शेयर बाजार में इस हफ्ते उतार-चढ़ाव का अनुमान:भारत-अमेरिका के GDP आंकड़ों से लेकर FII-DII फ्लो तक; यह फैक्टर्स तय करेंगे बाजार की चाल
शेयर बाजार में इस हफ्ते उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है। इंडिया GDP, अमेरिका GDP, ऑटो सेल्स, FII-DII फ्लो और अपकमिंग IPO पर बाजार की नजर रहेगी। ऐसे फैक्टर्स जिनसे इस हफ्ते में बाजार की चाल तय होगी... भारत की GDP के आंकड़े वहीं भारत में निवेशकों की नजर दिसंबर 2024 तिमाही के लिए GDP ग्रोथ के आंकड़ों और 28 फरवरी को जारी होने वाले वित्त वर्ष 2025 के आर्थिक विकास के दूसरे अनुमानों पर रहेगी। शुरुआती अनुमानों के अनुसार, पूरे साल में अर्थवस्था पिछले साल की 8.2% ग्रोथ के मुकाबले 6.4% बढ़ी। इसके अलावा ज्यादातर इकोनॉमिस्ट को दिसंबर तिमाही की ग्रोथ रेट में कुछ सुधार की उम्मीद है। 28 फरवरी को ही जनवरी के वित्तीय घाटे, इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोडक्शन, 14 फरवरी को समाप्त 15 दिनों की अवधि के लिए बैंक लोन और डिपॉजिट ग्रोथ और 21 फरवरी को समाप्त सप्ताह के लिए फॉरेन एक्सचेंज रिजर्व के आंकड़े जारी किए जाएंगे। अमेरिका की GDP के आंकड़े ग्लोबल लेवल पर सभी की नजरें 27 फरवरी को जारी होने वाले 2024 की चौथी तिमाही के अमेरिका के GDP के आंकड़ों पर होंगी। पिछले महीने पब्लिश एडवांस एस्टीमेट के अनुसार, अमेरिका की इकोनॉमी Q4-2024 में 2.3% बढ़ी। Q3-2024 में ग्रोथ रेट 3.1% रही थी। इसके अलावा Q4 में कोर PCE कीमतों और वास्तविक उपभोक्ता खर्च के लिए दूसरे अनुमान, फरवरी के लिए CB कंज्यूर कॉन्फिडेंस डेटा, PCE प्राइस इंडेक्स, जनवरी के लिए नए घरों की बिक्री का डेटा, व्यक्तिगत आय और खर्च के आंकड़ों और नौकरियों के वीकली डेटा पर भी नजर रखी जाएगी। वहीं अगले सप्ताह अमेरिकी ट्रेड पॉलिसी के विकास पर भी नजर रखी जाएगी। क्योंकि हाल ही में डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि वह फार्मा, ऑटो और चिप्स पर लगभग 25% टैरिफ लगाएंगे। उन्होंने भारत और चीन पर रेसिप्रोकल टैरिफ लगाने का भी ऐलान किया है। ग्लोबल इकोनॉमिक डेटा यूरो क्षेत्र से जनवरी के महंगाई आंकड़ों, ECB मॉनेटरी पॉलिसी मीटिंग और जापान से जनवरी की रिटेल सेल्स के आंकड़ों पर भी फोकस किया जाएगा। ऑटो सेल्स अगले हफ्ते में टू-व्हीलर, फोर व्हीलर, ट्रैक्टर और कमर्शियल व्हीकल कंपनियां फरवरी का सेल्स डेटा जारी करेंगी। FII-DII फ्लो फॉरेन इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स (FII) की एक्टिविटीज पर भी बाजार की नजर रहेगी। बीते सप्ताह के लिए FII नेट सेलर बने रहे। वहीं डोमेस्टिक इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (DII) नेट बायर्स बने रहे। FII ने 21 फरवरी को समाप्त सप्ताह में कैश सेगमेंट में 7,793 करोड़ रुपए के शेयर बेचे हैं। इससे फरवरी में अब तक उनकी ओर से टोटल सेल 36,977 करोड़ रुपए हो गई है। वहीं DII ने सप्ताह के दौरान 16,582 करोड़ रुपए के शेयर खरीदे। फरवरी में DII ने अभी तक 42,601 करोड़ रुपए के शेयर खरीदे हैं। इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग (IPO) नए सप्ताह में 24 फरवरी को न्यूक्लियस ऑफिस सॉल्यूशंस का IPO ओपन होगा। वहीं 25 फरवरी को श्रीनाथ पेपर के IPO की ओपनिंग होगी। लिस्टिंग की बात करें तो 24 फरवरी को BSE-NSE पर क्वालिटी पावर इलेक्ट्रिकल इक्विपमेंट के शेयर लिस्ट होंगे। 