पोप फ्रांसिस की जिंदगी 20 PHOTOS में:16 साल में पादरी बनना तय किया, कैथोलिक चर्च की गंभीर छवि बदली, इराक जाने वाले पहले पोप

कैथोलिक ईसाइयों के धर्मगुरु पोप फ्रांसिस का सोमवार को 88 साल की उम्र में निधन हो गया। वे पिछले कई महीनों से स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे थे। फेफड़ों में इन्फेक्शन के चलते फरवरी और मार्च में वे अस्पताल में भर्ती थे। अर्जेंटीना में 1936 में इटैलियन माता-पिता के घर जन्मे जॉर्ज मारियो बेर्गोग्लियो बचपन से धार्मिक रहे, हालांकि ये किसी ने नहीं सोचा था कि वे एक दिन ईसाइयों के सबसे बड़े धर्मगुरु के पद पर बैठेंगे, खुद उन्होंने भी नहीं। लेकिन, पूरी जिंदगी वे जो काम करते गए, वो उन्हें पोप बनाने के करीब लाता गया। पोप बनने से पहले और बाद में भी उन्होंने कई मिसालें कायम कीं। उनकी पूरी जिंदगी की कहानी 20 तस्वीरों में देखिए.... --------------------------------------------- पोप फ्रांसिस के निधन से जुड़ी ये खबरें भी पढ़ें... जेल में महिलाओं के पैर धोए, साइकोलॉजी के टीचर बने:बच्चों के यौन शोषण पर माफी मांगी; पढ़ें पोप फ्रांसिस का पूरा सफर आज पोप फ्रांसिस नहीं रहे। पोप फ्रांसिस का सोमवार सुबह वेटिकन में 7:35 मिनट पर निधन हो गया। इस स्टोरी में जानेंगे पोप फ्रांसिस की जिंदगी की कहानी, कैसे एक जेसुइट पादरी पोप बना, वे क्या बदलाव लाए... यहां पढ़ें... ईसाई धर्मगुरु पोप फ्रांसिस नहीं रहे:88 साल की उम्र में वेटिकन में निधन; फेफड़ों और किडनी में गंभीर संक्रमण था कैथोलिक ईसाई धर्मगुरु पोप फ्रांसिस का 88 साल की उम्र निधन हो गया है। वेटिकन के मुताबिक स्थानीय समयानुसार आज सुबह 7 बजकर 35 मिनट पर पोप ने आखिरी सांस ली। पोप फ्रांसिस इतिहास के पहले लैटिन अमेरिकी पोप थे। पिछले कई महीनों से वे स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे थे। वे फरवरी और मार्च में 5 हफ्ते तक फेफड़ों में इन्फेक्शन के चलते अस्पताल में भर्ती थे। पूरी खबर यहां पढ़ें... दफनाने से पहले तोड़ी जाएगी पोप की अंगूठी:सफेद धुएं के क्या मायने; ईसाई धर्मगुरु के निधन के बाद की पूरी प्रक्रिया पोप को उनकी इच्छा के मुताबिक, उनकी पसंदीदा चर्च में दफनाया जाएगा। इससे पहले आम तौर पर पोप का शरीर संरक्षित करने की परंपरा है। पोप का शरीर शांत होने के बाद उनकी अंगूठी क्यों तोड़ते हैं, नए पोप के लिए गोपनीय वोटिंग में चर्च से धुआं क्यों उठता है; उनके निधन से जुड़े 10 जरूरी सवालों के जवाब जानेंगे भास्कर एक्सप्लेनर में… यहां पढ़ें...

Apr 21, 2025 - 19:00
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पोप फ्रांसिस की जिंदगी 20 PHOTOS में:16 साल में पादरी बनना तय किया, कैथोलिक चर्च की गंभीर छवि बदली, इराक जाने वाले पहले पोप
कैथोलिक ईसाइयों के धर्मगुरु पोप फ्रांसिस का सोमवार को 88 साल की उम्र में निधन हो गया। वे पिछले कई म

पोप फ्रांसिस की जिंदगी 20 PHOTOS में: 16 साल में पादरी बनना तय किया, कैथोलिक चर्च की गंभीर छवि बदली, इराक जाने वाले पहले पोप

