हिमाचल में करुणामूलक आश्रितों को मिलेगी नौकरी:डिप्टी CM बोले- सभी मृतक कर्मियों के आश्रितों को एकमुश्त देंगे नियुक्ति, 1839 मामले लंबित है

हिमाचल विधानसभा बजट सत्र में बुधवार को मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू की गैर मौजूदगी में डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने कहा,करुणामूलक​​​​​​​ नौकरी के सभी लंबित मामले एकमुश्त निपटाए जाएंगे। उन्होंने कहा, सरकार ने शिक्षा मत्री रोहित ठाकुर की अध्यक्षता में एक कैबिनेट सब कमेटी बना रखी है। इस कमेटी की रिपोर्ट आते ही मृतक कर्मचारियों के आश्रितों को नौकरी दी जाएगी। सब कमेटी में मंत्री राजेश धर्माणी और मंत्री यादवेंद्र गोमा सदस्य है। रोहित ठाकुर ने कहा, कैबिनेट सब कमेटी की दो मीटिंग हो चुकी है। उन्होंने कहा, 15 अप्रैल तक करुणामूलक नौकरी के मामलों को लेकर कमेटी अपनी रिकमंडेशन सरकार को दे देगी। इससे पहले मुकेश अग्निहोत्री ने कहा, पूर्व सरकार में तो नौकरियां बेची जाती थी। इस पर सदन में सत्तापक्ष और विपक्ष में नोकझोंक शुरू हो गई। तब स्पीकर के कहने पर शिक्षा मंत्री ने जवाब दिया। सत्तापल सत्ती ने पूछा था सवाल विधानसभा में यह मामला भाजपा विधायक सतपाल सत्ती ने प्रश्नकाल के दौरान उठाया। उन्होंने मांग रखी कि 5 प्रतिशत भर्ती कोटे की शर्त हटाकर एक बार सभी को नौकरी देनी चाहिए। करुणामूलक नौकरी के 1839 मामले लंबित प्रदेश में करुणामूलक नौकरी के 1839 मामले लंबित है। पूर्व में मुख्यमंत्री सुक्खू भी एकमुश्त नौकरी देने की बात कह चुके हैं। तब उन्होंने सभी विभागों से करुणामूलक कोटे से खाली पदों का ब्योरा भी मांगा था। जयराम बोले- आय सीमा नौकरी में बाधा नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा आय सीमा ही करुणामूलक आधार पर नौकरी में सबसे बड़ी बाधा है। पूर्व सरकार ने सबसे अधिक लोगों को इस आधार पर नौकरी दी है। आय सीमा में अगर कुछ छूट दी जाती है तो इन लोगों को रोजगार मिल जाएगा। बीजेपी विधायक रणधीर शर्मा ने भी आय सीमा में छूट का मामला उठाया और पेंशन को इसमें नहीं जोड़े जाने की बात सदन में कही।

Mar 26, 2025 - 13:00
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हिमाचल में करुणामूलक आश्रितों को मिलेगी नौकरी:डिप्टी CM बोले- सभी मृतक कर्मियों के आश्रितों को एकमुश्त देंगे नियुक्ति, 1839 मामले लंबित है
हिमाचल विधानसभा बजट सत्र में बुधवार को मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू की गैर मौजूदगी में डिप्टी सी

हिमाचल में करुणामूलक आश्रितों को मिलेगी नौकरी

हिमाचल प्रदेश के डिप्टी मुख्यमंत्री ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण घोषणा की है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार सभी मृतक कर्मचारियों के आश्रितों को नौकरी एकमुश्त देने जा रही है। यह कदम उन परिवारों के लिए राहत प्रदान करेगा जिन्होंने अपने कमाने वाले सदस्यों को खो दिया है। इस निर्णय के तहत 1839 मामले लंबित हैं, जिनके परिणामस्वरूप कई परीक्षाओं और प्रक्रियाओं को पार करना होगा।

निर्णय की पृष्ठभूमि

डिप्टी CM ने कहा कि यह निर्णय आश्रितों के जीवन स्तर को सुधारने और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से लिया गया है। पिछले कई वर्षों से यह मुद्दा राजनीतिक चर्चा का केंद्र रहा है, और अब समय आ गया है कि इसे व्यवहार में लाया जाए। इस संबन्ध में उचित कार्यवाही करने की योजना बनाई जा रही है, जिससे कि सभी योग्य आश्रितों को नियुक्ति मिल सके।

आश्रितों की स्थिति

राज्य में हजारों परिवार हैं जिनकी आर्थिक स्थिति खराब हो चुकी है। कई ऐसे लोग भी हैं जिन्होंने अपने प्रियजनों को खो दिया। यह निर्णय उन सभी परिवारों के लिए एक नई उम्मीद की किरण है। आश्रितों की नियुक्ति से न केवल उनका जीवन स्तर सुधरेगा, बल्कि इससे सामाजिक सुरक्षा भी बढ़ेगी।

सरकारी प्रक्रिया की जरूरत

हालांकि, 1839 लंबित मामलों के समाधान के लिए सरकारी प्रक्रिया को तेज करने की आवश्यकता है। आश्रितों को नियुक्ति देने के लिए उचित चयन प्रक्रिया का पालन करना जरूरी है, ताकि सभी को समान अवसर मिल सके। सरकार द्वारा इस प्रक्रिया को जल्दी निपटाने के लिए ठोस कदम उठाए जाने चाहिए।

निष्कर्ष

हाल के निर्णय से हिमाचल प्रदेश के आश्रितों में नई उम्मीद जगी है। डिप्टी CM के नेतृत्व में जो कदम उठाए जा रहे हैं, वे निश्चित रूप से सकारात्मक परिवर्तन के लिए महत्वपूर्ण साबित होंगे। सभी आश्रितों को उचित समय पर नौकरी मिलने से उन्हें आत्मनिर्भर बनने का अवसर मिलेगा, जो उनकी जिंदगी में एक नया मोड़ लाएगा।

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