बलरामपुर में बीडीओ पर 28 लाख की धोखाधड़ी का आरोप:लखनऊ निवासी ने मंडलायुक्त से की शिकायत, जांच शुरू

लखनऊ के फूलबाग निवासी सऊद अहमद ने बलरामपुर में तैनात खंड विकास अधिकारी (बीडीओ) साबिर अनवर पर गंभीर आरोप लगाते हुए मंडला आयुक्त देवी पाटन मंडल से शिकायत की है। सऊद ने आरोप लगाया कि साबिर ने जमीन के नाम पर उनसे 28 लाख रुपये हड़प लिए हैं। शिकायत में सऊद अहमद ने बताया कि साबिर अनवर, जो पहले रायबरेली में तैनात थे और वर्तमान में बलरामपुर में बीडीओ पद पर हैं, ने उन्हें एक बीघा जमीन देने का झांसा दिया था। इसके लिए साबिर ने 1 अक्तूबर 2019 को 28 लाख रुपये लिए थे, लेकिन न तो जमीन का बैनामा किया गया और न ही रकम लौटाई गई। सऊद अहमद की शिकायत पर मंडलायुक्त ने मामले को गंभीरता से लिया और संयुक्त विकास आयुक्त राकेश पांडेय को जांच सौंपी है। पांडेय ने कहा कि जांच जल्द ही पूरी कर रिपोर्ट सौंपी जाएगी। बीडीओ का पक्ष इस मामले पर बीडीओ साबिर अनवर ने सभी आरोपों को निराधार बताया है। उन्होंने कहा कि उनके खिलाफ की गई शिकायत में कोई सच्चाई नहीं है। संयुक्त विकास आयुक्त ने आश्वासन दिया है कि मंडलायुक्त के निर्देशानुसार मामले की पूरी जांच की जाएगी और दोषी पाए जाने पर उचित कार्रवाई की जाएगी।

Jan 7, 2025 - 09:15
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बलरामपुर में बीडीओ पर 28 लाख की धोखाधड़ी का आरोप:लखनऊ निवासी ने मंडलायुक्त से की शिकायत, जांच शुरू
लखनऊ के फूलबाग निवासी सऊद अहमद ने बलरामपुर में तैनात खंड विकास अधिकारी (बीडीओ) साबिर अनवर पर गंभी

बलरामपुर में बीडीओ पर 28 लाख की धोखाधड़ी का आरोप

हाल ही में बलरामपुर जिले के एक बीडीओ (ब्लॉक डेवलपमेंट ऑफिसर) पर 28 लाख रुपये की धोखाधड़ी का गंभीर आरोप लगा है। इस मामले की शिकायत लखनऊ निवासी द्वारा मंडलायुक्त से की गई है, जिसने जांच की मांग करते हुए उचित कार्रवाई की अपेक्षा की है।

शिकायत की मुख्य बातें

शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया है कि बीडीओ ने सरकारी योजनाओं के चलते वित्तीय अनियमितताओं में लिप्त रहते हुए 28 लाख रुपये का गबन किया। मामले की गंभीरता को देखते हुए, मंडलायुक्त ने तुरंत जांच शुरू करने के निर्देश दिए। यह बात स्पष्ट है कि यदि आरोपी के खिलाफ सबूत सही पाए गए, तो यह न केवल सरकारी प्रक्रियाओं की अवहेलना करेगा, बल्कि आम जनता का विश्वास भी डिगाएगा।

जांच की प्रक्रिया

जांच के दौरान, अधिकारियों को सभी संबंधित दस्तावेजों और खातों की जांच करने के लिए निर्देशित किया गया है। अधिकारियों का कहना है कि निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से जांच की जाएगी ताकि सभी तथ्यों को स्पष्ट रूप से समझा जा सके। इस घटना के पीछे के कारणों को जानने के लिए गहन अन्वेषण की आवश्यकता है।

समुदाय की प्रतिक्रिया

बलरामपुर के स्थानीय निवासियों में इस जांच को लेकर चिंता और आक्रोश का माहौल है। लोग चाहते हैं कि ऐसी घटनाओं के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएं ताकि भविष्य में कोई अधिकारी इस तरह की धोखाधड़ी का सहारा न ले सके।

इस मामले को लेकर समाचार जगत में हलचल मची हुई है, और इसे लेकर लोगों की निगाहें सरकार और संबंधित अधिकारियों पर हैं।

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समापन

बलरामपुर में बीडीओ द्वारा किए गए धोखाधड़ी के इस गंभीर आरोप ने प्रशासनिक व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं। यह मामला सामाजिक और राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण बन गया है, और सभी की नजरें इस पर टिकी हुई हैं। यदि दोषी पाए गए, तो कार्यवाई की जाएगी और यह एक संदेश देने का कार्य करेगा कि सरकारी अधिकारियों के खिलाफ कोई भी गलत काम सहन नहीं किया जाएगा।

संक्षेप में कहें तो, यह एक गंभीर मामला है जिसे गंभीरता से लिया जाना चाहिए और समय पर कार्रवाई आवश्यक है। Keywords: बलरामपुर, बीडीओ धोखाधड़ी, 28 लाख रुपये, लखनऊ निवासी शिकायत, मंडलायुक्त जांच, सरकारी योजनाएँ, वित्तीय अनियमितताएँ, प्रशासनिक व्यवस्था, शिकायतकर्ता, सामाजिक प्रतिक्रिया

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