मथुरा में किसानों ने दी आंदोलन की चेतावनी:मांगों को लेकर जिलाधिकारी को सौंपा ज्ञापन, डीएम कार्यालय पहुंचकर किया विरोध प्रर्दशन
मथुरा में किसानों की विभिन्न समस्याओं को लेकर भारतीय किसान यूनियन टिकैत के कार्यकर्ताओं ने जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा। जिसमें किसानों की समस्याओं का समय से समाधान न होने से आक्रोशित थे। जिसके चलते वह जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचे और जमकर नारेबाजी की। मथुरा में भारतीय किसान यूनियन टिकैत के जिला अध्यक्ष धर्मवीर सिंह चौधरी के नेतृत्व में दर्जनों की संख्या में किसान एवं यूनियन के कार्यकर्ता जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचे जहां उन्होंने अपनी मांगों को लेकर जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा। जिला अध्यक्ष धर्मवीर सिंह चौधरी ने बताया कि किसानों की विभिन्न समस्याएं जिसमें एमएसपी गारंटी, आवारा गोवंश, बिजली निजीकरण, नहर रजवाहा में पानी न आना , गन्ने का समय से भुगतान न होना व वृंदावन के जहांगीरपुर में किसानों की जमीन पर बुलडोजर चलाने जैसी समस्याओं को लेकर ज्ञापन दिया है। किसानों ने कहा कि उन्हें जनपद में समय से फसल सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। जिससे किसान इंजन चलाकर सिचाई कर रहे जिसके कारण उनके ऊपर दोहरी मार पड़ रही हैं। सरकार बिजली का भी निजीकरण कर रही है जैसे किसान को भारी नुकसान होगा इसके साथ ही वृंदावन के जहांगीरपुर में किसान की जमीन पर बुलडोजर चला दिया गया। जहां फूल व अन्य फसलें उगाई जातीं थीं वहां प्रशासन ने बुलडोजर चलाकर सब कुछ तहस नहस कर दिया है। इतना ही नहीं जनपद में आवारा गोवंश भी खुले में घूम रहे हैं और फसलों को बर्बाद कर रहे हैं। कई बार प्रशासन को अवगत कराने के बावजूद भी अभी तक आवारा गोवंश को गौशालाओं में नहीं भेजा गया है जिससे फसल बर्बाद हो रही है। यूनियन के जिलाध्यक्ष ने कहा कि यदि प्रशासन के द्वारा समय से समस्याओं का निस्तारण नहीं किया गया तो निश्चित तौर पर आने वाले समय में एक बड़ा आंदोलन होगा।

मथुरा में किसानों ने दी आंदोलन की चेतावनी
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किसान आंदोलन का कारण
मथुरा में किसानों ने जिलाधिकारी को अपनी मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपते हुए आंदोलन की चेतावनी दी है। किसानों का कहना है कि उनकी समस्याओं का समाधान न होने पर वे मजबूरन सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन करेंगे। इस ज्ञापन में प्रमुख मुद्दों को शामिल किया गया है, जो किसानों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं।
ज्ञापन में शामिल मांगे
किसानों ने अपने ज्ञापन में रुझान, उचित मूल्य, बाढ़ से राहत, और आवश्यक कृषि संसाधनों की उपलब्धता जैसे मुद्दों को उठाया है। उनका कहना है कि यदि उनकी मांगों का जल्द समाधान नहीं किया गया, तो आंदोलन की राह अपनानी पड़ेगी। इस कदम से प्रशासन पर भी दबाव बनेगा कि वह जल्द से जल्द कार्रवाई करें।
डीएम कार्यालय पर विरोध प्रदर्शन
किसान, जिनकी संख्या आज काफी अधिक थी, डीएम कार्यालय तक पहुंचे और वहां शांतिपूर्ण ढंग से विरोध प्रदर्शन किया। उनकी एकता और दृढ़ संकल्प ने प्रशासन का ध्यान खींचा है। उन्होंने इस बात को स्पष्ट किया है कि वे अपने अधिकारों के लिए लड़ाई लड़ने के लिए तैयार हैं।
किसानों की एकता और भविष्य
किसानों का यह आंदोलन केवल मथुरा में नहीं बल्कि पूरे देश में कृषि संकट और किसानों की आवश्यकताओं को उजागर करता है। विश्लेषकों का मानना है कि यह समय बहुत महत्वपूर्ण है, जिसमें सरकार को किसानों की बातों को गंभीरता से लेना चाहिए।
किसानों का मानना है कि जब तक उनकी समस्याओं का समाधान नहीं होता, तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा। यह निश्चित रूप से मथुरा के कृषि क्षेत्र में महत्वपूर्ण बदलाव ला सकता है।
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यह आंदोलन आने वाले दिनों में और भी ताकतवर बन सकता है, और इस पर सभी की नजरें रहेंगी।
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