शबे बरात पर कब्रिस्तानों में उमड़ी भीड़:लखनऊ में मुल्क के लिए मांगी गई दुआ; पूर्वजों को याद कर जलाई मोमबत्ती, चढ़ाए फूल
शबे बरात के मौके पर लखनऊ शहर के कब्रिस्तानों में भारी भीड़ देखी गई। मुस्लिम समुदाय के लोगों ने अपने पूर्वजों को याद करते हुए उनकी कब्रों पर फूल चढ़ाए, मोमबत्तियां जलाईं और इबादत की। इस मौके पर कई कब्रिस्तानों को खूबसूरती से सजाया गया। लखनऊ शहर की मस्जिदों और दरगाहों में भी नमाजियों की भीड़ देखने को मिली। लोग रातभर इबादत कर मुल्क की सलामती और खुशहाली के लिए दुआ कर रहे हैं। उलेमा-ए-कराम ने भी लोगों से अपील की कि वे इस खास रात को इबादत में गुजारें और बेकार के कामों से बचें। सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम शबे बरात को देखते हुए प्रशासन ने कई इलाकों में रूट डायवर्जन किया है ताकि भीड़ को नियंत्रित किया जा सके। पुलिस ने खासतौर पर कब्रिस्तानों और प्रमुख इबादतगाहों के आसपास सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं। रातभर पुलिस फोर्स तैनात रहेगी ताकि कोई भी अप्रिय स्थिति न बने।

शबे बरात पर कब्रिस्तानों में उमड़ी भीड़: लखनऊ में मुल्क के लिए मांगी गई दुआ
शबे बरात का त्योहार हर साल पूरे देश में धूमधाम से मनाया जाता है। इस अवसर पर लखनऊ में कब्रिस्तानों में हजारों लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। लोग अपने पूर्वजों को याद कर उनके लिए दुआएं मांगते हैं और मोमबत्तियां जलाते हैं। यह दिन मौलिकता, श्रद्धा और प्रेम का संयोजन है, जिसमें लोग अपने परिवार के सदस्यों और प्रियजनों की याद में भावनाओं से भरे होते हैं।
कब्रिस्तानों में श्रद्धांजलि का माहौल
लखनऊ के विभिन्न कब्रिस्तानों में लोगों ने अपने पूर्वजों की कब्रों पर जाकर फूल चढ़ाए और मोमबत्तियां जलाईं। इस अवसर पर लोग मिलकर अल्लाह से मुल्क के लिए शांति और खुशहाली की प्रार्थना करते हैं। कब्रिस्तानों में कई धार्मिक नेता भी उपस्थित रहे, जिन्होंने भक्ति के साथ लोगों की दुआओं का नेतृत्व किया। यह माहौल न केवल श्रद्धा का मंच था, बल्कि समुदाय के एकजुटता का प्रतीक भी था।
समुदाय की एकजुटता
शबे बरात पर इस प्रकार की एकजुटता देश में धार्मिक सहिष्णुता को दर्शाती है। विभिन्न धर्मों के लोग भी इस मौके पर एकत्रित होते हैं और एक-दूसरे के कठिन समय में समर्थन करते हैं। लखनऊ जैसे शहरों में यह केवल धार्मिक अवसर नहीं बल्कि लोगों के लिए एक सकारात्मक संदेश देने का भी समय बन गया है।
समापन: सच्चे प्रेम और श्रद्धा का प्रतीक
शबे बरात का दिन न केवल पूर्वजों को याद करने का दिन है, बल्कि यह लोगों के लिए अपने रिश्तों को सुधारने और सामुदायिक एकता को बढ़ाने का अवसर भी है। ऐसे अवसरों पर, जब हम अपनों को याद करते हैं, हम समझते हैं कि जीवन कितना अनमोल है और हमें इसे प्यार और सम्मान के साथ जीना चाहिए।
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