मुख्यमंत्री सामूहिक-विवाह समारोह में भूखे लौटे 100 दूल्हा-दुल्हन:मंत्री-विधायकों के सामने हंगामा हुआ, खाना छोड़कर भागे कर्मचारी; 193 जोड़ों की शादी हुई थी
वाराणसी में मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह समारोह में बवाल हो गया। खाना न मिलने पर राज्यमंत्री और विधायकों की मौजूदगी में ही बारातियों और परिजनों ने हंगामा शुरू कर दिया। किसी को सिर्फ सब्जी मिली तो किसी को सिर्फ पूड़ी। बर्तन खाली देखकर कर्मचारी काउंटर छोड़कर भाग निकले। वहीं 100 से अधिक दूल्हा-दुल्हन बिना भोजन के ही विदा हो गए। उधर, विवाह समारोह के मुख्य अतिथि कैबिनेट मंत्री अनिल राजभर कार्यक्रम में शामिल होने नहीं पहुंचे। मामला हरहुआ (पिंडरा) क्षेत्र का है। 193 जोड़ों ने सात फेरे लिए, मंत्री के सामने हंगामा गुरुवार को हरहुआ ब्लॉक में गुरुवार को 193 जोड़ों के लिए मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह का आयोजन किया गया। काशी कृषक इंटर कालेज के 193 जोड़ों ने सात फेरे लिए। इस दौरान राज्य मंत्री रविंद्र जायसवाल ने नव वर वधु को आशीर्वाद दिया। पिंडरा विधायक अवधेश सिंह और अजगरा विधायक टी. राम समेत अन्य जनप्रतिनिधियों ने भी शिरकत की। जिले के चिरईगांव से 62, हरहुआ से 53, चोलापुर- 52, पिंडरा-16, बड़ागांव से 6 और अराजीलाइन-4 विकास खंड से आए जोड़ों ने इस मौके पर वैवाहिक जीवन की शुरुआत की। इसमें कुल 4 मुस्लिम जोड़े थे। शादी की रस्मों के दौरान खाना शुरू हुआ। कुछ की देर में पूरा खाना खत्म हो गया। बरात में आए लोग एक दूसरे से भिड़ गए और झगड़े पर आमादा हो गए। बर्तन खाली देखकर कर्मचारी काउंटर छोड़कर भाग निकले। दूल्हा-दुल्हन और उनके परिजन पत्तल लेकर एक काउंटर से दूसरे काउंटर का चक्कर लगाते मिले। खाना खत्म हुआ तो वेटर काउंटर छोड़कर भाग निकले किसी के हाथ पत्तल लगा तो किसी के हाथ नहीं लगा। किसी की प्लेट में पूड़ी दिखाई दी तो किसी के प्लेट में सब्जी। लोग ऐसा होने पर नाराज होते भी दिखाई दिए। स्टाल पर खाना परोसने के लिए वेटर और विभागीय कर्मचारियों को लगाया गया था। जब काउंटर पर बाराती पहुंचे तो चंद मिनट में सभी खाने के बर्तन खाली हो गए। सभी वेटर भीड़ देखकर पंडाल छोड़कर भाग निकले। बीडीओ हरहुआ बद्री प्रसाद वर्मा से बात की। उन्होंने बताया- खाने के स्टाल पर अचानक से भीड़ बढ़ गयी थी। जिसकी वजह से स्टाल पर अफरा-तफरी हुई थी। खाना निकलने को लेकर कुछ वेटरों से लोगों से बहस हुई थी। जिसके बाद वो खाना निकलना छोड़कर वहां से। जिसके बाद व्यवस्था कंट्रोल के बाहर हो गई क्योंकि भीड़ बहुत थी। फिलहाल इसकी टेंट वाले से जानकारी की जा रही है। जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी। एक जोड़े पर मिलता है 20 कूपन बीडीओ ने बताया- सरकार के नियम के अनुसार मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह में वर और वधु पक्ष से 10-10 कूपन दिए जाते हैं। जिन्हें देने के बाद खाना मिलता है। 193 जोड़ों की शादी हुई है। ऐसे में 3,860 लोगों का खाना बनाया गया होगा। इसके अलावा कर्मचारियों और काम में लगे लोगों का भी। इसके बावजूद खाना कैसे कम हुआ इसकी भी जांच की जाएगी। हर जोड़ो पर 51 हजार की सहायता मंत्री रविंद्र जायसवाल ने बताया- आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों की बेटियों की शादी में कोई बाधा न आए उसके लिए सरकार ने यह योजना शुरू की है। इसमें प्रत्येक जोड़े को 51 हजार रुपए की सहयता दी जाती है। सरकार की इस पहल को सामाजिक स्तर पर सकारात्मक संकेत के रूप में देखा जा रहा है।

