शराब दुकानों की लॉटरी पर लखनऊ हाईकोर्ट का बड़ा फैसला:लॉटरी खोलने की अनुमति दी, लेकिन आवंटन पर कल तक रोक
लखनऊ हाईकोर्ट ने शराब दुकानों के आवंटन मामले में महत्वपूर्ण आदेश दिया है। न्यायालय ने गुरुवार को होने वाली लॉटरी प्रक्रिया होने का तो आदेश दिया है लेकिन दुकानों के व्यवस्थापन पर अंतिम निर्णय गुरुवार को होने वाली सुनवाई तक टाल दिया है। जस्टिस राजन रॉय और जस्टिस ओम प्रकाश शुक्ला की खंडपीठ ने यह आदेश सीतापुर के रामचंद्र और अन्य की याचिका पर दिया। याचिकाकर्ताओं ने 6 फरवरी के शासनादेश को चुनौती दी है। इस शासनादेश में शराब दुकानों का पुनर्आवंटन लॉटरी से करने का प्रावधान है। याचिकाकर्ताओं का कहना है कि यह नियमावली के नियम 5 का उल्लंघन है। सरकार की ओर से उपस्थित वकील एलपी मिश्रा ने बताया कि इसी मामले पर इलाहाबाद हाइकोर्ट में इससे संबंधित याचिका को एकल पीठ द्वारा सुनी जा रही है जो अभी विचाराधीन है। एलपी मिश्रा ने यह बताया कि हाइकोर्ट में एकल पीठ में सुनवाई होने के कारण यहां भी एकल पीठ द्वारा इस मामले को सुना जाना चाहिए। जिसके बाद लखनऊ हाइकोर्ट ने अपने यहां इससे संबंधित अनुभाग से इस बारे में रिपोर्ट मांगी है। इसी बीच, लखनऊ खंडपीठ के जस्टिस पंकज भाटिया की एकल पीठ ने भी इस मामले में सुनवाई की। उन्होंने दुकानों के पुनर्आवंटन में हस्तक्षेप से इनकार कर दिया। लेकिन सरकार को निर्देश दिया कि वर्तमान आवंटियों के पास बचे स्टॉक का उचित मूल्य लौटाया जाए। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि शराब दुकान का लाइसेंस कोई संवैधानिक अधिकार नहीं है, इसलिए सरकार के नीतिगत निर्णय में हस्तक्षेप नहीं किया जा सकता।

शराब दुकानों की लॉटरी पर लखनऊ हाईकोर्ट का बड़ा फैसला
लखनऊ हाईकोर्ट ने हाल ही में शराब दुकानों की लॉटरी को लेकर एक महत्वपूर्ण निर्णय सुनाया है। इस फैसले ने शराब बिक्री व्यवसाय में हलचल मचा दी है, क्योंकि कोर्ट ने लॉटरी खोलने की अनुमति तो दी है, लेकिन आवंटन पर अगले दिन तक रोक लगाई है। यह निर्णय उत्तर प्रदेश में शराब नीति को लेकर फैली अनिश्चितता के बीच आया है, जिससे व्यापारियों और उपभोक्ताओं दोनों के लिए नई उम्मीदें जागृत हुई हैं।
लॉटरी खोलने की अनुमति
कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि जो भी शराब की दुकानों की लॉटरी खुली हुई है, उसे आगे बढ़ाने से रोका नहीं जाएगा। इससे पहले, विभिन्न कारणों से इस प्रक्रिया को निरस्त करने की मांग उठी थी। यह फैसला लखनऊ हाईकोर्ट द्वारा सार्वजनिक हित में लिए गए एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में देखा जा रहा है।
आवंटन पर रोक
हालांकि, लॉटरी खोलने की अनुमति के साथ, कोर्ट ने आवंटन प्रक्रिया पर तत्काल रोक लगा दी है। यह कदम यह सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है कि कोई भी अनियमितता न हो और समस्त प्रक्रियाएं पारदर्शी हों। इस फैसले से शराब दुकानों की बिक्री प्रक्रिया में सुधार की उम्मीद है।
व्यापारियों की प्रतिक्रिया
इस निर्णय पर व्यापारियों की मिली-जुली प्रतिक्रियाएँ आ रही हैं। कुछ व्यापारियों ने इसे सकारात्मक कदम बताया है, जबकि अन्य ने आवंटन प्रक्रिया में वृद्धि की जरूरत पर जोर दिया है। यह स्थिति आने वाले दिनों में शराब कारोबारियों के लिए मुश्किलें पैदा कर सकती है, लेकिन उम्मीद है कि निष्पक्ष ऐसा निर्णय जल्द ही लिया जाएगा।
आगे की संभावनाएँ
यह देखा जाएगा कि क्या लखनऊ हाईकोर्ट के इस निर्णय से उत्तर प्रदेश की शराब नीति में कोई बड़ा बदलाव आता है या नहीं। विभिन्न पक्षों को जल्द से जल्द आवंटन प्रक्रिया पर निर्णय लेने की आवश्यकता है ताकि शराब बिक्री में बाधा उत्पन्न न हो।
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