने बताया कि ये पनडुब्बी 6,000 टन क्लास या 7,000 टन क्लास कैटेगरी की हो सकती है, जो एक बार में 10 मिसाइल ले जा सकती है। उन्होंने कहा कि स्ट्रेटिजिक गाइडेड मिसाइल का मतलब है कि ये सबमरीन न्यूक्लियर क्षमताओं से लैस हथियारों को ले जाने में सक्षम है। ये पनडुब्बी साउथ कोरिया और अमेरिका के लिए खतरा बन सकती है। उन्होंने ये भी कहा कि रूस ने ये पनडुब्बी बनाने में नॉर्थ कोरिया को तकनीकी मदद मुहैया कराई होगी। इसके बदले में नॉर्थ कोरिया ने रूस को यूक्रेन के खिलाफ जंग में आधुनिक हथियार और सैनिक मुहैया कराए होंगे। किम जॉन्ग उन ने कही थी हथियारों का जखीरा तैयार करने की बात नॉर्थ कोरियाई राष्ट्रपति किम जॉन्ग उन ने 2021 में कहा था कि अमेरिकी की तरफ बढ़ रहे सैन्य खतरे से निपटने के लिए हम आधुनिक हथियारों का जखीरा तैयार करेंगे। इन हथियारों की लिस्ट में न्यूक्लियर पावर वाली सबमरीन भी शामिल थी। इसके अलावा सॉलिड फ्यूल से चलने वाली इंटर-कॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल, हाइपर-सॉनिक वेपन, स्पाई सैटेलाइट और मल्टी वॉर-हेड मिसाइल शामिल हैं। नॉर्थ कोरिया ने कई हथियारों की टेस्टिंग भी की है। अगले एक-दो साल में सबमरीन को लॉन्च कर सकता है नॉर्थ कोरिया मून कियून-सिक ने कहा कि नॉर्थ कोरिया के पास पानी के अंदर से मिसाइल दागने की क्षमता आना गहरी चिंता की बात है, क्योंकि उसके दुश्मनों के लिए पहले से इन मिसाइलों को डिटेक्ट करना मुश्किल होता है। उन्होंने ये भी कहा कि नॉर्थ कोरिया सबमरीन की क्षमता का परीक्षण करने के लिए अगले एक-दो साल में इसे लॉन्च कर सकता है, भले ही आधिकारिक तौर पर बाद में शामिल किया जाए। शिपयार्ड के दौरे पर किम ने कहा कि नॉर्थ कोरिया ने पानी की सतह और पानी के नीचे युद्ध के हथियारों को आधुनिक बनाने का लक्ष्य रखा है। उन्होंने जोर देकर कहा कि दुश्मन देशों की धमकी भरी नौसैनिक नीतियों को रोकने के लिए हमें ये सुनिश्चित करना होगा कि हमारे शक्तिशाली युद्धपोत अपने मिशन को पूरा करें। --------------------------- नॉर्थ कोरिया से जुड़ी ये खबरें भी पढ़ें... रूस-उत्तर कोरिया के बीच नई डिफेंस डील:किसी ने भी किया हमला तो मिलकर करेंगे सामना; पुतिन ने किम जोंग को लग्जरी कार गिफ्ट की रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन ने जून में नई डिफेंस डील पर हस्ताक्षर किए। इस डील के मुताबिक अब अगर किसी भी देश ने उत्तर कोरिया या फिर रूस पर हमला किया तो उसे दोनों देशों पर हमला माना जाएगा। ऐसे में दोनों देश मिलकर लड़ेंगे। पूरी खबर यहां पढ़ें... उत्तर कोरिया ने 10 बैलिस्टिक मिसाइलों का टेस्ट किया:जापान के समुद्र में दागीं मिसाइलें, साउथ कोरिया ने पैसिफिक ओशन की निगरानी बढ़ाई नॉर्थ कोरिया ने 30 मई को 10 बैलिस्टिक मिसाइलों का टेस्ट किया। न्यूज एजेंसी AP के मुताबिक, यह टेस्ट ईस्ट सी (सी ऑफ जापान) में किया गया। दक्षिण कोरिया और जापान की सेना ने भी इस बात पुष्टि की है और इसकी कड़ी निंदा की। पूरी खबर यहां पढ़ें...

Mar 10, 2025 - 16:00
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नॉर्थ कोरिया न्यूक्लियर पनडुब्बनी बना रहा:ये साउथ कोरिया और अमेरिका के लिए खतरा; एक्सपर्ट बोले- रूस ने मदद की
नॉर्थ कोरिया न्यूक्लियर पावर से चलने वाली पनडुब्बी बना रहा है। शनिवार को स्टेट मीडिया ने इसकी तस

नॉर्थ कोरिया न्यूक्लियर पनडुब्बनी बना रहा: ये साउथ कोरिया और अमेरिका के लिए खतरा

नॉर्थ कोरिया ने हाल ही में अपनी वैज्ञानिक और तकनीकी क्षमताओं को बढ़ाते हुए एक नई न्यूक्लियर पनडुब्बी विकसित करने की दिशा में कदम बढ़ाया है। यह विकास न केवल क्षेत्रीय स्थिरता के लिए एक बड़ा खतरा है, बल्कि अमेरिका और साउथ कोरिया के लिए भी एक गंभीर चिंता का विषय बन गया है।

रुसी सहायता: क्यों नॉर्थ कोरिया को मिल रही है मदद?

विशेषज्ञों का मानना है कि नॉर्थ कोरिया को इस पनडुब्बी के निर्माण में रूस की सहायता मिल रही है। रूस और नॉर्थ कोरिया के बीच बढ़ते रिश्ते और सहयोग ने इस विकास को और भी जटिल बना दिया है। रूस की तकनीकी मदद से, नॉर्थ कोरिया अपनी सैन्य क्षमताओं को काफी बढ़ा रहा है।

साउथ कोरिया और अमेरिका की चिंताएँ

साउथ कोरिया और अमेरिका दोनों ने इस निकट भविष्य में नॉर्थ कोरिया के न्यूक्लियर प्रोग्राम को लेकर चिंता व्यक्त की है। सियोल और वाशिंगटन लगातार अपनी सुरक्षा रणनीतियों की समीक्षा कर रहे हैं ताकि किसी संभावित खतरे का सामना किया जा सके। राजनीतिक और सैन्य विश्लेषक इस स्थिति को गहरा चिंताजनक मानते हैं।

इस विकास का वैश्विक परिदृश्य पर प्रभाव

नॉर्थ कोरिया का यह कदम केवल क्षेत्रीय सुरक्षा को ही नहीं बल्कि वैश्विक सुरक्षा के माहौल को भी प्रभावित कर सकता है। अगर नॉर्थ कोरिया अपनी न्यूक्लियर पनडुब्बी का सफलतापूर्वक परीक्षण करता है, तो इसके परिणामस्वरूप वैश्विक शक्तियों के बीच तनाव और बढ़ सकता है।

निष्कर्ष

नॉर्थ कोरिया की न्यूक्लियर पनडुब्बी निर्माण परियोजना साउथ कोरिया और अमेरिका के लिए गंभीर चुनौती प्रस्तुत कर रही है। स्थानीय और वैश्विक सुरक्षा के लिए इसके परिणामों को गंभीरता से लिया जाना चाहिए। इस संदर्भ में आगे की जानकारी और अपडेट के लिए, कृपया 'News by indiatwoday.com' पर जाएं। Keywords: North Korea nuclear submarine news, South Korea USA threat North Korea, Russian assistance to North Korea, North Korea military developments, nuclear weapons North Korea news, geopolitical implications of North Korea submarine

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