तिलक समारोह में हर्ष फायरिंग से मौत:फर्रुखाबाद कोर्ट ने आरोपी को 3 साल की सजा और 2000 रुपये जुर्माना सुनाया

फर्रुखाबाद के मेरापुर थाना क्षेत्र में एक तिलक समारोह के दौरान हुई हर्ष फायरिंग का मामला सामने आया है। इस मामले में कोर्ट ने अहम फैसला सुनाया है। घटना 2 अप्रैल 2016 की है। पुनपालपुर गांव में संदीप के तिलक समारोह के दौरान ओमप्रकाश ने हर्ष फायरिंग की। गोली विशाल के सिर में लगी। विशाल संदीप के बड़े भाई अनिरुद्ध का साला था। वह कमालगंज थाना क्षेत्र के हुसैनगंज गांव का रहने वाला था। गोली लगने के बाद इलाज के दौरान विशाल की मौत हो गई। मृतक के परिजन अजेंद्र सिंह ने ओमप्रकाश के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया। जनपद न्यायाधीश विनय कुमार की अदालत में मामले की सुनवाई हुई। जिला शासकीय अधिवक्ता सुदेश प्रताप सिंह और बचाव पक्ष की दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने फैसला सुनाया। न्यायाधीश ने ओमप्रकाश को गैर इरादतन हत्या का दोषी माना। उसे 3 साल की कैद और 2000 रुपये जुर्माने की सजा सुनाई गई।

Apr 24, 2025 - 09:59
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तिलक समारोह में हर्ष फायरिंग से मौत:फर्रुखाबाद कोर्ट ने आरोपी को 3 साल की सजा और 2000 रुपये जुर्माना सुनाया
फर्रुखाबाद के मेरापुर थाना क्षेत्र में एक तिलक समारोह के दौरान हुई हर्ष फायरिंग का मामला सामने आ

तिलक समारोह में हर्ष फायरिंग से मौत: फर्रुखाबाद कोर्ट ने आरोपी को 3 साल की सजा और 2000 रुपये जुर्माना सुनाया

तिलक समारोह के दौरान हुई हर्ष फायरिंग के एक मामले में, फर्रुखाबाद की एक अदालत ने आरोपी को तीन साल की जेल की सजा सुनाई है और उसके ऊपर 2000 रुपये का जुर्माना भी लगाया है। यह घटना समारोह की खुशियों को मातम में बदलने का एक दुखद उदाहरण साबित हुई। इस संदर्भ में कोर्ट ने यह स्पष्ट किया कि हर्ष फायरिंग न केवल अवैध है, बल्कि यह समाज में असुरक्षा का माहौल भी बनाती है।

मामले का विवरण

उत्तरी भारत में तिलक समारोह आमतौर पर खुशियों के वातावरण में मनाए जाते हैं। लेकिन इस खास समारोह में गोली चलाने की घटना ने सभी को चौंका दिया। समारोह में शामिल लोगों ने फायरिंग की आवाज़ सुनी और लोग तुरंत घटना स्थल से भागने लगे। इससे एक व्यक्ति की मौत हो गई, जिससे समारोह में भयानक माहौल बन गया।

अदालत का निर्णय

फर्रुखाबाद कोर्ट ने आरोपी पर सुनवाई के बाद फैसला सुनाया। सजा सुनाते हुए जज ने कहा कि यह कृत्य बहुत गंभीर है और इसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। अदालत ने यह भी बताया कि हर्ष फायरिंग के मामले में सख्त कानून हैं, जो इस प्रकार के अपराधों को रोकने के लिए बनाये गए हैं।

समाज में जागरूकता की आवश्यकता

इस मामले ने समाज में एक बार फिर से हर्ष फायरिंग के खिलाफ जागरूकता की आवश्यकता को उजागर किया है। सुरक्षा बलों और लोगों को समझना होगा कि इस तरह के कृत्य न केवल कानून के खिलाफ हैं, बल्कि यह जीवन को खतरे में डालते हैं। इसलिए, इस मुद्दे पर आगे और अधिक चर्चाएँ होना चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएँ न हों।

इस घटना के माध्यम से हमें यह सीखने की जरूरत है कि खुशी के मौके पर जिम्मेदारी से व्यवहार करना कितना महत्वपूर्ण है। कहा जाता है कि खुशी साझा करने में है, न कि गोलीबारी में।

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