यूक्रेन ने चीनी सैनिकों को मीडिया के सामने पेश किया:रूस की तरफ से जंग लड़ रहे थे; पिछले हफ्ते पकड़ा था
यूक्रेन ने रूस की तरफ से जंग लड़ रहे चीनी सैनिकों को मीडिया के सामने पेश किया। पिछले 3 साल चल रही रूस-यूक्रेन जंग में ऐसा पहली बार हुआ। यूक्रेन ने पिछले हफ्ते जंग लड़ रहे 2 चीनी नागरिकों को पकड़ने का दावा किया था। हालांकि चीन ने अपने नागरिकों के जंग में शामिल होने की बात से इनकार कर दिया था। इसके बाद यूक्रेन ने इन युद्धबंदियों को मीडिया के सामने परेड कराने का फैसला किया। इसके लिए यूक्रेन ने युद्धबंदी कानून भी तोड़ा है। युद्धबंदियों की पहचान उजागर करना और उन्हें कैमरों व पत्रकारों के सामने पेश करना अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून का उल्लंघन माना जाता है। यूक्रेन ने 155 चीनी सैनिकों की पहचाना का दावा किया इससे पहले यूक्रेनी राष्ट्रपति ने दावा किया था कि उनकी खुफिया एजेंसी ने 155 चीनी नागरिकों की पहचान की है जो रूस की तरफ से जंग लड़ रहे हैं। यह संख्या ज्यादा भी हो सकती है। उन्होंने कहा कि पहचान में आए सभी लोगों के नाम और पासपोर्ट की जानकारी उनके पास है। जेलेंस्की के मुताबिक रूस सोशल मीडिया के जरिए चीनी नागरिकों की भर्ती कर रहा है। चीन को भी इस बात की जानकारी है। उन्होंने कहा कि यूक्रेन यह जानने की कोशिश कर रहा है कि भर्ती करने वालों को बीजिंग की तरफ से निर्देश मिल रहे हैं या नहीं। इससे पहले जेलेंस्की ने 8 अप्रैल को जंग में शामिल दो चीनी नागरिकों का वीडियो शेयर किया, जिन्हें यूक्रेन ने पकड़ा था। जेलेंस्की बोले- चीन को जंग में खींच रहा रूस जेलेंस्की ने कहा कि रूस, चीन को इस जंग में खींच रहा है। यह पुतिन के प्लान का हिस्सा है। पुतिन चाहते हैं कि यूरोप में जंग फैले। रिपोर्ट्स के मुताबिक यूक्रेनी सेना डोनेट्स्क में 6 चीनी नागरिकों से लड़ाई लड़ रही थी। इस दौरान 2 लोगों को जिंदा पकड़ लिया गया। बाकी के चार चीनी नागरिक मारे गए या भाग गए, अभी साफ नहीं है। जेलेंस्की ने दावा किया कि पकड़े गए चीनी नागरिकों के पास से उनके पहचान पत्र, बैंक कार्ड और व्यक्तिगत डेटा मिला है। उन्होंने ये भी बताया कि चीनी नागरिक अब यूक्रेन की सुरक्षा सेवा की हिरासत में हैं। जेलेंस्की ने पकड़े गए चीनी नागरिकों का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर पोस्ट किया था। चीन बोला- यूक्रेन के दावे में सच्चाई नहीं जेलेंस्की ने अगले दिन बुधवार को दावा किया था कि वे रूस में बंदी बनाए गए यूक्रेनी सैनिकों के बदले दो युद्धबंदियों को देने को तैयार हैं। जेलेंस्की के दावे को चीन ने खारिज कर दिया है। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने बुधवार को कहा कि इस दावे में कोई सच्चाई नहीं है। चीनी सरकार ने हमेशा अपने नागरिकों को जंग वाले इलाके से दूर रहने और किसी भी तरह से ऐसी लड़ाई में शामिल होने से बचने को कहा है। लिन जियान ने कहा कि चीन, यूक्रेन के साथ बातचीत करके इस मामले से जुड़ी पूरी जानकारी हासिल कर रहा है। चीन खुद को युद्ध में तटस्थ बताता है और कहता है कि वह न तो हथियार देता है और न ही सैनिक भेजता है। रूस ने इस मामले पर कोई टिप्पणी नहीं की है। हालांकि, अमेरिका ने कहा कि यह जानकारी चौंका देने वाली है। US स्टेट डिपार्मेंट की प्रवक्ता टैमी ब्रूस ने कहा कि चीन, रूस का मददगार देश है जो जंग को बढ़ावा दे रहा है। रूस पहले भी चीन को ड्रोन पार्ट्स और माइक्रो-इलेक्ट्रॉनिक्स देता