विवेकानन्द इण्टर कालेज में योग और आत्मरक्षा प्रशिक्षण का आयोजन:छात्र-छात्राओं को बीमारियों को ठीक करने की चिकित्सा पद्धति के प्रति किया जागरूक
औरैया के सहार स्थित स्वामी विवेकानन्द इण्टर कालेज में योगाचार्य रजनीश कुमार सिंह ने छात्र-छात्राओं को योग, आत्मरक्षा और मर्मा चिकित्सा के गुर सिखाए। उन्होंने सूक्ष्म योग और विभिन्न आसनों का अभ्यास कराते हुए इनके शारीरिक और मानसिक लाभों को समझाया। आत्मरक्षा के तहत बालिकाओं को विषम परिस्थितियों में अपनी सुरक्षा के लिए पंचिंग और किकिंग जैसी तकनीकों का व्यावहारिक प्रशिक्षण दिया। कार्यक्रम में मर्मा चिकित्सा, जो आयुर्वेद की प्राचीन पद्धति के महत्व पर प्रकाश डालते हुए रजनीश कुमार सिंह ने बताया कि यह चिकित्सा पद्धति सिर दर्द, पेट दर्द, सर्दी-जुकाम, साइटिका और सर्वाइकल जैसी बीमारियों को बिना दवा के ठीक करने में सक्षम है। उन्होंने मौके पर ही कुछ छात्रों का उपचार किया। जिससे उन्हें तत्काल राहत मिली। इस अवसर पर विद्यालय के भौतिकी प्रवक्ता रामेन्द्र सिंह कुशवाहा, हरेन्द्र यादव, दीपनारायण, सूरजपाल, गौरव पाण्डेय, अखिलेश अवस्थी, विपुल कुमार, सरफराज अहमद, राजेश अवस्थी, मिथिलेश गुप्ता, अंकेश कुमार, मोहित राजावत, ममता शुक्ला, निर्मला झा आदि शिक्षक एवं कर्मचारी उपस्थित रहें।

विवेकानन्द इण्टर कालेज में योग और आत्मरक्षा प्रशिक्षण का आयोजन
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छात्र-छात्राओं को योग और आत्मरक्षा में प्रशिक्षित किया गया
विवेकानन्द इण्टर कालेज में हाल ही में योग और आत्मरक्षा प्रशिक्षण का आयोजन किया गया, जिसमें छात्रों को बीमारियों को ठीक करने की चिकित्सा पद्धति के प्रति जागरूक किया गया। कार्यक्रम का उद्देश्य छात्रों को न केवल शारीरिक फिटनेस के लिए प्रेरित करना था, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य और आत्म-सुरक्षा के महत्व को भी समझाना था।
योग के स्वास्थ्य लाभ
योग का अभ्यास न केवल हमारे शरीर को स्वस्थ रखता है, बल्कि मानसिक संतुलन भी प्रदान करता है। विशेषज्ञों ने प्रशिक्षकों के माध्यम से योग के असान और प्राणायाम के तरीकों को सिखाया, जिससे छात्रों को तनाव को नियंत्रित करने में मदद मिली। इसके फलस्वरूप, छात्रों ने आत्म-विश्वास और ध्यान केंद्रण में सुधार महसूस किया।
आत्मरक्षा प्रशिक्षण का महत्व
आत्मरक्षा प्रशिक्षण ने छात्रों को सुरक्षा उपायों के प्रति जागरूक किया और उन्हें सिखाया गया कि किस प्रकार वे खतरनाक परिस्थितियों में अपने आपको सुरक्षित रख सकते हैं। इस प्रशिक्षण का उद्देश्य केवल आत्म-सुरक्षा नहीं बल्कि आत्म-समर्पण और मेहनत की भावना को भी बढ़ावा देना था।
समाज में जागरूकता फैलाना
कार्यक्रम के अंत में छात्रों को विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा स्थापित स्वास्थ्य के नियमों एवं अन्य चिकित्सा पद्धतियों की जानकारी दी गई। इस पहल के माध्यम से विद्यालय ने न केवल छात्रों को स्वस्थ रखने के लिए कदम उठाए, बल्कि समाज में स्वास्थ्य और सुरक्षा के प्रति जागरूकता भी फैलाने की कोशिश की।
इस प्रकार, विवेकानन्द इण्टर कालेज का यह कार्यक्रम छात्रों के लिए एक महत्वपूर्ण सीखने का अनुभव बन गया। आगे भी इस तरह की गतिविधियों की आवश्यकता है ताकि उनके शारीरिक और मानसिक विकास को बेहतर बनाया जा सके।
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