मूर्ति बोले-हफ्ते में 70 घंटे काम कोई थोप नहीं सकता:मैं 40 सालों से सुबह 6.30 से रात 8.30 तक काम करता आ रहा

इंफोसिस के को-फाउंडर नारायण मूर्ति ने हफ्ते में 70 घंटे काम वाले अपने बयान पर सफाई दी। उन्होंने कहा- ऐसा कोई नहीं है जो कह सके कि आपको यह करना चाहिए, आपको यह नहीं करना चाहिए।' मूर्ति ने कहा, 'कोई भी व्यक्ति लंबे समय तक काम करने की मांग नहीं कर सकता है। ये ऐसे मुद्दे हैं जिन पर आत्मचिंतन करना चाहिए ना की बहस। इसकी आवश्यकता समझने की जरूरत है।' उन्होंने कहा- मैं सुबह 6.30 बजे ऑफिस पहुंचता था और रात 8:30 बजे निकलता था। मैं ऐसा 40 साल से कर रहा हूं। मैंने ऐसा किया ये फैक्ट है। इसलिए कोई भी ये नहीं कह सकता है कि ये गलत है। नारायण मूर्ति 20 जनवरी को इंडियन मर्चेंट्स चैंबर (IMC) के आयोजित किलाचंद मेमोरियल लेक्चर में शामिल हुए थे। वर्क-लाइफ बैलेंस पर उनसे किए गए सवाल के जवाब में उन्होंने ये बात कही। दो मौके जब मूर्ति ने हफ्ते में 70 घंटे काम की सलाह दी अक्टूबर 2023: मूर्ति ने देश के युवाओं को हफ्ते में 70 घंटे काम करने की सलाह दी थी। इसके बाद सोशल मीडिया कई अलग-अलग धड़ों में बंट गया था। मूर्ति के इस बयान के बाद उनकी जितनी आलोचना हुई थी, उतना साथ भी मिला था। दिसंबर 2024: मूर्ति ने कहा था कि युवाओं को यह समझना होगा कि हमें कड़ी मेहनत करनी होगी और भारत को नंबर एक बनाने की दिशा में काम करना होगा। हमें अपनी आकांक्षाएं ऊंची रखनी होंगी, क्योंकि 800 मिलियन (80 करोड़) भारतीयों को मुफ्त राशन मिलता है। इसका मतलब है कि 800 मिलियन भारतीय गरीबी में हैं। अगर हम कड़ी मेहनत करने की स्थिति में नहीं हैं तो कौन कड़ी मेहनत करेगा।' LT चेयरमैन सुब्रह्मण्यन हफ्ते में 90 घंटे काम के समर्थन में 11 जनवरी को लार्सन एंड टुब्रो (LT) के चेयरमैन SN सुब्रह्मण्यन ने अपने एम्प्लॉइज के साथ LT की इंटरनल मीटिंग में ऑनलाइन बातचीत के दौरान एक हफ्ते में 90 घंटे काम करने की सलाह दी थी। उन्होंने कहा था कि अगर संभव हुआ तो कंपनी आपसे रविवार को भी काम करवाएगी।सुब्रह्मण्यन ​​​​ने बातचीत के दौरान कर्मचारियों के सवालों के जवाब भी दिए और सवाल भी किए थे। जब उनसे पूछा गया कि बिलियन डॉलर वाली ये कंपनी अपने एम्प्लॉइज को शनिवार को भी क्यों बुलाती है। इसके जवाब में उन्होंने कहा था कि मुझे खेद है कि मैं आपको रविवार को काम नहीं करवा पा रहा हूं। अगर मैं आपको रविवार को भी काम करवा पाऊं, तो मुझे ज्यादा खुशी होगी, क्योंकि मैं रविवार को काम करता हूं।' पूरी खबर पढ़ें... अडाणी बोले थे - 8 घंटे घर रहने पर भी बीबी भाग जाएगी इससे पहले हाल ही में वर्क-लाइफ बैलेंस पर गौतम अडाणी ने कहा था कि 'आपका वर्क-लाइफ बैलेंस मेरे ऊपर और मेरा आपके ऊपर थोपा नहीं जाना चाहिए। मान लीजिए, कोई व्यक्ति अपने परिवार के साथ चार घंटे बिताता है और उसमें आनंद पाता है, या कोई अन्य व्यक्ति आठ घंटे बिताता है और उसमें आनंद लेता है, तो यह उसका बैलेंस है। इसके बावजूद यदि आप आठ घंटे बिताते हैं, तो बीवी भाग जाएगी।' अडाणी ने कहा था कि संतुलन तब महसूस होता है जब कोई व्यक्ति वह काम करता है जो उसे पसंद है। जब कोई व्यक्ति यह स्वीकार कर लेता है कि उसे कभी ना कभी जाना है, तो उसका जीवन आसान हो जाता है। पूरी खबर पढ़ें... ......................................... नारायण मूर्ति से जुड़ी ये खबरें भी पढ़ें... नारायण मूर्ति की 70 घंटे काम करने की सलाह: रिसर्च में दावा-काम में गलतियां और दिल की बीमारियां बढ़ेंगी, महिलाओं में कैंसर का खतरा भी इंफोसिस के फाउंडर नारायण मूर्ति की हफ्ते में 70 घंटे काम करने की सलाह पर बहस जारी है। वहीं, विश्व स्वास्थ्य संगठन से लेकर डॉक्टर्स तक का कहना है कि सप्ताह में 35-40 घंटों से ज्यादा काम करने से न सिर्फ सेहत खराब होती है, बल्कि कर्मचारियों की जान तक जा सकती है, उनकी परफॉर्मेंस और प्रोडक्टिविटी पर भी बुरा असर पड़ता है। पूरी खबर पढ़ें...

