हिमाचल में ठंड से 12 गायों की मौत:गौशाला में 2 साल से टूटी छत नहीं बनी, खराब चारे की सप्लाई
हिमाचल के कुल्लू में ठंड और प्रशासनिक लापरवाही के कारण 12 से अधिक गायों की मौत हो गई। भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष और पूर्व मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने इस घटना पर गहरी चिंता जताई है। घटना रायसन की गौशाला की है। गौशाला की स्थिति बेहद खराब है। 2023 में मनाली में आई बाढ़ से गौशाला की छत क्षतिग्रस्त हो गई थी। दो साल बीत जाने के बाद भी इसकी मरम्मत नहीं की गई। इस कारण गायों को सर्दी से बचाने का कोई उचित प्रबंध नहीं है। गौशाला में भेजे गए चारे की गुणवत्ता भी बेहद खराब है। पशुओं को पर्याप्त पोषण नहीं मिल पा रहा है। इससे उनकी सेहत लगातार बिगड़ती जा रही है। गोविंद सिंह ठाकुर ने इस मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। उन्होंने लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। साथ ही गौशाला की मरम्मत को प्राथमिकता से पूरा करने की बात कही है। उन्होंने स्थानीय लोगों से भी मदद की अपील की है। उनसे गायों के लिए हरा चारा और स्थानीय घास उपलब्ध कराने का आग्रह किया है। इससे गौवंश को पर्याप्त भोजन और देखभाल मिल सकेगी।

हिमाचल में ठंड से 12 गायों की मौत
हिमाचल प्रदेश में ठंड की तीव्रता के कारण 12 गायों की मौत की खबर सामने आई है। यह घटना एक गौशाला में हुई, जहां गायों के लिए उचित सुविधाओं की कमी दिखाई दे रही है। समाचार के अनुसार, गौशाला की छत पिछले दो वर्षों से टूटी हुई है और यह संक्रमण को बढ़ावा देने के लिए जिम्मेदार हो सकता है। इसके अलावा, खराब चारे की सप्लाई भी गायों की स्थितियों को और खराब कर रही है।
गौशाला की वर्तमान स्थिति
गौशाला में गायों के लिए बुनियादी सुविधाओं का अभाव चिंता का विषय है। टूटी छत ने ना केवल गायों को ठंड से बचाने में असमर्थ रखा है, बल्कि यह उनकी सामान्य स्वास्थ्य स्थिति पर भी नकारात्मक प्रभाव डाल रहा है। गंभीर सर्दी के मौसम में उचित तापमान और शेल्टर की आवश्यकता होती है। ऐसा न होने पर, गायें बीमार पड़ सकती हैं, जिसकी मिसाल हमें इस घटना से मिली है।
खराब चारे की सप्लाई
इस घटना का एक अन्य गंभीर पहलू है खराब चारे की सप्लाई। चारे की गुणवत्ता गायों की सेहत के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। अगर गायों को खराब या अनुपयुक्त चारा मिलता है, तो इससे उनकी शारीरिक स्थितियों में गिरावट आ सकती है। यह समस्या विशेष रूप से ठंड के मौसम में और भी बढ़ जाती है, जब गायों की पोषण संबंधी जरूरतें अधिक होती हैं।
राज्य सरकार की भूमिका
राज्य सरकार को इस गंभीर स्थिति पर ध्यान देने की आवश्यकता है। गायों की देखभाल और उनके लिए उचित आवास की व्यवस्था सुनिश्चित करना उनकी जिम्मेदारी है। गौशालाओं की मरम्मत और चारे की गुणवत्ता में सुधार लाना आवश्यक है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।
समुदाय की जागरूकता
इस प्रकार की घटनाओं से समुदाय में जागरूकता बढ़ाना आवश्यक है। लोग अपने आसपास की गौशालाओं की स्थिति पर ध्यान दें और सरकार से उचित कदम उठाने की मांग करें। इसके अलावा, पशुपालन से संबंधित संगठनों को भी सक्रिय भूमिका निभाने की आवश्यकता है।
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