बिजनौर मालन नदी का पुनरुद्धार शुरू:डीएम ने किया शुभारंभ, सिल्ट जमा होने से बहाव पर पड़ रहा था असर
बिजनौर डीएम अंकित अग्रवाल ने नजीबाबाद स्थित मथुरापुर मोर में मयूरेश्वर महादेव मंदिर के पास से गुजर रही मालन नदी के पुनरुद्धार के काम पर फावड़ा चलाकर शुभारंभ कर दिया है। इस दौरान काफी संख्या में स्थानीय लोग भी मौजूद रहे। दरअसल उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल की पहाड़ियों से निकली मालन नदी बिजनौर जिले के मोटा डाक इलाके में प्रवेश करती है जो नजीबाबाद किरतपुर मंडावर क्षेत्र से होते हुए रावली में गंगा में जाकर मिलती है। पिछले काफी दिनों से नदी के बड़े भाग पर बहुत ज्यादा सिल्ट जमा हो गई है। जिसके चलते नदी की चौड़ाई कम हो गई है और नदी का प्रवाह बाधित हो रहा था। जिले के डीएम अंकित अग्रवाल ने नजीबाबाद के मथुरापुर मोर में मयूरेश्वर महादेव मंदिर के पास से गुजर रही है मालन नदी के पुनरुद्धार का फावड़ा चला कर एक बार फिर से शुभारंभ कर दिया है। मालन नदी रावली रावली में गंगा नदी में संगम होता है यहां पर कण्डव ऋषि का आश्रम है यह आश्रम महाराज दुष्यंत और शकुंतला के प्रणय स्थलीय और उनके पुत्र भरत का खेल स्थल भी है।

बिजनौर मालन नदी का पुनरुद्धार शुरू
News by indiatwoday.com
कार्यक्रम का शुभारंभ
बिजनौर जिले में मालन नदी के पुनरुद्धार की प्रक्रिया का औपचारिक शुभारंभ किया गया है। स्थानीय डीएम ने इस कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए कहा कि नदी का पुनरुद्धार हमारे पर्यावरण और आसपास के क्षेत्रों के विकास के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। मालन नदी में सिल्ट जमा होने की समस्या ने इसके बहाव को प्रभावित किया था, जिसके कारण स्थानीय निवासियों को कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ा।
सिल्ट जमने का प्रभाव
सिल्ट का जमा होना केवल नदी के प्रवाह को ही नहीं, बल्कि आसपास के कृषि और पारिस्थितिकी तंत्र को भी प्रभावित करता है। जब नदी का प्रवाह बाधित होता है, तो यह उन क्षेत्रों में बाढ़ और जलभराव की संभावना को बढ़ा सकता है। पुनरुद्धार कार्य के तहत, नदी के सिरे से सिल्ट हटाने के कार्यक्रम को प्राथमिकता दी जाएगी, जिससे नदी का प्राकृतिक प्रवाह सामान्य हो सके।
स्थानीय समुदाय की भागीदारी
इस पुनरुद्धार परियोजना में स्थानीय समुदाय की सक्रिय भागीदारी को भी प्रोत्साहित किया जाएगा। डीएम ने कहा कि यह परियोजना केवल प्रशासन की नहीं, बल्कि सभी नागरिकों की जिम्मेदारी है। जनजागरण कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे ताकि लोग इस नदी के महत्व और उसकी सफाई के बारे में जागरूक हो सकें।
भविष्य की योजनाएं
बिजनौर प्रशासन ने मालन नदी के पुनरुद्धार के बाद इसके किनारों पर वृक्षारोपण और पार्कों के निर्माण की भी योजना बनाई है। यह न केवल नदी का सौंदर्य बढ़ाएगा, बल्कि स्थानीय जैव विविधता को भी समृद्ध करेगा। अंततः, यह परियोजना पर्यावरणीय स्थिरता में भी योगदान देगी।
निष्कर्ष
बिजनौर में मालन नदी का पुनरुद्धार एक सकारात्मक कदम है जो न केवल नदी के लिए, बल्कि स्थानीय निवासियों के लिए भी फायदेमंद होगा। यह सभी के सामूहिक प्रयास से ही संभव हो सकेगा। अधिक जानकारी के लिए, visit indiatwoday.com पर जाएं। Keywords: बिजनौर मालन नदी पुर्ननिर्माण, बिजनौर नदी पुनरुद्धार, मालन नदी पुनरुद्धार डीएम, नदी का बहाव सिल्ट समस्या, नदी का सफाई एवं पुनरुद्धार, पर्यावरणीय स्थिरता बिजनौर, स्थानीय समुदाय की भागीदारी नदी पुनरुद्धार.
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