बेटे की कस्टडी का केस-पति ने पत्नी के आरोप नकारे:चेन्नई के टेक आंत्रप्रेन्योर ने कहा- बेटा कोर्ट के आदेश पर मेरे पास आया; पत्नी से हो चुका तलाक

टेक आंत्रप्रेन्योर प्रसन्ना शंकर ने अपनी पत्नी दिव्या के आरोपों पर एक बार फिर सफाई दी। उन्होंने सोशल मीडिया X पर कई नए सबूत साझा किए, जिसमें वॉट्सएप चैट और कानूनी दस्तावेज शामिल हैं। दिव्या ने उन पर बेटे के अपहरण और सेक्स प्रीडेटर होने का आरोप लगाया था, जिसे प्रसन्ना ने सिरे से खारिज किया है। प्रसन्ना ने कहा कि सिंगापुर पुलिस ने इन सभी आरोपों की जांच की, लेकिन उनके खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला और उन्हें सभी मामलों से बरी कर दिया गया। उन्होंने कहा- यही आरोप वॉशिंगटन में भी लगाए गए, लेकिन वहां भी अदालत ने उनके पक्ष में फैसला सुनाया। प्रसन्ना ने दावा किया कि उनकी पत्नी पुलिस का इस्तेमाल उन्हें परेशान करने के लिए कर रही हैं। इससे पहले 23 मार्च को प्रसन्ना ने दावा किया था कि उन्हें उनकी पत्नी और चेन्नई पुलिस परेशान कर रही है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा था- मैं तलाक से गुजर रहा हूं। मैं अब चेन्नई पुलिस से भागकर तमिलनाडु के बाहर छिपा हुआ हूं। ये मेरी कहानी है। प्रसन्ना सिंगापुर बेस्ड क्रिप्टो सोशल नेटवर्क 0xPPL.com के फाउंडर हैं। उन्होंने रिपलिंग नाम की एक कंपनी भी बनाई है। इसकी वैल्यू 10 बिलियन डॉलर (करीब ₹85.94 हजार करोड़) है। प्रसन्ना का आरोपों पर जवाब... बेटे के अपहरण के आरोपों परः प्रसन्ना ने जवाब देते हुए उन्होंने वॉट्सएप चैट और ईमेल दिखाए, जिसमें दिव्या खुद बेटे को लेने-छोड़ने की सहमति दे रही थीं। उन्होंने लिखा- कोर्ट के आदेश के तहत ही बेटा उनके पास आया था, जब दिव्या उसे बिना अनुमति के अमेरिका ले गई थीं। प्रसन्ना ने दावा किया कि बेटे को अमेरिका के एक सरकारी स्कूल में डाल दिया और पिता से संपर्क नहीं करने दिया। संपत्तियों को अज्ञात ट्रस्ट में ट्रांसफर करने के आरोपों परः प्रसन्ना ने दावा किया कि वे संपत्तियां (रिपलिंग के शेयर) उनके खुद के थे, पत्नी का कोई योगदान नहीं था। इस पर दिव्या से पहले ही सहमति बन गई थी, लेकिन अब दावा कर रही हैं। उन्होंने अदालत के दस्तावेज साझा किए, जिसमें दिखाया गया कि तलाक समझौते में दिव्या को हर महीने $5,000 मिलते हैं और बेटे की सभी जिम्मेदारियों का खर्चा वे उठा रहे हैं। प्रसन्ना शंकर की पूरी कहानी जो उन्होंने 23 मार्च को X पर बताई... प्रसन्ना ने कहा- बेटा सेफ है और मेरे साथ खुश है... पत्नी का दावा- बहाने से भारत बुलाया और बेटे को छीन लिया उधर पत्नी दिव्या ने दावा था कि तीन हफ्ते पहले शंकर ने उन्हें संपत्ति के बंटवारे का मुद्दा सुलझाने के बहाने भारत बुलाया और बेटे को उनसे छीन लिया। दिव्या ने कहा, 'मुझे नहीं पता कि मेरे बेटे के साथ क्या हुआ, और इसीलिए मैंने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।' दिव्या ने दावा किया कि शंकर ने उनके बेटे का पासपोर्ट चुरा लिया है। उन्होंने कहा कि चेन्नई पुलिस उनके बेटे को वापस पाने में उसकी मदद करने की कोशिश कर रही है। दिव्या ने शंकर पर महिलाओं की गुप्त रूप से रिकॉर्डिंग करने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि सिंगापुर पुलिस ने भी शंकर को यौन उत्पीड़न और वेश्यावृत्ति के मामले में एक बार गिरफ्तार किया था। इस कारण उन्हें कंपनी से हटाया भी गया था।