Jan 21, 2025 - 16:59
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मूर्ति बोले-हफ्ते में 70 घंटे काम कोई थोप नहीं सकता:मैं 40 सालों से सुबह 6.30 से रात 8.30 तक काम करता आ रहा
इंफोसिस के को-फाउंडर नारायण मूर्ति ने हफ्ते में 70 घंटे काम वाले अपने बयान पर सफाई दी। उन्होंने कहा
ह1: मूर्ति बोले-हफ्ते में 70 घंटे काम कोई थोप नहीं सकता प: हाल ही में, एक प्रमुख कार्यकर्ता ने स्पष्ट किया है कि हफ्ते में 70 घंटे काम करने का दबाव कोई नहीं डाल सकता। उन्होंने यह भी बताया कि वह पिछले 40 वर्षों से सुबह 6.30 बजे से रात 8.30 बजे तक काम कर रहे हैं। उनका अनुभव और दृढ़ संकल्प इस बात का परिचायक है कि काम के घंटों को संतुलित करना आवश्यक है, चाहे वह किसी भी क्षेत्र में क्यों न हो। ह2: काम के घंटों में संतुलन का महत्व प: मूर्ति के अनुसार, काम के घंटे निर्धारित करने के लिए बिना किसी सख्त नियम के, व्यक्तिगत क्षमताओं और जरूरतों को ध्यान में रखना चाहिए। इसके अलावा, उन्होंने यह भी कहा कि उच्चतम उत्पादकता बिना किसी अतिरिक्त दबाव के संभव है। यह बात विशेष रूप से उन लोगों के लिए महत्वपूर्ण है जो अपने करियर में लंबी अवधि के लिए स्थायीता की तलाश में हैं। ह2: कार्यस्थल पर अच्छे माहौल का योगदान प: मूर्ति का मानना है कि एक सकारात्मक कार्यस्थल उत्पादकता और मानसिक स्वास्थ्य के विकास में महत्वपूर्ण होती है। अगर कर्मचारी मानसिक रूप से स्वस्थ हैं और अपने काम से संतुष्ट हैं, तो वे खुद-ब-खुद अधिक प्रभावी ढंग से काम करते हैं। उनके अनुसार, एक कामकाजी माहौल में सहयोग और प्रेरणा आवश्यक हैं, ताकि स्टाफ बेहतर प्रदर्शन कर सके। ह2: भविष्य की चुनौतियां प: मूर्ति ने भविष्य की चुनौतियों का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि बढ़ते प्रतिस्पर्धा के बीच कर्मचारियों को अपने काम के प्रति सजग रहना होगा और अपने अधिकारों के लिए आवाज उठानी चाहिए। प: अंत में, मूर्ति का यह बयान सभी कामकाजी लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत है। यह दर्शाता है कि मेहनत और लगन से किस प्रकार जीवन में ऊंचाइयों को छुआ जा सकता है। News by indiatwoday.com Keywords: मूर्ति बोले हफ्ते में 70 घंटे काम, काम का भार कोई थोप नहीं सकता, कार्यस्थल पर मानसिक स्वास्थ्य, काम के घंटे संतुलित करना, मूर्ति का प्रेरणादायक बयान, 40 साल काम करने का अनुभव, सकारात्मक कार्यस्थल का महत्व, बढ़ती प्रतिस्पर्धा में सजग रहना, लक्ष्य और मेहनत का महत्व.

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