मेरठ में बच्चों के विवाद से दो पक्षों में झगड़ा:छत से पथराव में मां-बेटा घायल, आरोपी फरार
मेरठ के लिसाड़ी गेट थाना क्षेत्र के इत्तेफाक नगर में मंगलवार देर रात एक विवाद ने हिंसक रूप ले लिया। यह घटना बच्चों की मामूली कहासुनी से शुरू हुई। इत्तेफाक नगर निवासी सबिया का बेटा छत पर लेटा हुआ था। पड़ोसी सद्दाम ने उस पर अनुचित टिप्पणी कर दी। सबिया ने जब इसका विरोध किया तो सद्दाम ने उनके साथ गाली-गलौज की। इसके बाद सद्दाम, साहिल और उनका साला अपने मकान की छत से पत्थर फेंकने लगे। इस हमले में सबिया और उनका बेटा घायल हो गए। सबिया की आवाज सुनकर उनके परिवार के लोग मौके पर पहुंचे और पुलिस को सूचना दी। पुलिस के पहुंचने से पहले ही सभी आरोपी मौके से फरार हो गए। पुलिस ने घायल मां-बेटे को जिला अस्पताल भेजा है। फिलहाल पुलिस आरोपियों की तलाश में छापेमारी कर रही है।

मेरठ में बच्चों के विवाद से दो पक्षों में झगड़ा: छत से पथराव में मां-बेटा घायल, आरोपी फरार
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Written by Priya Sharma and Neha Gupta, Team IndiaTwoday
घटना की शुरुआत
मेरठ के लिसाड़ी गेट थाना क्षेत्र के इत्तेफाक नगर में मंगलवार देर रात एक विवाद ने हिंसक रूप ले लिया। यह घटना बच्चों के बीच की मामूली कहासुनी से शुरू हुई, जिसने गंभीर स्थिति को जन्म दिया। सबिया, जो इत्तेफाक नगर में रहती हैं, का बेटा अपनी छत पर लेटा था जब पड़ोसी सद्दाम ने उस पर अनुचित टिप्पणी की। इस टिप्पणी ने सबिया को उत्तेजित कर दिया, और जब उन्होंने इसका विरोध किया, तो सद्दाम ने गाली-गलौज शुरू कर दी।
हिंसक घटनाक्रम
गाली-गलौज के बाद सद्दाम, साहिल और उनका साला अपनी छत से पत्थर फेंकने लगे। इस हमले में सबिया और उनके बेटे को गंभीर चोटें आईं। स्थानीय गवाहों के अनुसार, सबिया की चिल्लाने की आवाज सुनकर उनके परिवार के लोग मौके पर आए और तुरंत पुलिस को सूचित किया। हालांकि, पुलिस के पहुंचने से पहले सभी आरोपी फरार हो गए।
पुलिस की कार्रवाई
पुलिस ने घायल मां-बेटे को नजदीकी जिला अस्पताल भेजा, जहां उनकी चिकित्सा देखभाल की जा रही है। पुलिस की टीम आरोपियों की तलाश में छापेमारी कर रही है, लेकिन अभी तक कोई सफलता हासिल नहीं हुई है। इस घटना ने क्षेत्र में लोगों के बीच चिंता और तनाव को बढ़ा दिया है, जिससे स्थानीय समुदाय में असुरक्षा की भावना बढ़ी है।
स्थानीय प्रतिक्रिया
स्थानीय निवासी इस घटना को बेहद गंभीर मान रहे हैं और इसे बच्चों के विवाद से शुरू हुआ एक अनुचित बढ़ावा बता रहे हैं। कुछ निवासियों का मानना है कि अगर समय पर उचित कदम उठाए गए होते, तो यह स्थिति इतनी गंभीर नहीं होती। घटना के बाद इलाके में चर्चा है कि किस प्रकार इस तरह की घटनाओं को रोका जा सकता है और सामुदायिक सहयोग को कैसे बढ़ावा दिया जा सकता है।
समापन
इस घटना ने एक बार फिर से यह साबित कर दिया है कि बच्चों के विवाद कैसे अराजकता को जन्म दे सकते हैं। स्थानीय प्रशासन को इस घटना की गंभीरता को समझते हुए कार्रवाई करनी चाहिए, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों। सभी की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए पुलिस को सक्रिय रहना चाहिए।
यह समस्या केवल मेरठ तक सीमित नहीं है, बल्कि देशभर के कई क्षेत्रों में ऐसी घटनाएं देखने को मिलती हैं। ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सामुदायिक सद्भावना और संवाद जरूरी है।
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