वर्ल्ड अपडेट्स:इजराइली सुप्रीम कोर्ट ने PM नेतन्याहू का फैसला रोका, खुफिया विभाग चीफ की बर्खास्तगी पर रोक लगाई
इजराइली सुप्रीम कोर्ट से प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने आंतरिक खुफिया विभाग शिन बेट के प्रमुख रोनेन बार को बर्खास्त करने के कदम पर अंतरिम रोक लगा दी है। कोर्ट ने आपसी समझौते को लेकर 20 अप्रैल तक की समय सीमा दी है। 11 घंटे तक चली बहस के बाद सुप्रीम कोर्ट की पैनल ने कहा कि रोनेन फिलहाल अपने पद पर बने रहेंगे। विपक्षी दलों ने नेतन्याहू सरकार के शिन बेट के प्रमुख रोनेन बार को हटाने के फैसले को चुनौती दी थी। नेतन्याहू ने आंतरिक खुफिया विभाग के प्रमुख को ‘विश्वास की कमी’ का हवाला देकर हटाने का फैसला किया था। फिलहाल पद पर बने रहेंगे रोनेन सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि शिन बेट के प्रमुख को बर्खास्त करने से लोकतांत्रिक संस्थाओं की स्वतंत्रता कमजोर होती है। कोर्ट ने कहा कि कोर्ट के अंतिम फैसले तक किसी कार्यवाहक प्रमुख की नियुक्ति और नए खुफिया प्रमुख का ऐलान सरकार न करे। नेतन्याहू और रोनेन के बीच तनाव अक्टूबर 2023 में इजराइल पर हुए हमास के आतंकियों के हमले और ‘कतर गेट’ के बाद से बढ़ता जा रहा है। अंतरराष्ट्रीय मामलों से जुड़ी यह खबर भी पढ़ें... सऊदी अरब में 14 नई जगहों पर तेल और प्राकृतिक गैस के भंडार मिले सऊदी तेल कंपनी अरामको ने देश के पूर्वी इलाके में 14 तेल और प्राकृतिक गैस और तेल भंडार की खोज की है। छह इलाकों और दो रिजर्वायर में तेल मिले हैं, जिनकी कुल मात्रा 8,126 बैरल प्रतिदिन है। इसके अलावा 2 इलाके और चार जलाशयों से प्राकृतिक गैस मिला है जिसकी कुल मात्रा 80.5 मिलियन क्यूबिक फीट प्रति दिन है। सऊदी अरब के पास दुनिया भर में दूसरा सबसे बड़ा तेल भंडार है। अनुमान के मुताबिक यह 267 बिलियन बैरल है, जो दुनिया के कुल भंडार का लगभग 17% है। इस मामले में दक्षिण अमेरिकी देश वेनेजुएला पहले नंबर पर है।

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News by indiatwoday.com
इजराइल की राजनीति में महत्वपूर्ण मोड़
इजराइल के सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण फैसला लिया, जिसमें प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू द्वारा खुफिया विभाग के प्रमुख की बर्खास्तगी पर रोक लगा दी गई है। यह मामला देश की राजनीतिक स्थिरता और खुफिया सुरक्षा को लेकर व्यापक चर्चा का विषय बन गया है। नेतन्याहू की यह बर्खास्तगी के फैसले को कोर्ट ने अस्थायी रूप से रोकते हुए निर्णय लिया कि इस मामले पर और विचार किया जाना चाहिए।
खुफिया विभाग के प्रमुख की भूमिका
इजराइली खुफिया विभाग, जिसे शिन बेट के नाम से जाना जाता है, देश के आंतरिक सुरक्षा मामलों में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। खुफिया प्रमुख की बर्खास्तगी के फैसले ने न केवल देश की सुरक्षा व्यवस्था को प्रभावित किया, बल्कि राजनीतिक तनाव को भी बढ़ा दिया है। कोर्ट का यह निर्णय नेतन्याहू की सरकार के लिए एक बड़ा झटका है, जिसमें पिछले कुछ समय से कई विवादास्पद निर्णय लिए गए हैं।
राजनैतिक प्रतिक्रिया
इस फैसले के बाद, देश के विभिन्न हिस्सों में राजनीतिक प्रतिक्रियाएँ आ रही हैं। कई विपक्षी दल इस निर्णय का स्वागत कर रहे हैं, जबकि सत्ताधारी पार्टी इसे अपनी कार्यशैली पर सवाल के रूप में देख रही है। नेतन्याहू की सरकार की स्थिरता पर यह निर्णय गहरा असर डाल सकता है, और आने वाले समय में इजराइल की राजनीति में नए बदलाव ला सकता है।
सम्बंधित मुद्दों पर ध्यान
हालांकि यह तो स्पष्ट है कि सुप्रीम कोर्ट का निर्णय महत्वपूर्ण है, लेकिन इससे इसे पूर्व के मुद्दों पर ध्यान देने की आवश्यकता भी होगी। इजराइल की आंतरिक सुरक्षा, राजनीतिक स्थिरता और खुफिया विभाग की दक्षता सभी बारीकी से देखे जाने वाले मुद्दे हैं। अगली सुनवाई के दौरान, यह देखना होगा कि क्या नेतन्याहू की सरकार इस चुनौती का सामना कर पाती है या नहीं।
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