पोप फ्रांसिस, जिनका जन्म 17 दिसंबर 1936 को अर्जेंटीना के ब्यूनस आयर्स में हुआ था, आज भी पूरी दुनियाभर में एक प्रमुख धार्मिक व्यक्ति माने जाते हैं। उनकी जिंदगी की यात्रा में कई महत्वपूर्ण मोड़ शामिल हैं, जिन्होंने न केवल उनके व्यक्तित्व को आकार दिया, बल्कि कैथोलिक चर्च की दिशा को भी प्रभावित किया। News by indiatwoday.com

16 साल की उम्र में पादरी बनने का निर्णय

पोप फ्रांसिस ने 16 साल की उम्र में पादरी बनने का फैसला किया। यह उनका पहला बड़ा कदम था, जो उन्होंने अपने जीवन में धर्म की सेवा के लिए उठाया। इसके बाद उन्होंने अपने अध्ययन और तैयारी में जुट जाने का फैसला किया और अंततः 1969 में उन्हें पादरी के रूप में गठित किया गया। उनका यह निर्णय ना केवल व्यक्तिगत रूप से महत्वपूर्ण था, बल्कि ऐसे समय में लिया गया जब दुनिया में कई धार्मिक और सामाजिक चुनौतियां थीं।

कैथोलिक चर्च की गंभीर छवि को बदला

पोप फ्रांसिस के चुने जाने के बाद, उन्होंने कैथोलिक चर्च की गंभीर छवि को बदलने के लिए कई कदम उठाए। उनके कार्यों का उद्देश्य चर्च को अधिक आधुनिक, समावेशी और पारदर्शी बनाना था। उन्होंने गरीबों और वंचितों के साथ अपनी सच्ची सहानुभूति दिखाई और सामाजिक न्याय के लिए आवाज उठाई। उनके नेतृत्व में चर्च ने लैंगिक समानता, पर्यावरण संरक्षण और वैश्विक शांति के मुद्दों पर भी ध्यान दिया।

इराक जाने वाले पहले पोप

हाल ही में, पोप फ्रांसिस इराक की ऐतिहासिक यात्रा पर गए, जहां वे धार्मिक सद्भावना और सहिष्णुता का संदेश फैलाने के लिए गए थे। यह यात्रा अपने आप में केंद्रीय महत्व रखती है, क्योंकि वे ऐसा करने वाले पहले पोप बने। उनकी यात्रा ने वैश्विक समुदाय को एक नया दृष्टिकोण प्रदान किया और इराक के लोगों के लिए आशा की किरण बनी।

समाज में प्रभाव और विरासत

पोप फ्रांसिस की जीवन यात्रा उनके प्रभाव और योगदान के कारण अद्वितीय है। उन्होंने यथार्थता, करुणा और मानवता की महत्वपूर्णता को पेश किया। उनके कार्य और शब्द आज भी लोगों की सोच और जीवन को प्रभावित कर रहे हैं। उनकी तस्वीरें और कहानियाँ हमें उनकी गहरी शिक्षा देती हैं और प्रेरणा के स्रोत बनी हैं।

पोप फ्रांसिस की जीवन यात्रा बहुत कुछ हमें सिखाती है और हमें हमारे मानवीय मूल्यों के प्रति जागरूक करती है। उनकी कहानी, जबकि एक धार्मिक नेता के रूप में उनके विकास का वर्णन करती है, वह भी उनके द्वारा किए गए ऐतिहासिक कार्यों की गहरी समझ प्रदान करती है।

पोप फ्रांसिस की प्रेरणादायक यात्रा के बारे में और जानने के लिए, साथ ही उनके द्वारा की गई अन्य ऐतिहासिक घटनाओं के बारे में पढ़ने के लिए, जरूर विजिट करें indiatwoday.com। Keywords: पोप फ्रांसिस जीवन संबंधी तथ्य, इराक यात्रा पोप, कैथोलिक चर्च के बारे में जानकारी, पोप फ्रांसिस के काम, पादरी बनने की कहानी, चर्च की छवि में बदलाव, पोप फ्रांसिस के 20 फोटो, धार्मिक सहिष्णुता का संदेश, विश्व में पोप फ्रांसिस का प्रभाव, इराक दौरा पोप का इतिहास

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