भारत-EU के बीच FTA पर 11वें-राउंड की बातचीत कल से:ये 16 मई तक चलेगी, 2025 के आखिरी तक पूरा हो सकता है फ्री ट्रेड एग्रीमेंट

भारत और यूरोपीय यूनियन (EU) सोमवार (12 मई) से प्रस्तावित फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) पर 11वें राउंड की बातचीत शुरू करेंगे। इस बातचीत का उद्देश्य समझौते के पहले फेज को जल्द से जल्द पूरा करना है। एक सरकारी अधिकारी ने समाचार एजेंसी PTI को इस बात की जानकारी दी है। यूरोपीय यूनियन की टीम 11वें राउंड की बातचीत के लिए दिल्ली आएगी। यह बातचीत 16 मई तक चलेगी। दोनों पक्षों ने इस एग्रीमेंट को दो फेज में अंतिम रूप देने पर सहमति व्यक्त की है। एग्रीमेंट के शुरुआती फेज में उन क्षेत्रों को शामिल किया जाएगा, जहां पहले से ही सहमति है। दूसरे फेज को इस साल के आखिरी तक पूरा करने का टारगेट रखा गया है। 10 राउंड की बातचीत में गुड्स-सर्विसेज जैसे मुद्दों पर चर्चा हुई पिछले 10 राउंड की बातचीत में गुड्स, सर्विसेज, इन्वेस्टमेंट और सरकारी खरीद में बाजार की पहुंच जैसे मुद्दों पर चर्चा की गई थी। भारत ने ऑस्ट्रेलिया के साथ अपनी ट्रेड डील में इसी तरह की टू-फेज बातचीत की स्ट्रेटेजी अपनाई है और अमेरिका के साथ बातचीत में भी यही अप्रोच अपना रहा है। ऑटोमोबाइल-मेडिकल डिवाइसेज पर टैक्स कटौती चाहता है EU यूरोपीय यूनियन इस FTA के तहत ऑटोमोबाइल और मेडिकल डिवाइसेज पर टैक्स में भारी कटौती की मांग कर रहा है। साथ ही वाइन, स्पिरिट्स, मीट और पोल्ट्री जैसे प्रोडक्ट्स पर भी टैक्स में कटौती की डिमांड कर रहा है। साथ ही EU इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट्स रिजीम की भी वकालत कर रहा है। अगर FTA सक्सेसफुली पूरा हो जाता है, तो रेडीमेड गारमेंट्स, फार्मास्यूटिकल्स, स्टील, पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स और इलेक्ट्रिकल मशीनरी जैसे भारतीय एक्सपोर्ट्स यूरोपीय यूनियन के मार्केट में ज्यादा कॉम्पिटेटिव बन जाएंगे। 1 मई को FTA को लेकर पीयूष गोयल ने ब्रुसेल्स का दौरा किया था 1 मई को कॉमर्स एंड इंडस्ट्री मिनिस्टर पीयूष गोयल ने FTA बातचीत की प्रोग्रेस का आकलन करने के लिए ब्रुसेल्स का दौरा किया था। भारत और 27 मेंबर यूरोपीय यूनियन के बीच आठ साल के विराम के बाद जून 2022 में वार्ता फिर से शुरू हुई। मार्केट लिब्रलाइजेशन यानी बाजार उदारीकरण की सीमा पर असहमति के कारण 2013 में वार्ता रुक गई थी। 28 फरवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूरोपीय कमीशन के प्रेसिडेंट ने 2025 के आखिरी तक ट्रेड एग्रिमेंट को पूरा करने की बात कही थी। भारत और यूरोपीय यूनियन की FTA बातचीत में 23 चैप्टर शामिल भारत और यूरोपीय यूनियन की FTA बातचीत में 23 चैप्टर शामिल किया है। जिनमें गुड्स ट्रेड, सर्विस ट्रेड, इन्वेस्टमेंट, सेनेटरी एंड फाइटोसेनिटरी, ट्रेड में टेक्निकल बैरियर्स, ट्रेड रेमेडीज, रूल्स ऑफ ओरिजिन, कस्टम्स एंड ट्रेड फैसिलिटेशन, कॉम्पिटिशन, ट्रेड डिफेंस, गवर्नमेंट प्रोक्योरमेंट, डिस्प्यूट सेटलमेंट, इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट्स, जियोग्राफिकल इंडिकेशन और सस्टेनेबल डेवलपमेंट भी शामिल है। 