भारतीय एयरलाइंस के खिलाफ आयकर विभाग की कार्रवाई:इंडिगो सहित तीन विमान कंपनियों को 1500 करोड़ का नोटिस, शेल कंपनियों से टैक्स बचाने का आरोप
इनकम टैक्स विभाग ने इंडिगो समेत तीन डोमेस्टिक एयरलाइन कंपनियों और उनसे जुड़े 15 इंटरनेशनल विमान लेसर्स (लीज पर विमान देने वाली कंपनियों) को 1,500 करोड़ रुपए का टैक्स नोटिस भेजा है। आयकर विभाग ने इन पर आयरलैंड में बनी कागजी कंपनियों (शेल कंपनियों) के जरिए टैक्स बचाने का आरोप लगाया है। ये नोटिस अक्टूबर 2024 और मार्च 2025 में भेजे गए थे। टैक्स में हेरफेर का यह मामला 2021-22 और 2022-23 के वित्तीय वर्षों से जुड़ा है। आयरलैंड में शेल कंपनियों से टैक्स में हेराफेरी का आरोप दरअसल, टैक्स अधिकारियों का कहना है कि एयरलाइंस ने विमानों को किराए पर लेने के लिए आयरलैंड में SPV/SPC (स्पेशल पर्पज व्हीकल) नाम की शेल कंपनियां बनवाईं, जिनका असल में कोई कारोबार, ऑफिस या कर्मचारी नहीं है। इनका मकसद सिर्फ आयरलैंड-भारत के बीच टैक्स संधि (DTAA) का फायदा उठाकर भारत में टैक्स चुकाने से बचना था। हालांकि कंपनियों ने इसे गलत बताते हुए कोर्ट में चुनौती देने की बात कही है। वहीं, आयरलैंड सरकार ने भी अपने लेसर्स का बचाव करते हुए कहा है कि उनकी कंपनियों को शेल बताने के आरोप गलत हैं। वे असली कंपनियां हैं। 6 महीने में 19.66% चढ़ा इंडिगो का शेयर इंडिगो का शेयर आज यानी, 21 अप्रैल को 2.38% की तेजी के साथ 5,493.50 रुपए पर कारोबार कर रहा है। पिछले 5 कारोबारी दिनों में शेयर 6.67% का रिटर्न दे चुका है। पिछले 1 साल में शेयर 47.40% तक चढ़ चुका है। इंडिगो को मार्च में ₹944.20 करोड़ का टैक्स नोटिस मिल चुका इससे पहले 30 मार्च को इंडिगो की पेरेंट कंपनी इंटरग्लोब एविएशन को आयकर विभाग ने 944.20 करोड़ रुपए का पेनाल्टी ऑर्डर भेजा था। कंपनी ने एक्सचेंज फाइलिंग में बताया कि 2021-22 असेसमेंट ईयर के लिए इनकम टैक्स एक्ट 270A के तहत ये पेनाल्टी लगाई गई है। इसके साथ चेन्नई के संयुक्त आयकर आयुक्त ने कंपनी पर 2.84 करोड़ रुपए का जुर्माना भी लगाया था। इंडिगो ने इनकम टैक्स की पेनाल्टी को बेबुनियाद बताया था। कंपनी ने कहा कि सेक्शन 143(3) के तहत असेसमेंट ऑर्डर के खिलाफ दायर अपील अभी पेंडिंग है, लेकिन टैक्स अधिकारियों ने इसे खारिज मानकर जुर्माना लगा दिया। कंपनी ने आगे बताया कि वह इस मामले में कानूनी रास्ता अपनाएगी और इस ऑर्डर को चुनौती देगी। पेनाल्टी का रेवेन्यू, ऑपरेशन या बिजनेस पर कोई बड़ा असर नहीं पड़ा है। इससे पहले GST और कस्टम डिपार्टमेंट भी लगा चुके जुर्माना

भारतीय एयरलाइंस के खिलाफ आयकर विभाग की कार्रवाई
हाल ही में, भारतीय एयरलाइंस के खिलाफ आयकर विभाग ने एक महत्वपूर्ण कार्रवाई की है। इस कार्रवाई के तहत, इंडिगो सहित तीन प्रमुख विमानन कंपनियों को 1500 करोड़ रुपये का नोटिस दिया गया है। इन कंपनियों पर आरोप है कि वे शेल कंपनियों का सहारा लेकर टैक्स बचाने की कोशिश कर रही हैं। यह कार्रवाई भारतीय टैक्स कानूनों की सख्ती और पारदर्शिता को बनाए रखने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
आयकर विभाग की कार्रवाई के प्रमुख बिंदु
1. **नोटिस का विवरण**: आयकर विभाग ने जिन तीन कंपनियों को नोटिस भेजा है, उनमें इंडिगो और अन्य प्रमुख विमानन कंपनियाँ शामिल हैं। यह नोटिस 1500 करोड़ रुपये के टैक्स के लिए जारी किया गया है, जो कि एक बड़ी राशि है।
2. **शेल कंपनियों का उपयोग**: रिपोर्ट के अनुसार, ये कंपनियाँ शेल कंपनियों का प्रयोग कर करों से बचने का प्रयास कर रही थीं। ऐसा प्रतीत होता है कि इन कंपनियों ने वित्तीय लेनदेन में कम दिखाने के लिए इन शेल कंपनियों का सहारा लिया।
क्या है शेल कंपनियाँ?
शेल कंपनियाँ वे होती हैं, जो केवल कागज़ों पर मौजूद होती हैं और जिनका कोई वास्तविक व्यापार नहीं होता। उन्हें अक्सर टैक्स चोरी और पैसे की सफाई करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
भारतीय विमानन उद्योग पर प्रभाव
यह कार्रवाई भारतीय विमानन उद्योग पर एक बड़ी छाया डाल सकती है। इससे न केवल इन कंपनियों को गंभीर कानूनी समस्याएँ हो सकती हैं, बल्कि यह निवेशकों और ग्राहकों के विश्वास पर भी असर डाल सकती है।
भविष्य में संभावित कदम
आयकर विभाग की इस कार्रवाई के बाद, संभवतः अन्य कंपनियों पर भी नजर रखी जाएगी। उद्योग को यह समझना होगा कि टैक्स ज़िम्मेदारियों का पालन करना आवश्यक है। इसके अतिरिक्त, कंपनियों को अपनी वित्तीय प्रक्रियाओं में पारदर्शिता लाने की आवश्यकता है।
निष्कर्षतः, यह कार्रवाई वास्तविकता को उजागर करती है कि कैसे वित्तीय नियमों का उल्लंघन होने पर कंपनियों को गंभीर परिणामों का सामना करना पड़ सकता है।
News by indiatwoday.com
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