हिमाचल के पूर्व मंत्री ने CS पर साधा निशाना:बिक्रम बोले- आर्थिक संकट से जूझ रहा प्रदेश, सरकारी खर्च से पार्टी कर रहे अधिकारी
हिमाचल के मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना पर पूर्व उद्योग मंत्री बिक्रम ठाकुर ने निशाना साधा है। पूर्व मंत्री ने शुक्रवार को एक वीडियो जारी कर कहा, हिमाचल सरकार आर्थिक संकट से गुजर रही। प्रदेश पर एक लाख करोड़ रुपए का कर्ज चढ़ चुका है। हिमाचल की अफसरशाही के मुखिया ऐसे वक्त में होली पर पार्टी करते हैं और इस पार्टी का खर्चा सरकार पर डाल देते हैं। उन्होंने कहा, IAS, उनकी बीवियों और बच्चों की पार्टी के खर्च का बिल सरकार को देना दुर्भाग्यपूर्ण है। बिक्रम ठाकुर ने कहा, जिन अधिकारियों को प्रदेश की जनता की सेवा के लिए भेजा गया है। वह सरकारी पैसे का दुरुपयोग कर रहे हैं। उन्होंने कहा, सरकारी खर्च पर आयोजित इस पार्टी में वरिष्ठ अधिकारियों और उनके परिवारों की उपस्थिति और उसमें किए गए खर्च को देखते हुए यह साफ है कि यह लोकतांत्रिक भावना, नैतिक आचरण और प्रशासनिक मर्यादा का घोर उल्लंघन है। उन्होंने कहा, प्रदेश में आम जन मानस जब परेशान है, ऐसे वक्त में नौकरशाही का इस तरह का आचरण सही नहीं है। यह कार्यभार और वित्तीय अनुशासन की उपेक्षा है, जो केंद्रीय सिविल सेवा (आचरण) नियम 1964 के तहत भी उल्लंघन की श्रेणी में आता है। जिसमें अधिकारियों से निष्ठा, ईमानदारी और निष्पक्षता की अपेक्षा की जाती है। होली वाले दिन होटल हॉलिडे होम में दी थी पार्टी दरअसल, चीफ सेक्रेटरी प्रबोध सक्सेना ने होली वाली दिन IAS अफसरों को शिमला के होटल हॉलिडे होम (HHH) में लंच पार्टी दी थी। इसमें लगभग 75 अफसर, उनकी पत्नियां और बच्चे शामिल हुए। अब इस पार्टी के बिल को प्रदेश सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग (GAD) को भेज दिया गया। अब सरकार के स्तर पर बिल के भुगतान की प्रक्रिया को पूरा किया जा रहा है। 75 अफसरों व इनकी बीवियों को दी पार्टी GAD को भेजे इस बिल के मुताबिक 75 अफसरों, उनकी पत्नियों और बच्चों और 22 ड्राइवर के लंच पर कुल मिलाकर 1 लाख 22 हजार 20 रुपए खर्च किए गए। अब इसका बिल भुगतान के लिए जीएडी को दिया गया है। वहीं, इस मामले में चीफ सेक्रेटरी प्रबोध सक्सेना ने कहा कि गवर्नर, राज्यपाल और मुख्य सचिव ऐसी पार्टी का आयोजन कर सकते हैं। पहले भी ऐसा होता रहा है। इन पार्टी में बाहर के लोग भी आते हैं।

हिमाचल के पूर्व मंत्री ने CS पर साधा निशाना
हाल ही में हिमाचल प्रदेश के पूर्व मंत्री ने मुख्य सचिव (CS) पर गंभीर आरोप लगाए हैं। विक्रम ने कहा कि प्रदेश आर्थिक संकट से जूझ रहा है और इस स्थिति के लिए कुछ सरकारी अधिकारी जिम्मेदार हैं। उनका आरोप है कि ये अधिकारी सरकारी खर्चों का उपयोग अपनी पार्टी की गतिविधियों के लिए कर रहे हैं, जो वास्तव में बेहद चिंताजनक स्थिति है।
आर्थिक संकट की स्थिति
विक्रम के मुताबिक, हिमाचल प्रदेश इस समय गंभीर आर्थिक संकट का सामना कर रहा है। राज्य की वित्तीय स्थिति में सुधार लाने के लिए प्रभावशाली कदम उठाने की आवश्यकता है। उनका कहना है कि जब राज्य के अधिकारी सरकारी खर्च का दुरुपयोग करते हैं, तो यह आम जनता के हित में नहीं होता। इस प्रकार की गतिविधियाँ न केवल सरकार की छवि को धूमिल करती हैं, बल्कि राज्य की विकास योजनाओं को भी प्रभावित करती हैं।
सिर्फ शब्द नहीं, कार्रवाई की आवश्यकता
विक्रम ने कहा कि अब केवल शब्दों तक सीमित नहीं रहना चाहिए, बल्कि स्थिति के समाधान के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है। उन्होंने यह भी कहा कि जनता की समस्याओं को सुनने और उनके समाधान में सरकारी अधिकारियों की भूमिका सुनिश्चित करना अनिवार्य है। आगे की कार्रवाई के लिए सभी संबंधित पक्षों को एकजुट होकर काम करना होगा।
जनता के अधिकारों की सुरक्षा
हिमाचल प्रदेश के विकास के लिए यह महत्वपूर्ण है कि अधिकारी और जनप्रतिनिधि एकजुट होकर कार्य करें। विक्रम के ठीक शब्दों में, “सरकारी खर्च का सही उपयोग होना चाहिए ताकि यह राज्य के विकास के हित में काम आ सके।” उनके बयान ने प्रदेश की राजनीति में हलचल पैदा कर दी है और अब सभी की निगाहें इस मुद्दे पर हैं।
इस प्रकार, हिमाचल प्रदेश की वर्तमान राजनीतिक स्थिति और आर्थिक संकट को प्रभावी ढंग से संभालने के लिए, सभी पक्षों को मिलकर आगे बढ़ना होगा।
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