पुलिस ने आत्मरक्षा में की हवाई फायरिंग, VIDEO:परी माता मंदिर में बिना अनुमति नौटंकी पर विवाद, भीड़ ने की हाथापाई
बाराबंकी के सतरिख क्षेत्र स्थित परी माता मंदिर में महाशिवरात्रि के मेले के दौरान विवाद की स्थिति उत्पन्न हो गई। कुछ लोगों ने बिना अनुमति के नौटंकी का आयोजन करने का प्रयास किया। पुलिस के अनुसार आयोजकों ने नौटंकी के लिए कोई आधिकारिक अनुमति नहीं ली थी। पुलिस द्वारा बार-बार मना करने के बावजूद लोग नहीं माने। इससे वहां तनावपूर्ण स्थिति बन गई। पुलिस पर बना रहे थे दबाव मामला तब और गंभीर हो गया जब भीड़ ने पुलिस पर दबाव बनाना शुरू कर दिया। कुछ लोगों ने पुलिसकर्मियों के साथ हाथापाई भी की। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को आत्मरक्षा में हवा में फायरिंग करनी पड़ी। लोगों से शांति बनाए रखने की अपील इस घटना का वीडियो सामने आया है। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए स्थिति को नियंत्रण में ले लिया। स्थानीय प्रशासन ने लोगों से शांति बनाए रखने और नियमों का पालन करने की अपील की है।

पुलिस ने आत्मरक्षा में की हवाई फायरिंग: वीडियो में विवादित नौटंकी
हाल ही में, एक विवादास्पद घटना ने ध्यान आकर्षित किया जब पुलिस ने आत्मरक्षा में हवाई फायरिंग की। यह मामला उस समय हुआ जब परी माता मंदिर में बिना अनुमति आयोजित नौटंकी के दौरान भीड़ ने हाथापाई की स्थिति उत्पन्न की। समाचार सूत्रों के अनुसार, पुलिस की इस कार्यवाही ने स्थानीय लोगों के बीच विभिन्न प्रतिक्रियाएँ उत्पन्न कर दी हैं।
घटनाक्रम की जानकारी
परी माता मंदिर के परिसर में एक सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया था जिसे कुछ स्थानीय लोगों ने अवैध मानते हुए इसका विरोध किया। जैसे ही विवाद बढ़ा, भीड़ ने सड़क पर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया, जिसके चलते स्थिति हिंसक हो गई। पुलिस को भीड़ को नियंत्रित करने के लिए हवाई फायरिंग का सहारा लेना पड़ा।
वीडियो में देखा गया हंगामा
इस घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वायरल हो गया, जिसमें प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच छिड़ी झड़पों को देखा जा सकता है। वीडियो में पुलिस की फायरिंग के दृश्य ने दर्शकों को चकित कर दिया, और यह सवाल उठाने लगा कि क्या बिना अनुमति कार्यक्रम का आयोजन सही था।
समुदाय की प्रतिक्रिया
स्थानीय समुदाय ने पुलिस की कार्रवाई पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। कुछ लोगों ने इसे आवश्यक कदम मानते हुए समर्थन किया, वहीं दूसरों ने इसे अत्यधिक और असंतुलित कार्रवाई माना। इस प्रकार की घटनाएँ समाज में विविधता और सहिष्णुता की आवश्यकता को परिलक्षित करती हैं।
आगे की कानूनी प्रक्रियाएँ
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि वे घटना की पूरी जांच करेंगे और आवश्यक कदम उठाएंगे। मंदिर प्रशासन से भी बात की जाएगी ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचा जा सके। मौजूदा कानून और व्यवस्था को बनाए रखने के लिए सभी संबंधित पक्षों को चर्चा के लिए आमंत्रित किया जाएगा।
अंत में
यह मामला पुलिस की कार्रवाइयों और स्थानीय संस्कृति के बीच संतुलन स्थापित करने के महत्त्व को दर्शाता है। ऐसे कार्यक्रमों की सुरक्षा सुनिश्चित करना और समुदाय को संवेदनशील विषयों पर समझाना आवश्यक है।
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