पति को नहीं मिली छुट्टी, पत्नी ने छोड़ा था साथ:परिवार परामर्श केंद्र की पहल पर साथ रहने को राजी हुए 5 दंपति
मिर्जापुर में प्राइवेट संस्थान में नौकरी करने वाले पति को छुट्टी न मिलने पर पत्नी ने ससुराल से चली गयी। इतना ही नहीं उसने पति को भी छोड़ने का मन बना लिया। मामला परिवार परामर्श केंद्र में पहुंचा। रविवार को सुलह समझौते के तहत 5 दम्पत्तियों को मिलाया गया। प्रोजेक्ट मिलन के तहत परिवार परामर्श केन्द्र पर ठंड के बावजूद रिश्तों की गर्माहट महसूस करने वाले करीब 9 जोड़े पहुंचे थे। इन लोगों के बीच वार्ता कराया गया। एक महिला का आरोप था कि उसकी शादी के करीब चार साल होने को हैं। गुजरात में सर्विस करने वाले पति प्राइवेट जाॅब का हवाला देकर छुट्टी न मिलने की बात करते हैं। उसे ससुराल में परिवार के बीच छोड़ दिया गया है। कहने के बावजूद बातों पर नहीं दिया गया ध्यान पति के साथ रहने की उसकी तमन्ना नौकरी के दौरान छुट्टी न मिलने से अधूरी रह जा रही हैं। कई बार कहने के बावजूद उसकी बातों पर ध्यान नहीं दिया गया। पति से दूर पत्नी नाराज होकर मायके चली आयी। अब पति के मनाने पर फिर एक बार साथ रहने को राजी हुई । महिला परिवार परामर्श केन्द्र ने रविवार को जिले के विभिन्न थाना क्षेत्रों के 5 बिछड़े दम्पति को मिलाया। काउंसिलिंग के माध्यम से एक साथ रहने के लिए राजी किया। विवाहित दम्पति विभिन्न कारणों से अलग-अलग रह रहे थे। काउंसिलिंग में होने वाली समस्त कार्रवाई के दौरान प्रभारी परिवार परामर्श केन्द्र महिला उप निरीक्षक-रीता यादव, निरीक्षक शशि तिवारी, महिला मुख्य आरक्षी ममता तिवारी व सावित्री यादव, महिला आरक्षी पिंकी व ओपी सुनीता देवी सहित सदस्य कृष्ण कुमार श्रीवास्तव, डा. कृष्णा सिंह व निर्मला राय मौजूद रही।

पति को नहीं मिली छुट्टी, पत्नी ने छोड़ा था साथ: परिवार परामर्श केंद्र की पहल पर साथ रहने को राजी हुए 5 दंपति
इस सप्ताह एक दिलचस्प समाचार सामने आया है जहां पांच दंपतियों ने परिवार परामर्श केंद्र की पहल पर एक साथ रहने का फैसला किया है। यह समाचार "पति को नहीं मिली छुट्टी, पत्नी ने छोड़ा था साथ" विषय पर केंद्रित है। इस मुद्दे ने ना केवल दंपति के रिश्ते को प्रभावित किया, बल्कि उनके परिवार को भी।
समस्या की जड़
पति अपनी नौकरी की मजबूरियों के कारण छुट्टी नहीं ले पा रहे थे, जिससे उनकी पत्नी ने दुखी होकर उन्हें छोड़ने का निर्णय लिया। यह एक सामान्य समस्या है जो आधुनिक दांपत्य जीवन में देखने को मिल सकती है। नौकरी, समय प्रबंधन और पारिवारिक जिम्मेदारियों के बीच संतुलन बनाना अक्सर मुश्किल होता है।
परिवार परामर्श केंद्र की महत्वपूर्ण भूमिका
परिवार परामर्श केंद्र ने इस दंपति के बीच बैलेंस बनाने की कोशिश की है। उनके द्वारा आयोजित वार्तालाप सत्रों में, दंपतियों को एक-दूसरे के विचारों और भावनाओं को समझने का अवसर मिला। इन पहल के परिणामस्वरूप, पांच दंपति एक साथ रहने के लिए सहमत हुए हैं, जो इस समस्या को सुलझाने की दिशा में एक सकारात्मक कदम है।
समाज पर इसका प्रभाव
इस प्रकार के मामलों में, जब परिवार एकजुट होते हैं, तो यह समाज में एक सशक्त संदेश भेजता है कि पारिवारिक रिश्तों को मजबूती से निभाना आवश्यक है। यह न केवल दंपतियों के लिए, बल्कि उनके बच्चों के लिए भी अनुकरणीय उदाहरण स्थापित करता है।
भविष्य की संभावनाएं
इस पहल के बाद, परिवार परामर्श केंद्र ऐसे और कार्यक्रमों का आयोजन करने की योजना बना रहा है ताकि अधिक से अधिक दंपति एक-दूसरे को समझ सकें और अपने रिश्ते को मजबूत कर सकें। यह परिस्थिति दर्शाती है कि सही संवाद और समझ से किसी भी रिश्ते को बचाया जा सकता है।
समाज में इस प्रकार के मामलों से सीख लेकर हम एक बेहतर पारिवारिक माहौल बना सकते हैं।
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