2023-24 में बायलेटरल ट्रेड 137.41 बिलियन डॉलर का रहा 2023-24 में यूरोपीय यूनियन के साथ गुड्स में भारत का बायलेटरल ट्रेड यानी द्विपक्षीय व्यापार 137.41 बिलियन डॉलर (एक्सपोर्ट: 75.92 बिलियन डॉलर; इंपोर्ट: 61.48 बिलियन डॉलर) तक पहुंच गया। जिससे यूरोपीय यूनियन भारत का गुड्स में सबसे बड़ा ट्रेडिंग पार्टनर बन गया। भारत के टोटल एक्सपोर्ट्स में EU का हिस्सा करीब 17% है भारत के टोटल एक्सपोर्ट्स में यूरोपीय यूनियन का हिस्सा करीब 17% है। वहीं यूरोपीय यूनियन के टोटल एक्सपोर्ट्स में भारत का हिस्सा करीब 9% है। दोनों देशों के बीच सर्विसेज का बायलेटरल ट्रेड 2023 में 51.45 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया। FTA के अलावा भारत और यूरोपीय यूनियन एक इन्वेस्टमेंट प्रोटेक्शन एग्रीमेंट और जियोग्राफिकल इंडिकेशन (GIs) पर एक एग्रीमेंट पर भी बातचीत कर रहे हैं। वहीं 6 मई को भारत और यूनाइटेड किंगडम (UK) ने फ्री ट्रेड एग्रीमेंट की बातचीत के समापन की घोषणा की थी। कितने टाइप के होते हैं ट्रेड एग्रीमेंट्स? फ्री ट्रेड एग्रीमेंट्स को उसके नेचर के हिसाब से अलग-अलग नाम दिए जाते हैं। इनमें PTA (प्रेफरेंशियल), RTA (रीजनल) और BTA (बाइलेटरल) शामिल हैं। WTO इस तरह के सभी इकोनॉमिक इंगेजमेंट्स को RTA नाम देता है। भारत ने किन देशों के साथ इन समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं? भारत ने श्रीलंका, भूटान, थाईलैंड, सिंगापुर, मलेशिया, कोरिया, जापान, ऑस्ट्रेलिया, यूएई, मॉरीशस, ASEAN और EFTA ब्लॉक्स के साथ ट्रेड एग्रीमेंट्स किए हैं। ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (GTRI) के अनुसार, एशिया की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के साथ डील हासिल करने के बाद भारत ने अपना FTA फोकस ईस्ट (ASEAN, जापान, कोरिया) से वेस्टर्न पार्टनर्स की ओर शिफ्ट कर दिया है। भारत अब एक्सपोर्ट्स का विस्तार करने और वेस्ट की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं से व्यापार संबंधों को मजबूत करने के लिए EU और US के साथ FTA को प्राथमिकता दे रहा है। ये खबर भी पढ़ें... भारत में UK की लग्जरी कारें-ब्रांडेड कपड़े सस्ते होंगे: दोनों देशों ने फ्री ट्रेड एग्रीमेंट साइन किया, PM मोदी बोले- ये एक ऐतिहासिक उपलब्धि भारत में UK की लग्जरी कारें, ब्रांडेड कपड़े और फुटवियर सस्ते हो सकते हैं। आज यानी, मंगलवार 6 मई को भारत और यूके ने फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) साइन कर दिया है। समझौते को 14 राउंड की वार्ता के बाद अंतिम रूप दिया गया। इस एग्रीमेंट के बाद आयातित व्हिस्की और जिन पर भारत का टैरिफ 150% से घटाकर 75% कर दिया जाएगा। बाद में समझौते के दसवें साल तक इसे घटाकर 40% कर दिया जाएगा। वहीं ऑटोमोटिव पर टैरिफ 100% से घटकर 10% हो जाएगा। पूरी खबर पढ़ें...

