थ्रेसर पलटने से घायल हुआ किशोर, भिंड अस्पताल में मौत:परिजनों का आरोप- इलाज में देरी हुई, दो घंटे तक ऑक्सीजन नहीं मिला

उत्तर प्रदेश के इटावा जिले के हनुमंतपुरा गांव में गेहूं की थ्रेसिंग के दौरान थ्रेसर पलट गया। जिससे 16 वर्षीय किशोर थ्रेसर पलटने से गंभीर रूप से घायल हो गया। परिजन उसे इलाज के लिए भिंड जिला अस्पताल लेकर पहुंचे, लेकिन आरोप है कि डॉक्टरों की लापरवाही और इलाज में देरी के कारण उसकी मौत हो गई। मृतक के चाचा विकास परिहार ने बताया कि उनका भतीजा भोला पिता प्रमोद परिहार खेत में गेहूं की थ्रेसिंग करवा रहा था। वह थ्रेसर के ऊपर बैठकर गेहूं डाल रहा था, तभी मशीन अनियंत्रित होकर पलट गई और भोला उसके नीचे दब गया। परिवारजन उसे तुरंत निजी वाहन से भिंड जिला अस्पताल लेकर पहुंचे। परिजनों का आरोप- दो घंटे तक ऑक्सीजन तक नहीं दिया परिजनों का आरोप है कि अस्पताल में डॉक्टरों ने इलाज में लापरवाही बरती। भोला को ट्रामा सेंटर में भर्ती किया गया, लेकिन करीब दो घंटे तक उसे ऑक्सीजन तक नहीं दी गई। जब किशोर की हालत बिगड़ने लगी, तब उसे ग्वालियर रेफर कर दिया गया, लेकिन रास्ते में ही उसने दम तोड़ दिया। हंगामे के बाद भर्ती किया मृतक के चाचा विकास सिंह परिहार ने आरोप लगाया कि उनके भतीजे को ऑक्सीजन की सख्त जरूरत थी, लेकिन डॉक्टरों ने समय पर नहीं दी। जब परिजनों ने हंगामा किया, तब जाकर मरीज को भर्ती किया गया, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। सिविल सर्जन बोले- मामला मेरी जानकारी में नहीं भिंड जिला अस्पताल के सिविल सर्जन आरएन राजौरिया ने कहा कि मामला अभी तक उनकी जानकारी में नहीं आया है। उन्होंने कहा कि यदि इलाज में देरी या लापरवाही हुई है, तो मामले की जांच कराई जाएगी। फिलहाल परिजनों में अस्पताल प्रशासन के खिलाफ आक्रोश है।

Mar 31, 2025 - 22:00
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थ्रेसर पलटने से घायल हुआ किशोर, भिंड अस्पताल में मौत:परिजनों का आरोप- इलाज में देरी हुई, दो घंटे तक ऑक्सीजन नहीं मिला
उत्तर प्रदेश के इटावा जिले के हनुमंतपुरा गांव में गेहूं की थ्रेसिंग के दौरान थ्रेसर पलट गया। जिस

थ्रेसर पलटने से घायल हुआ किशोर, भिंड अस्पताल में मौत

भिंड जिले से एक दुखद खबर आई है जहाँ एक किशोर थ्रेसर पलटने की घटना में गंभीर रूप से घायल हो गया था। इलाज के दौरान भिंड अस्पताल में उसकी मृत्यु हो गई। परिजनों का आरोप है कि चिकित्सकीय सहायता में देर हुई, जिससे किशोर की जान बचाई नहीं जा सकी।

घटना का विवरण

आपको बता दें कि यह घटना उस समय हुई जब किशोर खेतों में काम कर रहा था। अचानक थ्रेसर पलट जाने से उसे गंभीर चोटें आईं। परिजनों ने तुरंत उसे अस्पताल पहुंचाया, लेकिन अस्पताल में पहुँचने के बाद भी उसे त्वरित इलाज नहीं मिला।

परिजनों का आरोप

किशोर के परिजनों ने अस्पताल पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्हें दो घंटे तक ऑक्सीजन उपलब्ध नहीं कराया गया। इस देरी के कारण किशोर की स्थिति दिन-ब-दिन बिगड़ती चली गई। उनके अनुसार, यदि समय पर इलाज होता तो शायद उनकी जान बचाई जा सकती थी।

स्थानीय प्रशासन की प्रतिक्रिया

इस घटना के बाद स्थानीय प्रशासन ने मामले की जांच का आश्वासन दिया है। अधिकारियों ने कहा कि वे सभी तथ्यों की गहनता से जांच करेंगे और सुनिश्चित करेंगे कि इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।

समुदाय की प्रतिक्रिया

इस घटनाक्रम ने स्थानीय समुदाय में सुरक्षा और चिकित्सा सुविधाओं की कमी पर चिंता जताई है। लोगों का कहना है कि किसानों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए जरूरी कदम उठाए जाने चाहिए।

निष्कर्ष

इस दुखद घटना ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं, विशेष रूप से चिकित्सा सुविधाओं की तत्परता के बारे में। भिंड में इस किशोर की मृत्यु को लेकर परिवार और समुदाय में शोक व्याप्त है। उपायों की आवश्यकता है ताकि भविष्य में ऐसी त्रासदी न हो।

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