24 फरवरी को ही NSE SME पर रॉयलार्क इलेक्ट्रोड्स और तेजस कार्गो की लिस्टिंग होगी। इसके बाद 28 फरवरी को NSE SME पर HP टेलीकॉम इंडिया और BSE SME पर स्वास्थ फूडटेक के शेयर लिस्ट होंगे। पिछले हफ्ते सेंसेक्स 592 अंक गिरा था पिछले कारोबारी हफ्ते में सेंसेक्स 98 अंक यानी 0.13% गिरा है। निफ्टी में भी बीते सप्ताह 35 अंक (0.16%) की गिरावट रही। वहीं हफ्ते के आखिरी कारोबारी दिन यानी शुक्रवार (21 फरवरी) को सेंसेक्स 424 अंक की गिरावट के साथ 75,311 के स्तर पर बंद हुआ। निफ्टी में भी 117 अंक की गिरावट रही, ये 22,795 के स्तर पर बंद हुआ था। सेंसेक्स के 30 शेयरों में से 22 में गिरावट और 8 में तेजी रही। निफ्टी के 50 शेयरों में से 37 में गिरावट और 13 में तेजी रही। NSE सेक्टोरल इंडेक्स के ऑटो सेक्टर में सबसे ज्यादा 2.58% की गिरावट रही थी।

शेयर बाजार में इस हफ्ते उतार-चढ़ाव का अनुमान
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भारत-अमेरिका के GDP आंकड़े
इस हफ्ते, भारत और अमेरिका के GDP आंकड़ों की घोषणा मार्केट पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकती है। अर्थशास्त्री यह मानते हैं कि दोनों देशों के विकास दर के आंकड़े निवेशकों के मनोबल को प्रभावित करेंगे। अगर भारत का GDP अनुमानित से बेहतर परिणाम देता है, तो इससे भारतीय शेयर बाजार में तेजी आ सकती है।
एफआईआई और डीआईआई का फ्लो
फॉरेन इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (FII) और डोमेस्टिक इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (DII) का पूंजी प्रवाह भी इस हफ्ते बाजार के उतार-चढ़ाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। निवेशकों के बीच यह जानने की उत्सुकता होगी कि क्या FII फिर से भारतीय बाजार में निवेश बढ़ाने का फैसला करेंगे या नहीं।
बाजार की चाल को निर्धारित करने वाले अन्य फैक्टर्स
इसके अलावा, वैश्विक स्तर पर आर्थिक स्थिरता, केंद्रीय बैंकों की नीतियां, और ऑयल की कीमतें भी महत्वपूर्ण फैक्टर्स हैं। जैसे-जैसे ये तत्व विकसित होंगे, बाजार में उतार-चढ़ाव के अवसर बढ़ जाएंगे। निवेशकों को चाहिए कि वे इन तथ्यों को ध्यान में रखते हुए अपने निवेश के फैसले लें।
निष्कर्ष
इस हफ्ते के दौरान होने वाले विकासों पर ध्यान केंद्रित करना अत्यंत महत्वपूर्ण होगा। आपातकालीन परिस्थितियों की पहचान करना और जल्दी से प्रतिक्रिया देना निवेशकों के लिए लाभदायक हो सकता है।
इसलिए, सावधानी से सोच-समझ कर निवेश करें और निम्नलिखित ट्रेंड्स पर नज़र बनाए रखें।
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