शान-ओ-शौकत से मनाया ख्वाजा गरीब नवाज का उर्स:मौलानाओं ने पेश किए कलाम, समाज में अमन और भाईचारे का दिया संदेश

औरैया में ख्वाजा गरीब नवाज का 813वां सालाना उर्स हजरत बाबा शाह जमाल रहमतुल्ला ताला अल्लाह की दरगाह में बड़े ही उत्साह के साथ मनाया। इस मौके पर दूर-दूर से आए मौलानाओं ने ख्वाजा गरीब नवाज की महानता पर अपने विचार साझा किए। उन्होंने बताया कि ख्वाजा गरीब नवाज को हिंदुस्तान का महान संत और हर धर्म के लोगों द्वारा पूजनीय माना जाता है। हर साल हजरत बाबा शाह जमाल शाह की दरगाह में इस उर्स का आयोजन होता है, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल होते हैं। इस बार भी मौलानाओं ने उनके लिखे कलाम पेश किए और समाज में अमन और भाईचारे का संदेश दिया। ख्वाजा गरीब नवाज के संदेश को याद करते हुए, उन्होंने देश में शांति और प्रेम की दुआ मांगी। कार्यक्रम के अंत में सभी उपस्थित लोगों के बीच प्रसाद (तबर्रुक) बांटा गया। इस अवसर पर मुफ्ती फीरोज आलम (फर्रुखाबाद), सैय्यद अजमत मियां कादरी साहब (राजपुर, कानपुर देहात), कारी अश्फाक रज़ा (सहार, औरैया), हजरत रहमत कादरी साहब (इंदरगढ़, कन्नौज), मौलाना अल्तमश चिश्ती (बिलाली मस्जिद, औरैया) जैसे विद्वान मौजूद रहे। इनके साथ-साथ मुशीर अहमद रजवी, शान मोहम्मद अख्तर कादरी, जाहिद अख्तर, गुलफाम उर्फ मुन्ना, चांद बाबू, और नदीम कादरी जैसे श्रद्धालु भी कार्यक्रम में शामिल हुए।

Jan 8, 2025 - 16:20
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शान-ओ-शौकत से मनाया ख्वाजा गरीब नवाज का उर्स:मौलानाओं ने पेश किए कलाम, समाज में अमन और भाईचारे का दिया संदेश
औरैया में ख्वाजा गरीब नवाज का 813वां सालाना उर्स हजरत बाबा शाह जमाल रहमतुल्ला ताला अल्लाह की दरगाह

शान-ओ-शौकत से मनाया ख्वाजा गरीब नवाज का उर्स

उर्स का आयोजन हर साल मुहर्रम की तेरहवीं तारीख को किया जाता है, जो ख्वाजा गरीब नवाज के सूफियाना शिक्षाओं और उनके योगदान को मनाने का एक अद्भुत अवसर है। इस वर्ष भी, समस्त समुदाय ने ख्वाजा गरीब नवाज के उर्स का आयोजन धूमधाम से किया। News by indiatwoday.com

मौलानाओं ने पेश किए कलाम

उर्स के अवसर पर विभिन्न मौलानाओं ने ख्वाजा गरीब नवाज के कलाम पेश किए। इन कलामों में प्यार, एकता और समाज में अमन की बातें शामिल थीं। धर्म, जाति और रंग-रूप से परे रहकर, सभी ने इस अवसर पर एक साथ मिलकर अमन और भाईचारे का संदेश फैलाने का संकल्प लिया।

समाज में अमन और भाईचारे का दिया संदेश

ख्वाजा गरीब नवाज का उर्स न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह भाईचारे और मानवता का संदेश भी देता है। मौलानाओं ने अपने संबोधन में सभी सदस्यों को एकजुट होकर समाज में शांति और सद्भावना की स्थापना की आवश्यकता पर जोर दिया। इस प्रकार के कार्यक्रम समाज में एकता और सामुदायिक संबंध को मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण होते हैं।

उर्स के दौरान की गई विशेष व्यवस्थाएँ

उर्स के दौरान, श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए विशेष व्यवस्थाएँ की गई थीं। खाने-पीने की व्यवस्थाएँ, विश्राम के लिए स्थान और सुरक्षा की व्यवस्था ध्यान में रखी गई थी। सभी उम्र के लोग, विशेषकर युवा, इस आयोजन में बढ़-चढ़कर भाग ले रहे थे, जिससे यह पर्व और भी खास बन गया।

इस भव्य आयोजन में आए लोगों ने समुदाय के इस उत्सव का भरपूर आनंद लिया और ख्वाजा गरीब नवाज के प्रति अपनी आस्था और श्रद्धा प्रकट की।

इस वर्ष का उर्स: एक नई शुरुआत

इस वर्ष का उर्स न केवल श्रद्धा का प्रतीक था, बल्कि यह एक नई शुरुआत का भी संकेत दर्शाता है। समाज के विभिन्न वर्गों ने इस कार्यक्रम में भाग लेकर यह दिखाया है कि वे एकजुट होकर समाज में सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं।

अंत में, ख्वाजा गरीब नवाज के जीवन और शिक्षाएँ आज भी हमें मार्गदर्शन देती हैं। उनके पवित्र संदेश को फैलाने की जिम्मेदारी सभी पर है।

इस उर्स के माध्यम से एक बार फिर यह संदेश स्पष्ट हो गया है कि प्रेम, भाईचारा और मानवता की भावना केवल धार्मिक आस्था से नहीं, बल्कि हर इंसान के दिल में होनी चाहिए।

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