हिमाचल में शाह-गैंग के 5 चिट्टा तस्कर गिरफ्तार:अब तक 35 गुर्गे पकड़े जा चुके; 51 बैंक खाते फ्रीज, सॉफ्टवेयर इंजीनियर चला रहा था गैंग
शिमला पुलिस ने नशा माफिया शाह गैंग के खिलाफ कार्रवाई की है। चिट्टा तस्करी में सबसे बड़े सिंडिकेट में से एक शाह गैंग चैन के 5 तस्करों को पुलिस ने बीती शाम को अलग अलग जगह से गिरफ्तार किया है। पुलिस आज इन्हें कोर्ट में पेश कर रिमांड की मांग करेगी। गिरफ्तार गुर्गों में संजौली के पुनीत चौहान, विनिश सरकाइक, लोअर खलिणी के सुनील शर्मा और ठियोग के रोहित चंदेल व उमेश शामिल है। पुलिस ने बीते 16 जनवरी को ही इस गैंग के सरगना कोलकाता के संदीप शाह समेत 11 तस्करों को गिरफ्तार किया था। इसके बाद 19 जनवरी को शाह के मुख्य सहयोगी एवं दिल्ली के महरौली निवासी नीरज कश्यप समेत 11 को भी गिरफ्तार किया गया। बीते सप्ताह 8 तस्कर दबोचे गए। अब तक शाह गैंग के 35 आरोपी गिरफ्तार किए जा चुके है। गैंग का सरगना सॉफ्टवेयर इंजीनियर पुलिस जांच में खुलासा हुआ है कि इस गैंग का सरगना संदीप शाह सॉफ्टवेयर इंजीनियर था, जो डार्क वेब और वर्चुअल नंबरों का इस्तेमाल कर पूरे उत्तर भारत में नशीले पदार्थों की तस्करी कर रहा था। उत्तर भारत में इस गैंग के 400 तस्कर का नेटवर्क पुलिस को अंदेशा है कि पूरे उत्तर भारत में इस गैंग के साथ लगभग 400 और अकेले हिमाचल में 200 तस्कर जुड़े हुए हैं। शिमला पुलिस इनकी गिरफ्तारी के लिए प्रयासरत है। इस गैंग का हिमाचल में शिमला, रोहड़ू, कोटखाई और ठियोग में ज्यादा नेटवर्क बताया जा रहा है। 51 बैंक खाते फ्रीज पुलिस को संदीप शाह के बैंक खातों में लाखों रुपए के संदिग्ध लेनदेन मिले हैं। यह गैंग सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स और ऑनलाइन बुकिंग के जरिए एक संगठित सप्लाई चेन की तरह काम कर रहा था। शिमला पुलिस ने चिट्टा तस्कर शाह गैंग के 51 बैंक खातों को फ्रीज कर दिया है। इनमें पुलिस को करोड़ों रुपए की संदिग्ध ट्रांजेक्शन मिली है।

हिमाचल में शाह-गैंग के 5 चिट्टा तस्कर गिरफ्तार
हाल ही में, हिमाचल प्रदेश में छापेमारी के दौरान शाह-गैंग के 5 चिट्टा तस्करों को गिरफ्तार किया गया है। यह गिरफ्तारी पुलिस की मेहनत और संजीदगी का प्रतीक है, जो नशे की बढ़ती समस्या के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर रही है। अब तक, इस गैंग के कुल 35 गुर्गों को पकड़ा जा चुका है, जिसमें तस्करी का नेटवर्क धीरे-धीरे उजागर होता जा रहा है।
गैंग के पीछे का मास्टरमाइंड
गैंग का संचालन एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर द्वारा किया जा रहा था, जिसने तकनीकी ज्ञान का उपयोग करके नशे की इस व्यापार को संगठित किया। यह जानकारी सामने आने से तस्करी का पूरा नेटवर्क समझने में मदद मिलेगी। पुलिस ने इस गैंग के संचालन में शामिल 51 बैंक खातों को भी फ्रीज किया है, जिससे संभावित वित्तीय लेन-देन की जांच की जा सके।
नशे की समस्या पर काबू पाने की कोशिशें
हिमाचल प्रदेश में नशे की बढ़ती समस्या को देखते हुए, राज्य सरकार और पुलिस विभाग ने मिलकर विशेष अभियान चलाने का निर्णय लिया है। नशे के कारोबार को समाप्त करने के लिए यह गिरफ्तारियां महत्वपूर्ण कदम हैं। पुलिस ने स्थानीय लोगों को भी जागरूक करने का कार्य शुरू किया है ताकि वे नशे के खिलाफ फैलाने वाली जानकारी से अवगत रहें।
भविष्य में क्या?
गिरफ्तार किए गए तस्करों से पूछताछ करके पुलिस तस्करी के इस बड़े नेटवर्क का पता लगाने में सक्षम हो सकती है। यह समझना आवश्यक है कि ऐसे गैंग का उदय क्यों हुआ और इसके पीछे की वजहें क्या हैं, ताकि भविष्य में इस तरह के मामलों को रोकने के लिए ठोस उपाय किए जा सकें।
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