हिमाचल की गद्दी संस्कृति को मिली वैश्विक पहचान:चंबा की बेटी ने लंदन फैशन सम्मेलन में पेश किया शोध, दुनियाभर से चुने शोधकर्ता

लंदन में आयोजित प्रतिष्ठित हैलैंडर फैशन सम्मेलन 2024 में हिमाचल प्रदेश की गद्दी संस्कृति को विश्व स्तर पर पहचान मिली है। चंबा जिले में भरमौर के रजौर गांव की बेटी तनिशवी ठाकुर ने इस सम्मेलन में गद्दी दुल्हन की पारंपरिक पोशाक पर अपना रिसर्च पत्र प्रस्तुत किया। तनिशवी ने अपनी रिसर्च में "गद्दी दुल्हन की पारंपरिक पोशाक का विकास: वैश्वीकरण और सांस्कृतिक एकीकरण का प्रभाव" विषय पर काम किया। विश्वभर से चुने गए शोधार्थियों में तनिशवी का चयन एक विशेष उपलब्धि है। गायक और सेवानिवृत्त मुख्य अभियंता की बेटी तनिशवी प्रसिद्ध 'खिन्नू' गीत के गायक और सेवानिवृत्त मुख्य अभियंता रुमेल सिंह की बेटी हैं। उन्होंने निफ्ट कांगड़ा से फैशन डिजाइनिंग में स्नातक और निफ्ट मुंबई से मास्टर डिग्री प्राप्त की है। वर्तमान में वे अहमदाबाद विश्वविद्यालय में विजिटिंग प्रोफेसर हैं। अंतरराष्ट्रीय शोध पत्रिका में होगा प्रकाशित उनका शोध पत्र 2025 में एक प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय शोध पत्रिका में प्रकाशित होगा। तनिशवी का मानना है कि गद्दी परिधान और परंपराएं हिमाचली समुदाय की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। उन्होंने इस सफलता का श्रेय अपने माता-पिता और भरमौर की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को दिया है।

Apr 1, 2025 - 12:59
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हिमाचल की गद्दी संस्कृति को मिली वैश्विक पहचान:चंबा की बेटी ने लंदन फैशन सम्मेलन में पेश किया शोध, दुनियाभर से चुने शोधकर्ता
लंदन में आयोजित प्रतिष्ठित हैलैंडर फैशन सम्मेलन 2024 में हिमाचल प्रदेश की गद्दी संस्कृति को विश्व

हिमाचल की गद्दी संस्कृति को मिली वैश्विक पहचान

चंबा की एक प्रतिभाशाली बेटी ने लंदन के प्रतिष्ठित फैशन सम्मेलन में गद्दी संस्कृति पर अपनी शोध प्रस्तुत कर पूरे हिमाचल प्रदेश को गर्वित किया है। इस सम्मेलन में दुनियाभर के कई शोधकर्ताओं ने भाग लिया, जिसमें हिमाचली संस्कृति की अनूठी विशेषताओं और समृद्ध परंपराओं को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने की दिशा में यह कदम अहम माना जा रहा है। इस कार्यक्रम ने गद्दी संस्कृति की अद्वितीयता को स्थिति में लाने के साथ ही, इसे फैशन और कला के रूप में प्रस्तुत करने का एक अवसर प्रदान किया।

गद्दी संस्कृति की विशेषताएँ

गद्दी संस्कृति हिमाचल प्रदेश की एक महत्वपूर्ण सांस्कृतिक धरोहर है, जिसमें संगीत, नृत्य, और हस्तशिल्प कला शामिल हैं। चंबा की बेटी ने इस संस्कृति के विभिन्न पहलुओं को अपने शोध में शामिल किया, जिसमें पारंपरिक वस्त्र, आभूषण और स्थानीय कलाओं का विस्तृत वर्णन किया गया। इस प्रकार के आयोजन न केवल स्थानीय कला की सराहना करते हैं, बल्कि यह युवा पीढ़ी को भी प्रेरित करते हैं कि वे अपनी परंपराओं को गर्व के साथ अपनाएं।

लंदन फैशन सम्मेलन का महत्व

लंदन फैशन सम्मेलन विश्व के फैशन परिदृश्य पर एक महत्वपूर्ण प्रभाव डालता है। यहां पर दुनियाभर के चुने हुए शोधकर्ताओं और फैशन उद्योग के विशेषज्ञों को एक मंच पर लाया जाता है। चंबा की बेटी के शोध ने इस मंच पर गद्दी संस्कृति की विशेषताओं को प्रदर्शित कर एक सशक्त पहचान बनाई है। यह सम्मेलन हिमाचल की सांस्कृतिक धरोहर को विश्व स्तर पर स्थापित करने का एक सफल प्रयास है।

भविष्य की संभावनाएँ

इस प्रकार के आयोजनों से न केवल गद्दी संस्कृति को समर्थन मिलता है, बल्कि यह आगामी पीढ़ी को भी अपने सांस्कृतिक मूल्यों से जोड़ने में मदद करते हैं। चंबा की इस बेटी की उपलब्धि ने यह दर्शाया है कि स्थानीय परंपराएँ भी वैश्विक मंच पर अपनी जगह बना सकती हैं, बशर्ते उन्हें सही ढंग से प्रस्तुत किया जाए।

इस सफलता के माध्यम से, हम आशा कर सकते हैं कि अन्य युवा भी विभिन्न सांस्कृतिक धरोहरों को आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित होंगे। आलम यह है कि आज के विश्व में सांस्कृतिक पहचान केवल एक राष्ट्र तक सीमित नहीं रहती, बल्कि यह वैश्विक स्तर पर महत्वपूर्ण बन जाती है।

इस अद्भुत उपलब्धि पर हमें गर्व है और आने वाले समय में ऐसी और उपलब्धियों की उम्मीद करते हैं।

News by indiatwoday.com

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