काशी में धुरंधर हास्य महोत्सव:छूटते रहे हंसी के फव्वारे,मेरठ की घटना पर चर्चा कर नीले ड्रम में हवन कर पढ़ा गया पत्नी चालीसा
विश्व की अद्भुत नगरी कही जाने वाली काशी में मूर्ख दिवस की पूर्व संध्या पर अस्सी घाट पर धुरंधर हास्य महोत्सव का शुभारंभ किया गया। जैसा कि कार्यक्रम का नाम है हास्य महोत्सव, वैसे ही इसका उद्घाटन भी अनोखे तरीके से हुआ। प्रसिद्ध अस्सी घाट पर मां गंगा नदी के तट पर इस अनोखे कवि सम्मेलन को देखने के लिए लोगों की भीड़ जुट गई। इस आयोजन ने मेरठ के चर्चित पति की हत्या कर शव नीले ड्रम में छिपाने की घटना का जिक्र कर हवन किया गया और पत्नी चालीसा पढ़ा गया। मंच पर पढ़ा गया चालीसा हुआ हवन महोत्सव का उद्घाटन नीले इम को कुण्ड बनाकर बालू व सीमेन्ट से हवन करके तथा मंच पर दोनों हाथों में चाकू लिये विराजमान पत्नी की चालीसा पढ़कर व उपस्थित जनता द्वारा पत्नी आरती का सामूहिक गान करके मोमबत्ती से पत्नी की आरती उतारकर किया गया। सहसंयोजक एडवोकेट रुद्रनाथ त्रिपाठी द्वारा "हाय जोडू, पैर पकडू और पटकू माया, इन्स्ट्रा पर फेसबुक पर लिख तेरी गाया" का पाठ करके सबको खुब हंसाया गया। महाकुंभ में चर्चित मोनालिसा को मंच पर कराया लैण्ड अमृतकाल में 64 करोड़ लोगों के अमृत स्नान करने कारण अमृत की कमी को देखते हुए कवियों को विष पिलाया तथा स्नान कराया गया। कार्यक्रम की डिजिटल अतिथि 1008 मोनालिसा को धुरन्धर यान के जरिये सीधे मंच पर लैण्ड कराया गया जबकि बाहर से आने वाले कवियों को घंटे भारत ट्रेन से महोत्सथ तक पहुंचाया गया। देश के विभिन्न राज्यों से आए कवि पूर्वांचल, उत्तर प्रदेश सहित अन्य प्रदेशों से आए हास्य कवियों ने विभिन्न प्रकार के व्यंगात्मक कविता प्रस्तुत की। इन पर मौजूद लोग जमकर हंसे। हर-हर महादेव के उद्घोष के साथ कवियों का उत्साह बढ़ाते रहे। मंच पर विजय जयसवाल ने महिला और पुरुष की आवाज में "सत्यम शिवम सुंदरम" गीतकार लोगों को हैरान कर दिया। उन्होंने मधुर आवाज में इस गीत की प्रस्तुति दी। उपहार स्वरूप उनको नवरत्न का माला पहनाया गया। हास्य के अधिष्ठाता है भगवान शिव डॉ. नागेश शांडिल्य ने बताया कि काशी हास्य के अधिष्ठाता देवता शिव की नगरी है। इसलिए काशी को धुरंधर हास्य प्रदान करने के लिए प्रत्येक वर्ष इसका आयोजन किया जाता है। पिछले 20 वर्षों से लगातार इस आयोजन को किया जा रहा है। उन्होंने बताया यह आयोजन इस बार काशी के बेजोड़ हास्य के पर्याय प्रो कौशल किशोर मिश्रा की स्मृति को समर्पित रहा।

काशी में धुरंधर हास्य महोत्सव: छूटते रहे हंसी के फव्वारे
News by indiatwoday.com
धुरंधर हास्य महोत्सव का आयोजन
काशी में आयोजित धुरंधर हास्य महोत्सव ने सभी दर्शकों को अपने हास्य और मनोरंजन का आनंद लेने का जबरदस्त मौका दिया। इस महोत्सव में देशभर के प्रसिद्ध हास्य कलाकारों ने अपने जादू से भीड़ को लोट-पोट कर दिया। सजीव और हंसते खड़े लोगों की भीड़ ने इस आयोजन को यादगार बना दिया।
मेरठ की घटना पर चर्चा
इस महोत्सव के दौरान, मेरठ की हाल की एक विवादित घटना पर चर्चा की गई। इस चर्चा के केंद्र में एक 'नीला ड्रम' था, जिसमें हवन किया गया। बीते दिनों की घटनाओं ने लोगों के मन में कुछ आशंकाएँ पैदा की थीं, जिन्हें कार्यक्रम के दौरान हास्य के रंग में ढाला गया।
पत्नी चालीसा का पाठ
कार्यक्रम के अंत में एक रोचक मोड़ आया जब "पत्नी चालीसा" का पाठ किया गया। यह पाठ प्रेम और सम्मान के प्रतीक के रूप में पेश किया गया और इसे सभी उपस्थित दर्शकों ने एकत्रित होकर पढ़ा। इस अद्वितीय प्रस्तुति ने माहौल में और भी खुशियाँ भर दीं।
महत्वपूर्ण संदेश
इस महोत्सव ने न केवल मनोरंजन प्रदान किया, बल्कि सामूहिकता और एकता का संदेश भी दिया। समाज में चल रहे तनाव को हास्य की मदद से शांत किया जा सकता है। आयोजकों ने भी दर्शकों को सकारात्मकता और हंसी के साथ एक-दूसरे का साथ देने का आह्वान किया।
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