महाकुंभ स्नान के बाद चित्रकूट 10 लाख श्रद्धालु:5 किमी पैदल चलकर कर रहे मंदाकिनी में स्नान, शहर में लगा जाम
प्रयागराज महाकुंभ 2025 में स्नान करने के बाद बड़ी संख्या में श्रद्धालु चित्रकूट पहुंच रहे हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, अब तक लगभग 10 लाख श्रद्धालुओं ने चित्रकूट की यात्रा की है और यह संख्या लगातार बढ़ रही है। श्रद्धालु मंदाकिनी नदी में स्नान के साथ-साथ कामतानाथ मंदिर की परिक्रमा कर रहे हैं। राजस्थान, गुजरात और मध्य प्रदेश से आए भक्तों को भारी यातायात के कारण करीब 5 किलोमीटर पैदल चलकर मंदाकिनी नदी तक पहुंचना पड़ रहा है। शहर में जगह-जगह वाहनों का जाम लगा हुआ है। जिला प्रशासन ने व्यवस्था को सुचारू रखने के लिए विशेष इंतजाम किए हैं। प्रमुख स्थानों पर पुलिस बल तैनात किया गया है और सेक्टर मजिस्ट्रेट लगातार स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं। श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या को देखते हुए देर शाम तक और भी भक्तों के पहुंचने की संभावना है।

महाकुंभ स्नान के बाद चित्रकूट 10 लाख श्रद्धालु:5 किमी पैदल चलकर कर रहे मंदाकिनी में स्नान, शहर में लगा जाम
महाकुंभ के दौरान चित्रकूट में हुए भव्य स्नान ने न केवल श्रद्धालुओं के दिलों को छू लिया है, बल्कि यहाँ की व्यवस्था और भीड़ भी एक बार फिर चर्चा का विषय बन गई है। इस विशेष अवसर पर 10 लाख से अधिक श्रद्धालु अपने पवित्र स्नान के लिए मंदाकिनी नदी की ओर बढ़ रहे हैं, जहाँ उन्होंने 5 किलोमीटर पैदल चलकर पवित्र जल में स्नान करने की तैयारी की है।
श्रद्धालुओं का उमड़ता सैलाब
चित्रकूट में महाकुंभ स्नान के अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं का आना देखा गया। सभी श्रद्धालु अपने पवित्र तीर्थ की महत्वता के साथ मंदाकिनी में स्नान के लिए निकले हैं। इस दौरान, चारों ओर भक्ति का वातावरण है, लेकिन शहर में बड़े स्तर पर जाम भी लग गया है, जिससे स्थानीय निवासियों और यात्रा कर रहे लोगों को कठिनाई हो रही है।
सुरक्षा और व्यवस्था के इंतजाम
इस विशाल संख्या को देखते हुए प्रशासन ने सुरक्षा और व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम किए हैं। पुलिस और अन्य स्थानीय विभाग सक्रिय होकर श्रद्धालुओं की मदद कर रहे हैं और किसी भी समस्या के समाधान के लिए तत्पर हैं। लेकिन भीड़ भरे स्थानों पर जाम की स्थिति को नियंत्रित करना चैलेंजिंग साबित हो रहा है।
धार्मिक महत्व और श्रद्धा का अनुभव
मंदाकिनी नदी का स्नान हिन्दू धर्म में एक विशेष महत्व रखता है। श्रद्धालुओं का मानना है कि यहाँ स्नान करने से उनके सारे पाप समाप्त हो जाते हैं और उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है। चित्रकूट का वातावरण और मंदिरों की भव्यता सभी को भक्ति का अनुभव करा रही है।
महाकुंभ स्नान के बाद इस तरह की भीड़ एक सामान्य दृश्य बन चुका है, लेकिन स्थानीय प्रशासन इस भीड़ को व्यवस्थित करने में पूरी कोशिश कर रहा है। यदि आप भी इस महाकुंभ के अनुभव का हिस्सा बनना चाहते हैं, तो निस्संदेह चित्रकूट की यात्रा करें।
अंत में, इस खास अवसर पर हम सभी श्रद्धालुओं की सुख, शांति और भक्ति की कामना करते हैं। जनसाधारण के लिए यह एक अद्वितीय अवसर है, जिससे वे अपने धार्मिक आस्था को और मजबूत कर सकते हैं।
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