वकील को फोन करने पर दरोगा को चेतावनी:लखनऊ हाईकोर्ट बोला- सीधे सरकारी वकील से संपर्क करें, PIL की सुनवाई हुई

लखनऊ हाईकोर्ट ने बागपत के एक सब-इंस्पेक्टर को कड़ी चेतावनी दी है। मामला बंधुआ मजदूरी से जुड़ी एक जनहित याचिका से संबंधित है, जिसमें सब-इंस्पेक्टर ने याची के वकील से सीधे संपर्क कर जानकारी मांगी थी। न्यायमूर्ति एआर मसूदी और न्यायमूर्ति सुभाष विद्यार्थी की खंडपीठ ने यह आदेश दिया। मामले में खुलासा हुआ कि हेड कांस्टेबल मुन्ना लाल ने सब-इंस्पेक्टर विकास कुमार के निर्देश पर याची के वकील राम राज ओझा को फोन किया था। पुलिस को नोटिस जारी कोर्ट ने स्पष्ट किया कि जब याचिका में पुलिस को नोटिस जारी हो चुका था, तो सब-इंस्पेक्टर को किसी भी जानकारी के लिए मुख्य वकील के कार्यालय से संपर्क करना चाहिए था। सब-इंस्पेक्टर ने कोर्ट में अपनी गलती स्वीकार कर ली। चेतावनी देकर छोड़ दिया न्यायालय ने उन्हें केवल चेतावनी देकर छोड़ दिया। मूल याचिका बागपत के एक ईंट भट्ठे पर कथित बंधुआ मजदूरी का मामला था। हालांकि, सरकार की ओर से की गई जांच में यह आरोप सही नहीं पाया गया, जिसके बाद न्यायालय ने याचिका को निस्तारित कर दिया।

Feb 7, 2025 - 23:59
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वकील को फोन करने पर दरोगा को चेतावनी:लखनऊ हाईकोर्ट बोला- सीधे सरकारी वकील से संपर्क करें, PIL की सुनवाई हुई
लखनऊ हाईकोर्ट ने बागपत के एक सब-इंस्पेक्टर को कड़ी चेतावनी दी है। मामला बंधुआ मजदूरी से जुड़ी एक

वकील को फोन करने पर दरोगा को चेतावनी: लखनऊ हाईकोर्ट बोला- सीधे सरकारी वकील से संपर्क करें

लखनऊ हाईकोर्ट ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण निर्देश जारी किया है, जिसमें उसने दरोगाओं को चेतावनी दी है कि वे किसी भी वकील से व्यक्तिगत रूप से संपर्क न करें। इसके बजाय, उन्हें सीधे सरकारी वकील के साथ संवाद करना चाहिए। यह निर्णय एक जनहित याचिका (PIL) की सुनवाई के दौरान लिया गया है, जिसमें अदालत ने सरकारी प्रक्रियाओं के पालन पर जोर दिया।

अदालत का निर्देश

लखनऊ हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि सरकारी वकीलों से सीधा संपर्क स्थापित करने से न्याय की प्रक्रिया में पारदर्शिता और अंतिमता आएगी। अदालत ने यह भी माना कि व्यक्तिगत वकीलों से संवाद करने से न्यायिक प्रक्रियाएँ प्रभावित हो सकती हैं। इस निर्देश का उद्देश्य एक उचित और निष्पक्ष प्रक्रिया सुनिश्चित करना है।

PIL सुनवाई के मुद्दे

जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान, अदालत ने कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की। यह सुनिश्चित करना कि सरकारी अधिकारी सही तरीके से काम कर रहे हैं और किसी भी बाहरी प्रभाव से मुक्त रहें, इसका प्रमुख उद्देश्य है। अदालत ने सभी संबंधित पक्षों को इस पर गंभीरता से विचार करने के लिए कहा।

नागरिकों के हित

इस निर्देश का सीधा लाभ व्यापारी, विद्याार्थी एवं अन्य नागरिकों को मिलेगा, जिनके मामलों में सरकारी वकील सीधे तौर पर शामिल होंगे। इससे न केवल मामले की गति बढ़ेगी, बल्कि लोगों में सरकार के प्रति विश्वास भी मजबूत होगा।

लखनऊ हाईकोर्ट द्वारा जारी इस निर्देश ने एक नई अवधारणा को जन्म दिया है, जिसमें सरकारी वकीलों के साथ संबंध सीधे रखने का महत्व बढ़ रहा है।

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