हिमाचल: पेयजल घोटाले में अफसरों-ठेकेदारों से 7.30 घंटे पूछताछ:कॉट्रेक्टर के बैंक खातों की डिटेल ली, किस-किस को ट्रांजेक्शन की, ये खंगाल रही SIU

विजिलेंस की स्पेशल इन्वेस्टिगेशन यूनिट (SIU) ने ठियोग के पेयजल घोटाले में आज (बुधवार) मुख्यालय में 3 SDO, 5 JE और 3 ठेकेदारों से लंबी पूछताछ की। इन सबसे सुबह 10 बजे से शाम 5.30 बजे तक लगभग साढ़े सात घंटे पूछताछ की गई। SIU ने ठेकेदारों के बैंक खातों की भी डिटेल ले ली है। अब इनके खातों से हुई ट्रांजेक्शन देखी जा रही है और पता लगाया जा रहा है कि ठेकेदारों के अकाउंट से किस किस के खातों में पैसा डाला गया है। माना जा रहा है कि ठेकेदारों के खातों से अफसरों के साथ साथ कुछ नेताओं के बैंक खातों में ट्रांजेक्शन हुई है। SDO और JE ने टैंकर से पेयजल वितरण का जो रिकॉर्ड तैयार किया था, उसे आज SIU ने कब्जे में लिया है। हालांकि टेंडर से जुड़ा रिकॉर्ड बीते सोमवार को कब्जे में ले लिया था। इसके बाद कल फिजिकल वैरिफिकेशन शुरू करेगी। जिन गाड़ियों से पानी सप्लाई किया गया, उनकी जांच होगी। फिजिकल वैरिफिकेशन पूरी होने के बाद विजिलेंस की SIU डिजिटल वैरिफिकेशन करेगी, ताकि एक करोड़ रुपए से ज्यादा के घोटाले में साक्ष्य जुटाए जा सके। इसके बाद एफआईआर होगी। पेयजल घोटाले में 10 अफसरों को सस्पेंड कर चुकी सरकार राज्य सरकार ने बीते शुक्रवार को ठियोग में पेयजल सप्लाई घोटाले में 10 अधिकारियों को सस्पेंड किया और इसकी विभागीय जांच के साथ साथ विजिलेंस को भी जांच सौंपी। विजिलेंस ने इस मामले की जांच के लिए एडिशनल एसपी विजिलेंस नरवीर राठौर की अगुआई में SIU गठित की है। इन्हें किया गया सस्पेंड ​सरकार ने प्रारंभिक जांच के बाद मत्याना डिवीजन के एक्सईएन अशोक कुमार भोपाल, कसुम्प्टी डिवीजन के एक्सईएन बसंत सिंह, मत्याना SDO परनीत ठाकुर, कोटी SDO राकेश कुमार, वर्तमान में कोटगढ़ में तैनात SDO विवेक शर्मा, ठियोग के JE मस्त राम बराक्टा, लाफूघाटी के JE सुरेश कुमार, मत्याना के JE नीम चंद, रिटायर्ड JE सुदर्शन और धरेच फागू के JE सुनील कुमार को सस्पेंड किया है। माकपा विधायक ने लगाए थे गबन के आरोप पूर्व माकपा विधायक राकेश सिंघा ने ठियोग में 1 करोड़ 13 लाख रुपए का पानी लोगों को टैंकर से पिलाने के दावे को गलत बताया था। उन्होंने आरोप लगाया था, 'पानी बाइक, ऑल्टो कार, के-10, होंडा सिटी कार और हॉर्टीकल्चर डायरेक्टर की बोलेरो में ढोया गया। एक बाइक पर 11 चक्कर में 22 हजार लीटर पानी ढोया गया। इसकी एवज में 23 हजार रुपए का भुगतान किया गया। शिमला में हार्टिकल्चर डायरेक्टर की बोलेरो गाड़ी से 15 हजार लीटर पानी सप्लाई किया गया। इसके बदले 94 हजार की रकम ठेकेदार को दी गई।' सिंघा बोले- RTI से भ्रष्टाचार का भंडाफोड़ राकेश सिंघा ने RTI की सूचना का हवाला देते कहा था कि ठियोग में जल शक्ति विभाग ने इस साल गर्मी के दौरान लोगों को पानी पिलाया है और जब इसकी पेमेंट ठेकेदार को की गई तो उसमें बड़ा गबन लग रहा है। उन्होंने मुख्य सचिव से इसकी जांच और उचित कार्रवाई की मांग की है। ऐसा नहीं होने पर उन्होंने सचिवालय के घेराव की चेतावनी भी दी। ​​​​​​बाइक पर ढोया पानी सिंघा ने कहा कि जल शक्ति विभाग ने बाइक पर भी लोगों को पानी पिलाया है। बिल लेने के लिए जब ठेकेदार ने बिल प्रोड्यूस किए तो बाइक, ऑल्टो कार, K-10, होंडा सिटी कार और हॉर्टिकल्चर डायरेक्टर की बोलेरो जैसी गाड़ियों के नंबर दिए गए। एक दिन में ही एक गाड़ी को 500 से 1000 किलोमीटर रनिंग दर्शायी गई, जो पहाड़ों में संभव ही नहीं है। सिंघा ने कहा हर साल ठियोग में पानी की सप्लाई के लिए 10-12 लाख रुपए खर्च होते थे। लेकिन 2024 में यह आंकड़ा अचानक एक करोड़ के पार पहुंच गया। कई ऐसे वाहन नंबर भी दिखाए गए, जो अस्तित्व में ही नहीं हैं। यहां तक कि कुछ इलाकों में, जहां सड़कें तक नहीं हैं, वहां भी वाहनों से पानी की सप्लाई दिखाई गई। एक महीने के भीतर ठेकेदार को पेमेंट का किया भुगतान राकेश सिंघा ने कहा, ठेकेदार को पानी की सप्लाई के पैसे का भुगतान एक महीने के भीतर कर दिया गया। अधिकारियों ने भी बिना जांच के बिल का भुगतान किया। ठियोग क्षेत्र में पानी की हर साल भारी किल्लत रहती है, लेकिन घोटाले के चलते लोगों को राहत नहीं मिल पाई। घोटाले की उच्च स्तरीय जांच की जाए और इस मामले में दूध का दूध और पानी का पानी होना चाहिए।

