हिमाचल में एसएमसी शिक्षक करेंगे हड़ताल:21 फरवरी से सचिवालय के बाहर धरना, बोले- सरकार नहीं कर रही नियमित
हिमाचल प्रदेश में मार्च के पहले सप्ताह में बोर्ड परीक्षाएं शुरू होनी है, लेकिन इससे पहले प्रदेश में बीते 13 सालों से नियमितीकरण की राह देख रहे एसएमसी (स्कूल मैनेजमेंट कमेटी) शिक्षकों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने का ऐलान कर दिया है और 21 फरवरी से हड़ताल पर जाने का फैसला लिया है। इन शिक्षकों ने सरकार को चेताया है कि अगर 21 फरवरी से पहले सरकार ने एसएमसी अध्यापकों को नियमित करने को लेकर कोई निर्णय नहीं लिया तो वह कक्षाओं का बहिष्कार करेंगे, जिसकी जिम्मेदार प्रदेश सरकार होगी। सरकार यदि समय रहते कोई फैसला नहीं लेती तो एस शिक्षक आर पार की लड़ाई लड़ेंगे और जेल जाने में भी गुरेज नहीं करेंगे। नहीं किया गया नियमित शिमला में पत्रकार वार्ता के दौरान एसएमसी शिक्षक संघ के अध्यक्ष सुनील शर्मा ने कहा कि 7 मार्च 2024 को कैबिनेट ने LDR के माध्यम से एसएमसी अध्यापकों को नियमितीकरण करने की मंजूरी दी थी। एक साल होने को है, लेकिन सरकार इस दिशा में एक कदम भी नहीं बढ़ाया है। उनका कहना था कि सरकार ने समय मांगा उन्होंने समय दिया लेकिन अब सरकार को दो साल से ज्यादा का समय हो गया है और LDR को मंजूरी मिले भी एक साल होने को आ गया है परंतु एक भी एसएमसी को नियमित नहीं किया गया है। सचिवालय के बाहर दिया जाएगा धरना संघ के अध्यक्ष सुनील शर्मा ने कहा कि चुनावों के वक्त कांग्रेस ने बड़ी-बड़ी बातें की थी, लेकिन सत्ता में आने के बाद एसएमसी अध्यापकों के साथ सरकार अन्याय कर रही है। जिसके खिलाफ इन टीचरों ने ने आरपार की लड़ाई लड़ने का मन बना लिया है। SMC टीचर 21 फरवरी से सरकार के खिलाफ सचिवालय के बाहर धरने पर बैठेंगे और जब तक मांगे पूरी नहीं होती आंदोलन चलेगा। भले ही इसके लिए अध्यापकों को लाठी खानी पड़े या फिर जेल जाना पड़े। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 2400 से ज्यादा एसएमसी शिक्षक सेवाएं दे रहे हैं।

हिमाचल में एसएमसी शिक्षक करेंगे हड़ताल: 21 फरवरी से सचिवालय के बाहर धरना, बोले- सरकार नहीं कर रही नियमित
हिमाचल प्रदेश के एसएमसी शिक्षकों ने 21 फरवरी से सचिवालय के बाहर धरना देने का निर्णय लिया है। इस हड़ताल का मुख्य उद्देश्य उनके नियमितकरण की मांग को लेकर सरकार के खिलाफ अपना विरोध दर्ज कराना है। शिक्षकों का कहना है कि उनकी मेहनत और योगदान को नजरअंदाज किया जा रहा है। News by indiatwoday.com
एसएमसी शिक्षक की स्थिति
एसएमसी (स्कूल मैनेजमेंट कमेटी) शिक्षकों की स्थिति पिछले कुछ वर्षों में काफी बिगड़ गई है। वे लंबे समय से नियमित शिक्षा प्रदान कर रहे हैं, फिर भी उनकी सेवाएँ स्थायी नहीं की जा रही हैं। कई शिक्षक तो ऐसे हैं जो वर्षों से एक ही स्थान पर काम कर रहे हैं, लेकिन अब तक उनको नियमित कर्मचारियों का दर्जा नहीं मिल पाया है।
धरने का उद्देश्य
21 फरवरी को आयोजित होने वाला धरना राज्य सरकार को यह स्पष्ट संदेश देने का प्रयास है कि एसएमसी शिक्षकों की समस्याओं को अनदेखा नहीं किया जा सकता। शिक्षक नेताओं का मानना है कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं, तो वे और अधिक सख्त कदम उठाने को मजबूर होंगे।
सरकार की अनदेखी
हालांकि, सरकार की ओर से अब तक कोई सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं आई है। शिक्षकों का आरोप है कि हाल के वर्षों में हुए कई आंदोलन और वार्ता के बावजूद उनकी समस्याओं का समाधान नहीं निकला है। यह हड़ताल शिक्षकों के लिए एक मौका है कि वे अपनी आवाज उठाएँ और कार्यरत सिस्टम में बदलाव लाने का प्रयास करें।
समर्थन की अपील
एसएमसी शिक्षक अन्य सहयोगी संगठनों और नागरिकों से समर्थन की अपील कर रहे हैं। उनकी मांग है कि शिक्षा के क्षेत्र में स्थायी उपाय किए जाएं ताकि वे अपनी भविष्य की चिंता के बिना छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान कर सकें।
उनका मानना है कि अगर वे एकजुट होकर अपनी समस्याओं को उठाते हैं, तो सरकार को उनकी मांग सुननी पड़ेगी। ऐसे में हर नागरिक की जिम्मेदारी है कि वह इस पहल का समर्थन करें।
अंत में, यह स्पष्ट है कि हिमाचल प्रदेश के एसएमसी शिक्षकों की हड़ताल केवल उनके अधिकारों के लिए नहीं, बल्कि बेहतर शिक्षा के लिए भी है। शिक्षकों के इस आंदोलन पर नजर रखना आवश्यक होगा।
सरकार को चाहिए कि वह अपनी नीति में बदलाव करे और शिक्षकों के हक की रक्षा करे। Keywords: हिमाचल एसएमसी शिक्षक हड़ताल, एसएमसी शिक्षकों की मांग, धरना सचिवालय, हिमाचल शिक्षा नीति, एसएमसी नियमितकरण, शिक्षक आंदोलन 21 फरवरी, हिमाचल शिक्षकों का धरना, सरकार की अनदेखी, शिक्षा में सुधार, हिमाचल के शिक्षक समस्याएँ.
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