मुख्यमंत्री सामूहिक-विवाह समारोह में भूखे लौटे 100 दूल्हा-दुल्हन
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वाराणसी के हरहुआ ब्लॉक में आयोजित मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह समारोह में हंगामा मच गया। समारोह के दौरान 193 जोड़ों ने शादी के बंधन में बंधने की खुशी मनाई लेकिन इस खुशी के बीच एक बड़ी समस्या सामने आई। 100 से अधिक दूल्हा-दुल्हन बिना भोजन के ही विदा हो गए और समारोह में उपस्थित मंत्री-विधायकों के सामने बारातियों ने हंगामा शुरू कर दिया।
हंगामे का कारण और स्थिति
गुरुवार को काशी कृषक इंटर कालेज में आयोजित इस समारोह में, सभी दूल्हा-दुल्हन के परिजनों को खाना परोसा जाना था। लेकिन कुछ ही समय में खाने के बर्तन खाली हो गए, जिससे उपस्थित लोग न सिर्फ नाराज हो गए, बल्कि हंगामा भी मच गया। किसी को सिर्फ पूड़ी मिली तो किसी के प्लेट में केवल सब्जी थी। जब कर्मचारियों को देखा कि भोजन समाप्त हो गया, वे काउंटर छोड़कर भाग गए। वेतन भोगी कर्मचारियों का यह व्यवहार समारोह की गरिमा को गिरा गया।
कैसे हुआ यह सब?
दूल्हा-दुल्हन और उनके परिजन पत्तल लेकर एक काउंटर से दूसरे काउंटर का चक्कर लगाते रहे। बारातियों के बीच व्याप्त अफरा-तफरी ने समारोह में उपस्थित जनप्रतिनिधियों को भी चिंता में डाल दिया। जब खाने के सेवा कर्मचारी यह देखकर भाग गए कि अधिक भीड़ आने से व्यवस्था बिगड़ गई थी, तो स्थिति और भी बिगड़ गई। बीडीओ हरहुआ बद्री प्रसाद वर्मा ने बताया कि खाने के स्टाल पर अचानक से भीड़ बढ़ गई थी और कर्मचारियों से विवाद भी हुआ था।
सरकार की पहल और साथ की कमी
इस समारोह में राज्य मंत्री रविंद्र जायसवाल ने नव वर-वधू को आशीर्वाद दिया, जबकि पिंडरा विधायक अवधेश सिंह और अजगरा विधायक टी. राम भी उपस्थित थे। राज्य सरकार ने इस योजना के तहत आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों की बेटियों की शादी में सहायता के लिए प्रत्येक जोड़े को 51 हजार रुपये की मदद देने की योजना बनाई है, जिसे सामाजिक स्तर पर सकारात्मक संकेत माना जा रहा है।
भविष्य के लिए Lessons और अनुसंधान
इस घटना ने एक बार फिर से यह स्पष्ट कर दिया है कि समारोहों के दौरान व्यवस्थाएँ सुनिश्चित करने के लिए सरकार और आयोजनकर्ता दोनों को अधिक प्रभावी योजना बनाने की आवश्यकता है। सिर्फ धनराशि मुहैया कराना ही नहीं, बल्कि सुरक्षा और खाद्य व्यवस्था पर भी ध्यान देना आवश्यक है। जांच के बाद उचित कार्रवाई के आश्वासन ने इस मुद्दे पर सख्ती की मांग को भी धरातल पर लाने का प्रयास किया है।
निष्कर्ष
कुल मिलाकर, यह घटना न केवल दूल्हा-दुल्हन की खुशी को प्रभावित करती है, बल्कि यह समारोह की व्यवस्था पर भी सवाल उठाती है। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि ऐसे समारोह में भाग लेने वाले सभी लोगों को संतुष्ट किया जा सके। क्या हमें सामाजिक कार्यों में सिर्फ आर्थिक मदद की आवश्यकता है? नहीं, हमें अनुभव भी बेहतर बनाना है।
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