सरकारी अस्पताल में 4 माह से सिरिंज का टोटा:फिरोजाबाद में मरीज खुद खरीद रहे दवाएं, डॉक्टर भी नदारद
फिरोजाबाद के हिमायूपुर अर्बन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति गंभीर रूप से खराब हो गई है। यहां पिछले 4 महीने से वैक्सीनेशन के लिए सिरिंज उपलब्ध नहीं हैं, जिससे मरीजों को बाजार से सिरिंज खरीदकर लानी पड़ रही है। इस समस्या की शुरुआत तब हुई जब कुत्ता काटने के इलाज के लिए आवश्यक इंजेक्शन लगाने की सिरिंज समाप्त हो गईं। स्थिति की गंभीरता इस बात से समझी जा सकती है कि प्रतिदिन दर्जनों मरीजों का इलाज करने वाले इस केंद्र में डॉक्टरों की अनुपस्थिति भी एक बड़ी समस्या बन गई है। शनिवार को सुबह 11 बजे तक डॉक्टर पल्लवी यादव सहित अन्य चिकित्सक अस्पताल नहीं पहुंचे और उनकी कुर्सियां खाली पड़ी रहीं। फार्मासिस्ट सौरभ यादव के अनुसार, सिरिंज की कमी को दूर करने के लिए सीएमओ कार्यालय को दो बार मांग पत्र भेजा जा चुका है, लेकिन अभी तक कोई आपूर्ति नहीं की गई है। यह स्थिति सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवा प्रणाली में व्याप्त गंभीर कमियों को उजागर करती है, जहां बुनियादी चिकित्सा उपकरणों की कमी और स्वास्थ्य कर्मियों की लापरवाही से आम जनता को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

सरकारी अस्पताल में 4 माह से सिरिंज का टोटा: फिरोजाबाद में मरीज खुद खरीद रहे दवाएं, डॉक्टर भी नदारद
फिरोजाबाद के सरकारी अस्पताल में पिछले चार महीनों से सिरिंज की अनुपलब्धता ने गंभीर स्वास्थ्य चिंताओं को जन्म दिया है। मरीजों को न सिर्फ दवाईयों की व्यवस्था खुद करनी पड़ रही है, बल्कि उन्हें उपचार के लिए आवश्यक उपकरण भी बाहर से खरीदने पर मजबूर होना पड़ रहा है। यह स्थिति अस्पताल के प्रशासनिक लापरवाही को दर्शाती है, जो स्वास्थ्य सेवाओं के बुनियादी मानकों को बनाए रखने में असमर्थ दिखाई दे रहा है।
सिरिंज का टोटा: स्वास्थ्य सेवाएं खतरे में
इस समय फिरोजाबाद के मरीजों को सिरिंज की किल्लत से जूझना पड़ रहा है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी इस मुद्दे को नजरअंदाज कर रहे हैं, जबकि आम जनता स्वास्थ्य सेवाओं के लिए रो रही है। मरीजों के लिए यह सबसे चिंताजनक स्थिति है, जब उन्हें अपने जीवनदायी इलाज के लिए आवश्यक सामग्रियों की कमी का सामना करना पड़ता है।
मरीजों की परेशानियाँ
अस्पताल में सिरिंज न मिल पाने के कारण कई मरीजों को दवा के लिए अलग-अलग मेडिकल स्टोर्स पर जाना पड़ रहा है। कई बार तो दवाएं उपलब्ध नहीं होती हैं, जिससे उनकी स्वास्थ्य स्थिति और भी बिगड़ जाती है। ऐसे में ये उम्मीद करना कि डॉक्टर उनकी मदद करेंगे, बिल्कुल निराशाजनक है, क्योंकि डॉक्टर भी अस्पताल में नियमित रूप से उपस्थित नहीं होते।
अधिकारियों की चुप्पी
स्वास्थ्य अधिकारियों की चुप्पी पर सवाल उठाए जा रहे हैं। क्या उन्हें स्थिति की गंभीरता का पता नहीं है या वे इसे नजरअंदाज कर रहे हैं? इस संदर्भ में सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवा की जिम्मेदारी पर गंभीर सवाल खड़े होते हैं।
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अगले कदम
समुदाय के सदस्यों और स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को मिलकर इस स्थिति के खिलाफ आवाज उठानी होगी। यह महत्वपूर्ण है कि संबंधित अधिकारियों का ध्यान इस ओर आकर्षित किया जाए, ताकि मरीजों को उचित स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की जा सकें। हमें एकजुट होकर इस समस्या के समाधान के लिए प्रयास करने चाहिए। Keywords: सरकारी अस्पताल सिरिंज टोटा, फिरोजाबाद मरीज दवाएं खरीद रहे, डॉक्टर नदारद, स्वास्थ्य सेवाएं भारत, मरीज स्वास्थ्य समस्याएँ, सरकारी अस्पताल लापरवाही, फिरोजाबाद स्वास्थ्य विभाग, सिरिंज की कमी, मरीजों की परेशानियाँ, स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित, अस्पताल में औषधि की अनुपलब्धता
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