Mar 26, 2025 - 11:59
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बेटे की कस्टडी का केस-पति ने पत्नी के आरोप नकारे:चेन्नई के टेक आंत्रप्रेन्योर ने कहा- बेटा कोर्ट के आदेश पर मेरे पास आया; पत्नी से हो चुका तलाक
टेक आंत्रप्रेन्योर प्रसन्ना शंकर ने अपनी पत्नी दिव्या के आरोपों पर एक बार फिर सफाई दी। उन्होंने

बेटे की कस्टडी का केस: पति ने पत्नी के आरोप नकारे

News by indiatwoday.com

चेन्नई के टेक आंत्रप्रेन्योर की कहानी

हाल ही में, एक चेन्नई के टेक आंत्रप्रेन्योर ने अपनी पत्नी द्वारा लगाए गए आरोपों का मजबूती से खंडन किया है। इस विवाद का केंद्र उनके बेटे की कस्टडी है। पति का कहना है कि कोर्ट के आदेश के अनुसार उनका बेटा उनके पास आया है और यह सब कुछ कानूनी प्रक्रियाओं के तहत किया गया है। ऐसा दावा करते हुए, उन्होंने यह भी कहा कि उनकी पत्नी के साथ उनका तलाक हो चुका है, जिससे यह कस्टडी मामला और भी जटिल हो गया है।

कस्टडी विवाद और कानूनी प्रक्रिया

कस्टडी के मामलों में अक्सर भावनात्मक और कानूनी जटिलताएँ होती हैं। इस केस में भी, दोनों पक्षों के बीच आरोप-प्रत्यारोप लगाए जा रहे हैं। पति ने यह स्पष्ट किया है कि वह अपने बेटे की देखभाल के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं और वो यह चाहते हैं कि उनका बेटा एक सुचारू और खुशहाल जीवन बिताए।

पत्नी के आरोप और पति का प्रतिक्रिया

पत्नी ने कई आरोप लगाए हैं, जिसमें पति द्वारा बेटे के साथ उचित व्यवहार न करने का दावा भी शामिल है। इन आरोपों को पति ने सख्त शब्दों में नकारा है और कहा कि वह अपने बेटे के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि यह विवाद केवल उनके और उनकी पत्नी के बीच की बात नहीं है, बल्कि उनके बेटे के भविष्य का सवाल है।

समाज और परिवार की प्रतिक्रिया

इस मामले ने स्थानीय समुदाय और परिवार में विचार विमर्श की एक नई लहर पैदा कर दी है। कई लोग इसपर अपनी राय साझा कर रहे हैं कि कैसे कस्टडी मामलों में माता-पिता की जिम्मेदारियाँ और अधिकारों का संतुलन बना रहना चाहिए।

इस प्रकरण में आगे क्या developments होते हैं, यह देखना होगा। अदालत का निर्णय दोनों पक्षों के लिए महत्वपूर्ण होगा। कानूनी सलाह और विशेषज्ञता के आधार पर ही अगली कार्रवाई की जाएगी।

निष्कर्ष

बेटे की कस्टडी का मामला हमेशा से संवेदनशील होता है, और इसमें न्याय और करुणा दोनों की आवश्यकता होती है। चेन्नई के इस टेक आंत्रप्रेन्योर का यह मामला एक प्रेरणादायक उदाहरण है कि कैसे कानूनी प्रक्रिया में अपने अधिकारों के लिए खड़ा रहना चाहिए।

महत्वपूर्ण जानकारी

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