May 12, 2025 - 00:27
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भारत-EU के बीच FTA पर 11वें-राउंड की बातचीत कल से:ये 16 मई तक चलेगी, 2025 के आखिरी तक पूरा हो सकता है फ्री ट्रेड एग्रीमेंट
भारत और यूरोपीय यूनियन (EU) सोमवार (12 मई) से प्रस्तावित फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) पर 11वें राउंड की बातची

भारत-EU के बीच FTA पर 11वें-राउंड की बातचीत कल से: ये 16 मई तक चलेगी, 2025 के आखिरी तक पूरा हो सकता है फ्री ट्रेड एग्रीमेंट

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कल से भारत और यूरोपीय संघ (EU) के बीच फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) पर 11वें राउंड की बातचीत शुरू होने जा रही है। यह महत्वपूर्ण बातचीत 16 मई तक चलेगी और इसके सफल परिणामों की उम्मीद की जा रही है। साथ ही, 2025 के अंत तक इस फ्री ट्रेड एग्रीमेंट का पूरा होना संभव है। इस परिस्थिति में, यह समझौता न केवल दो जनसंख्याओं के लिए अनेक आर्थिक अवसर पैदा कर सकता है, बल्कि वैश्विक व्यापार के लिए भी एक नया मापदंड सेट कर सकता है।

FTA के महत्व को समझना

फ्री ट्रेड एग्रीमेंट का मतलब है कि दोनों पक्षों में व्यापार संबंधों को बढ़ावा देने के लिए टैरिफ और व्यापार बाधाओं को कम किया जाएगा। भारत और EU के बीच यह समझौता कई उद्योगों के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है, जैसे कृषि, वस्त्र, तकनीकी उत्पाद और सेवाएँ। इससे भारतीय निर्यातकों को यूरोप के बाजार में अधिक पहुँच मिल सकेगी, जिससे देश के आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा।

बातचीत का उद्देश्य और लक्ष्य

इस वार्ता का मुख्य उद्देश्य भारतीय उत्पादों को EU बाजार में प्रतिस्पर्धात्मक बनाने के लिए आवश्यक नीतियों और उपायों पर सहमति बनाना है। इसमें विकासशील देशों के लिए विशेष सुविधाएँ और आर्थिक सहयोग पर भी बात की जाएगी। उम्मीद की जा रही है कि यह राउंड दोनों पक्षों के लिए संतोषजनक समाधान लाएगा, जिससे एक ठोस और लाभकारी समझौता सामने आ सकेगा।

2025 के लक्ष्य का महत्व

विशेषज्ञों का मानना है कि यदि यह FTA 2025 के अंत तक पूरा होता है, तो यह भारतीय अर्थव्यवस्था को नए आयाम देने में सहायक होगा। इस समझौते से भारत की जीडीपी में वृद्धि होने की संभावना है और कई नए रोजगार के अवसर भी सामने आ सकते हैं। इसके साथ ही, यूरोप के उपभोक्ताओं के पास अधिक विकल्प होंगे और गुणवत्ता में भी सुधार होगा।

निष्कर्ष

भारतीय और EU के बीच FTA की वार्ताएँ व्यापार के एक नए युग की शुरुआत कर सकती हैं। दोनों पक्षों के बीच सकारात्मक बातचीत की उम्मीद है, जिससे यह व्यापार समझौता सफलतापूर्वक संपन्न हो सके। आगे चलकर, यह न केवल आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करेगा, बल्कि दोनों क्षेत्रों के बीच घनिष्ठ संबंध भी स्थापित करेगा। इस संदर्भ में और अधिक जानकारी के लिए, आप हमारी वेबसाइट [IndiaTwoday](https://indiatwoday.com) पर जा सकते हैं।

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