पाकिस्तान में फंसे 15 हजार अफगानी नागरिक:ट्रम्प ने अमेरिका आने पर रोक लगाई, बाइडेन ने शरण देने का वादा किया था

अफगानिस्तान की तालिबानी सत्ता के डर से अमेरिका जाने वाले अफगानी लोग अब पाकिस्तान में फंस गए हैं। वजह है अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प का शरणार्थियों को लेकर जारी कार्यकारी फरमान। इस आदेश के तहत अगले 90 ​दिनों तक किसी भी देश से शरणार्थी अमेरिका नहीं आ सकते हैं। पाकिस्तान में 15 हजार से ज्यादा शरणार्थी ऐसे हैं जिन्हें बाइडेन प्रशासन ने अपने देश में आने की इजाजत दे दी थी। बता दें कि अमेरिका ने 2021 में अफगानिस्तान छोड़ने से पहले हजारों शरणार्थियों को देश में जगह देने का वादा किया था। लेकिन ट्रम्प के आदेश के चलते इन सब शरणार्थियों का भविष्य अब अधर में लटक गया है। उन्हें डर है कि वापस लौटे तो तालिबानी सत्ता जिंदा नहीं छोड़ेगी। पाकिस्तान ने 31 मार्च तक देश छोड़ने का आदेश दिया अफगानिस्तान के लोग इन दिनों इस्लामाबाद-रावलपिंडी में सड़कों पर हैं। उनकी मांग है कि ट्रम्प इस फैसले को पलटें नहीं तो उन्हें संकट का सामना करना पड़ेगा। इस बीच पाकिस्तान सरकार ने अफगानिस्तान के शरणार्थियों को देश छोड़ने का आदेश दिया है। पाक सरकार का कहना है कि जो अफगान शरणार्थी किसी तीसरे देश में स्थानांतरित नहीं हो सकते, उन्हें 31 मार्च 2025 के बाद पाकिस्तान छोड़ना होगा। शरणार्थी समूहों ने पाक की शहबाज सरकार के इस ऐलान की आलोचना की है। उनका कहना है कि अफगानिस्तान लौटने पर इनकी जान को खतरा है। ट्रम्प को फैसले पर विचार करना चाहिए। अफगान इवैक समूह के संस्थापक शॉन का कहना है कि इस संकट के समाधान के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। पाकिस्तान में अफगान शरणार्थियों का संकट तालिबान के सत्ता में आने के बाद लाखों अफगान नागरिकों ने पड़ोसी देशों का रुख किया, जिनमें सबसे अधिक लोग पाकिस्तान और ईरान पहुंचे। पाकिस्तान में पहले से ही लगभग 30 लाख अफगान शरणार्थी थे, जिनमें से अधिकांश 1980 के दशक में सोवियत आक्रमण के दौरान आए थे। तालिबान की वापसी के बाद 6 लाख से अधिक नए शरणार्थी पाकिस्तान पहुंचे। 2023 के अंत तक पाकिस्तान सरकार ने अवैध अफगान शरणार्थियों को वापस भेजने का अभियान शुरू कर दिया था। पाकिस्तान ने 15 लाख से अधिक अवैध अफगानों को देश छोड़ने का आदेश दिया है। तालिबान सरकार ने पाकिस्तान की इस कार्रवाई पर कड़ी आपत्ति जताई है। लेकिन पाकिस्तान ने अपने राष्ट्रीय हितों का हवाला देकर इस कार्रवाई को जारी रखा है। ---------------------- अफगानिस्तान से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें... अफगानिस्तान छोड़कर भागे तालिबान के उप-विदेश मंत्री:तालिबान ने गिरफ्तारी का आदेश दिया था, लड़कियों की पढ़ाई पर बैन के खिलाफ थे तालिबान के उप-विदेश मंत्री शेर मोहम्मद अब्बास स्टानिकजई को जबरन देश छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा है। वे अफगानिस्तान छोड़कर UAE चले गए हैं। स्टानिकजई ने अफगानिस्तान में लड़कियों की पढ़ाई पर रोक से जुड़े तालिबानी फैसले की आलोचना की थी। पूरी खबर यहां पढ़ें....

Feb 16, 2025 - 08:59
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पाकिस्तान में फंसे 15 हजार अफगानी नागरिक:ट्रम्प ने अमेरिका आने पर रोक लगाई, बाइडेन ने शरण देने का वादा किया था
अफगानिस्तान की तालिबानी सत्ता के डर से अमेरिका जाने वाले अफगानी लोग अब पाकिस्तान में फंस गए हैं।

पाकिस्तान में फंसे 15 हजार अफगानी नागरिक: ट्रम्प ने अमेरिका आने पर रोक लगाई, बाइडेन ने शरण देने का वादा किया था

हाल ही में पाकिस्तान में करीब 15 हजार अफगानी नागरिक फंसे हुए हैं, जबकि अमेरिका में पहले राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा लगाए गए प्रवास प्रतिबंधों के कारण उनकी स्थिति संकट में है। इस संकट के दौरान, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने इन नागरिकों को शरण देने का वादा किया था। यह स्थिति गंभीर होती जा रही है, क्योंकि अफगानिस्तान में सुरक्षा और मानवाधिकारों की स्थिति बेहद खराब है।

अफगानी नागरिकों का विस्थापन

अफghanistan में तालिबान के शिकंजे में आने के बाद, कई नागरिकों ने पाकिस्तान का रुख किया है। इन 15 हजार नागरिकों में महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं, जो सुरक्षित जीवन की तलाश में हैं। वे अमेरिका से सुरक्षा चाहते थे, लेकिन ट्रम्प प्रशासन की नीतियों ने उनकी कोशिशों को बाधित किया। अब बाइडेन प्रशासन का भी समर्थन पाने की उम्मीद में, ये नागरिक भविष्य को लेकर असमंजस में हैं।

अमेरिका का रुख: ट्रम्प बनाम बाइडेन

ट्रम्प प्रशासन ने कई नियमों और नीतियों के माध्यम से अमेरिका में आव्रजन प्रक्रिया को कठिन बना दिया था। इसके विपरीत, बाइडेन प्रशासन ने अफगानी नागरिकों के लिए आश्रय देने की पहल की है। बाइडेन के शरण देने के वादे के बावजूद, नागरिकों को अभी भी अमेरिका में प्रवेश पाने में कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।

आगे का रास्ता

इन अफगानी नागरिकों की सुरक्षा और कल्याण सुनिश्चित करने के लिए, अंतरराष्ट्रीय समुदाय को आगे आना होगा। उनकी अपीलें और जरूरतें अनसुनी नहीं होनी चाहिए। यह केवल अफगानिस्तान की समस्या नहीं है, बल्कि यह मानवीय संकट का एक हिस्सा है, जिसे तुरंत सुलझाने की आवश्यकता है।

अंततः, अमेरिका और पाकिस्तान दोनों को इस स्थिति पर ध्यान देने की आवश्यकता है, ताकि इन नागरिकों को एक सुरक्षित भविष्य मिल सके। आने वाले महीनों में, हम यह देखेंगे कि कैसे ये मामलों का समाधान किया जाता है।

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