सपा विधायक के गनर ने फोटो जर्नलिस्ट को पटका:एंट्री से रोका, कानपुर में नसीम सोलंकी मंच पर थीं, बोलीं- मैंने नहीं देखा; सिपाही लाइन हाजिर
कानपुर में सपा विधायक नसीम सोलंकी के गनर सिपाही ने फोटो जर्नलिस्ट को पटक दिया। आरोप है कि उसका कैमरा भी तोड़ दिया। मामला शनिवार को सूटरगंज में सड़क के लोकार्पण कार्यक्रम के दौरान का है। ADCP सेंट्रल ने बताया कि गनर सिपाही को लाइन हाजिर कर दिया गया है। एंट्री से रोका, धक्का देकर गिराया एलगिन मिल के सामने सूटरगंज वाली सड़क का लोकार्पण कार्यक्रम शनिवार को हुआ। इस सड़क का नाम वरिष्ठ साहित्यकार और पद्मश्री स्व. गिरिराज किशोर के नाम पर होना था। इसी कार्यक्रम को कवर करने के लिए एक अखबार के फोटो जर्नलिस्ट वहां पहुंचे। फोटो जर्नलिस्ट ने बताया- जब मैं अंदर जाने की कोशिश कर रहा था, तभी सपा विधायक नसीम सोलंकी के गनर ने मुझे एंट्री से रोक दिया। धक्का दिया और मारपीट शुरू कर दी। कुछ पत्रकार साथियों ने बीच-बचाव किया तो उनको भी धमकाने लगा। किसी तरह मामला शांत हुआ। फिर दोबारा अंदर जाने लगा तो गनर ने धक्का देकर जमीन पर गिरा दिया। धक्का-मुक्की में कैमरा भी टूट गया। सपा विधायक नसीम सोलंकी मंच पर थीं कार्यक्रम में विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना के अलावा मंच पर सपा विधायक नसीम सोलंकी भी मौजूद थीं। नसीम सोलंकी का कहना है कि वो कार्यक्रम में मंच पर थीं। उन्हें कुछ लोगों से पता चला कि बाहर कोई विवाद हुआ है। इस पर वो मंच से उतरकर गई भीं। हालांकि, मौके पर न गनर मिला और न ही फोटो जर्नलिस्ट। इसके बाद वो वहां से चली गईं। नसीम सोलंकी बोलीं- मैंने नहीं देखा नसीम सोलंकी ने कहा- मेरे सामने घटना नहीं हुई। इस कारण मैं नहीं बता सकती कि गलती किसकी है। गनर से मामले में पूछा गया तो उसका कहना था कि पहले उसके साथ गाली-गलौज की गई थी। ACP कर्नलगंज केस की जांच करेंगे ADCP सेंट्रल राजेश कुमार श्रीवास्तव ने बताया- दोनों पक्षों ने अपनी बात रखी है। ACP कर्नलगंज मामले की जांच कर रहे हैं। सिपाही को तत्काल प्रभाव से लाइन हाजिर कर दिया गया है।

सपा विधायक के गनर ने फोटो जर्नलिस्ट को पटका: कानपुर में नसीम सोलंकी ने किया बयान
हाल ही में एक विवादास्पद घटना में, उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी (सपा) के विधायक के गनर ने एक फोटो जर्नलिस्ट को मंच पर रोक दिया। यह घटना कानपुर में हुई, जहाँ विधायक नसीम सोलंकी एक कार्यक्रम में उपस्थित थीं। सोलंकी ने इस घटना पर बयान देते हुए कहा, "मैंने नहीं देखा कि क्या हुआ।"
घटना का विवरण
जानकारी के अनुसार, फोटो जर्नलिस्ट को कार्यक्रम में प्रवेश करने से पहले गनर ने रोक दिया। यह घटना उस समय हुई जब पत्रकार ने विधायक की तस्वीरें लेने का प्रयास किया। यह स्थिति कई मीडिया रिपोर्ट्स में चर्चा का विषय बनी हुई है।
सामाजिक मीडिया पर प्रतिक्रियाएँ
सोशल मीडिया पर इस घटना के बाद लोगों की विभिन्न प्रतिक्रियाएँ देखने को मिलीं। कई यूजर ने इस कृत्य की आलोचना की और गनर की कार्रवाई को अनुचित बताया। वहीं, कुछ लोगों ने विधायक के बयान पर सवाल भी उठाए कि उन्होंने घटना को कैसे नजरअंदाज किया।
लाइन हाजिर किया गया सिपाही
इस घटना के बाद, संबंधित सिपाही को लाइन हाजिर कर दिया गया है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि प्रशासन इस विवाद को गंभीरता से ले रहा है। कानपुर पुलिस ने इस मामले की जाँच शुरू कर दी है।
भविष्य के लिए आवश्यक कदम
इस घटना ने कई सवाल उठाए हैं, खासकर अधिकारियों की जिम्मेदारी और मीडिया की स्वतंत्रता के संदर्भ में। आगे की चुनौतियों का सामना करने के लिए, अधिकारियों और राजनीतिक नेताओं को अपने गनर्स की ट्रेनिंग और नियंत्रण पर ध्यान देने की आवश्यकता है।
नसीम सोलंकी का यह विवादित बयान और घटना मीडिया की नज़र में न केवल एक व्यक्ति के अधिकारों की सुरक्षा को उजागर करता है, बल्कि यह दर्शाता है कि राजनीतिक सुरक्षा बलों द्वारा किस तरह की कार्रवाई की जा सकती है।
देश में मीडिया के प्रति बढ़ते दुर्व्यवहार के मामले चिंताजनक हैं, और यह जरूरी है कि प्रशासन इस पर सख्त कदम उठाए।
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