रहा है, लेकिन सैनिकों की मौजूदगी हैरान करने वाली है। रूस-यूक्रेन जंग में विदेशी सैनिकों की मौजूदगी के दावे पहले भी किए जाते रहे हैं। इससे पहले दक्षिण कोरिया ने दावा किया था कि उत्तर कोरिया के 10 हजार सैनिक रूस की तरफ से यूक्रेन में जंग लड़ रहे हैं। पैसे और रूसी नागरिकता के लिए जंग लड़ रहे इस बीच यूक्रेन के अखबार प्राव्दा ने यूक्रेनी सेना का हवाला देते हुए बताया है कि चीनी नागरिकों को जंग लड़ने के लिए रूस पैसे दे रहा है। जो शख्स पकड़ा गया है उसे चीन में एक रूसी ब्रोकर ने 3,480 डॉलर, यानी 3 लाख रुपए दिए थे। इसके साथ ही उसे रूसी नागरिकता देने का भी वादा किया गया था। पकड़े गए एक शख्स ने यूक्रेनी अधिकारियों को बताया कि उसे कई सारे चीनी नागरिकों के साथ लुगांस्क इलाके में ट्रेनिंग दी गई थी। इनमें से कई लोगों पर चीन में केस चल रहे थे और ये अपना देश छोड़ना चाहते थे। कुछ महीने पहले रुस के रैहडिट (RHDIT) नाम के हैकर ग्रुप ने यूक्रेन के लिए लड़ने वाले विदेशी सैनिकों की जानकारी सार्वजनिक की थी। इसके मुताबिक रूस-यूक्रेन जंग की शुरुआत से लेकर अब तक यूरोप के 36 देशों से किराए के सैनिक लड़ने के लिए पहुंचे हैं। इसके अलावा भारत सहित एशिया के 22 देशों के नागरिक यूक्रेन की तरफ से लड़ रहे हैं। इस दावे के मुताबिक पड़ोसी देश पोलैंड के अब तक 2960 नागरिक यूक्रेन पहुंचे हैं। इनमें से 1497 की जंग के मैदान में मौत हो चुकी है। अमेरिका के भी 1100 से ज्यादा सैनिक रूस के खिलाफ जंग लड़ रहे हैं। इसमें 491 की मौत हो चुकी है।

यूक्रेन ने चीनी सैनिकों को मीडिया के सामने पेश किया: रूस की तरफ से जंग लड़ रहे थे; पिछले हफ्ते पकड़ा था
हाल के घटनाक्रम में, यूक्रेन ने मीडिया के सामने कुछ चीनी सैनिकों को पेश किया है, जो यह बताते हैं कि वे रूस की तरफ से लड़ाई में शामिल थे। यह एक महत्वपूर्ण जानकारी है जो युद्ध की वैश्विक दृष्टि को बदल सकती है। रिपोर्टों के अनुसार, इन सैनिकों को पिछले हफ्ते पकड़ा गया था और उनसे पूछताछ की गई है। इस घटनाक्रम ने कई सवाल उठाए हैं, विशेषकर चीन के विदेश नीति और उसकी यूक्रेन परिप्रेक्ष्य पर।
चीनी सैनिकों का पेश होना: एक विवादास्पद अनुप्रयोग
यूक्रेन के अधिकारियों का कहना है कि इन चीनी सैनिकों की उपस्थिति यह दर्शाती है कि कैसे वैश्विक ताकतें इस संघर्ष में शामिल हो सकती हैं। कई विश्लेषकों का मानना है कि यह घटनाक्रम चीन और रूस के बीच बढ़ते संबंधों को उजागर करता है। हालांकि, चीन ने इस पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है।
यूक्रेन का संकट: स्थिति की गंभीरता
यह घटना यूक्रेन के लिए एक नवीनतम संकट का बिंदु है, क्योंकि देश अभी भी रूस के साथ संघर्ष में जूझ रहा है। चीनी सैनिकों की भागीदारी एक नई और पेचीदा परत को जोड़ती है, जो यूक्रेन के लिए और भी अधिक चुनौती भरी है।
इस मामले पर कई देशों की नजरें टिकी हुई हैं और ये पूछताछ गंभीर अंतरराष्ट्रीय राजनीतिक प्रभाव डाल सकती हैं। चीन का यूक्रेन संघर्ष में सीधा संबंध एक नई बहस का विषय बन सकता है।
आगे की राह
दुनिया भर में इस खबर को लेकर चर्चाएं हो रही हैं, और यह देखने वाली बात होगी कि क्या चीन और रूस के बीच संबंधों में इस घटनाक्रम के परिणामस्वरूप कोई बदलाव आता है। यूक्रेन में स्थिति अभी तनावपूर्ण है और इसके साथ ही, हम देखेंगे कि अमेरिकी और अन्य पश्चिमी देशों की प्रतिक्रियाओं का क्या असर होगा।
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