Jan 8, 2025 - 19:40
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हिमाचल: पेयजल घोटाले में अफसरों-ठेकेदारों से 7.30 घंटे पूछताछ:कॉट्रेक्टर के बैंक खातों की डिटेल ली, किस-किस को ट्रांजेक्शन की, ये खंगाल रही SIU
विजिलेंस की स्पेशल इन्वेस्टिगेशन यूनिट (SIU) ने ठियोग के पेयजल घोटाले में आज (बुधवार) मुख्यालय में 3 SD

हिमाचल: पेयजल घोटाले में अफसरों-ठेकेदारों से 7.30 घंटे पूछताछ

हिमाचल प्रदेश में पेयजल घोटाले की जांच को लेकर एसआईयू की सक्रियता बढ़ गई है। हाल ही में, अधिकारियों और ठेकेदारों से करीब 7.30 घंटे तक पूछताछ की गई है। यह पूछताछ इस घोटाले में शामिल व्यक्तियों के साथ-साथ उनके बैंक खातों की डिटेल जानने के लिए की जा रही है।

क्या है पेयजल घोटाला?

यह घोटाला हिमाचल प्रदेश के पेयजल सप्लाई में हुए भ्रष्टाचार को उजागर करता है, जिसमें ठेकेदारों ने गलत तरीके से सरकारी धन का वंचन किया। एसआईयू ने अब ठेकेदार के बैंक खातों की संपूर्ण जानकारी एकत्र करने का निर्णय लिया है, ताकि यह समझा जा सके कि कौन-कौन से ट्रांजेक्शन किए गए थे और उनका उद्देश्य क्या था।

जांच का उद्देश्य

जांच का मुख्य उद्देश्य यह जानना है कि इस घोटाले में किन अधिकारियों की भागीदारी है और उन्होंने किस प्रकार से प्रक्रियाओं का उल्लंघन किया है। एसआईयू डेटा खंगाल रही है ताकि सभी संदिग्ध लेनदेन का पता लगाया जा सके। इस पूछताछ में कई महत्वपूर्ण सवाल किए गए हैं, जिनका उत्तर ठेकेदारों और अधिकारियों को देना होगा।

निष्कर्ष

यह स्थिति हिमाचल प्रदेश के प्रशासनिक ढांचे में आवश्यक सुधार की मांग कर रही है। सरकारी धन के दुरुपयोग की घटनाएं हमारे समाज के लिए गंभीर खतरा हैं। ऐसे में यह आवश्यक हो जाता है कि जिम्मेदार व्यक्तियों को कठोर दंड मिले ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।

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