हिमाचल में सरकारी कर्मचारी ने आत्महत्या की:खैरी डैम में लगाई छलांग, मानसिक रूप से बीमार चल रहा था, जल शक्ति विभाग में था पंप-ऑपरेटर
हिमाचल प्रदेश के चंबा में एक सरकारी कर्मचारी ने चमेरा-1 परियोजना के खैरी डैम में छलांग लगाकर आत्महत्या कर ली। मृतक मानिंद्र कुमार मानसिक रूप से बीमार चल रहा था। पुलिस ने मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है। सूचना के अनुसार, बीते रविवार को दोपहर के वक्त मानिंद्र कुमार ने डैम में छलांग लगाई। इसके बाद मानिंद्र कुमार को पुलिस ने डैम से गौताखोरो की मदद से बाहर निकाला। इसमें करीब चार घंटे का वक्त लग गया। बताया जा रहा है कि मानिंद्र कुमार दो साल से बीमार चल रहा था। डैम में कूदने से पहले बीते शनिवार रात करीब 1 बजे उसने फोन पर परिजनों से भी बात की और बताया कि उसे घबराहट हो रही है। जल शक्ति विभाग में सेवारत्त था इसलिए बीते कल ही परिवार वालों ने उसे उपचार के लिए अस्पताल ले जाने की योजना बनाई। मगर इससे पहले ही मानिंद्र ने डैम में छलांग लगा दी। इससे उसकी मौत हो गई। मानिंद्र कुमार जल शक्ति विभाग में बतौर पंप ऑपरेटर सेवारत्त था। पुलिस जांच में जुटी थाना प्रभारी संजीव कुमार ने घटना की पुष्टि की है। एएसआई. राजकुमार के नेतृत्व में मामले की जांच की जा रही है और धारा 174 भारतीय दंड संहिता के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है। परिवार ने किसी पर भी शक जाहिर नहीं किया है।

हिमाचल में सरकारी कर्मचारी ने आत्महत्या की: खैरी डैम में लगाई छलांग
हिमाचल प्रदेश में एक दुखद घटना सामने आई है, जहां एक सरकारी कर्मचारी ने खैरी डैम में छलांग लगाकर आत्महत्या कर ली। आत्महत्या का यह मामला राज्य के जल शक्ति विभाग से संबंधित है, जहां वह एक पंप-ऑपरेटर के रूप में कार्यरत था। प्रारंभिक रिपोर्ट्स के अनुसार, यह व्यक्ति मानसिक रूप से बीमार चल रहा था, जो उसके इस गंभीर कदम का कारण हो सकता है।
घटना का विवरण
जानकारी के अनुसार, यह घटना हिमाचल प्रदेश के खैरी डैम के क्षेत्र में हुई। स्थानीय लोगों ने बताया कि कर्मचारी ने डैम से छलांग लगाई, जिसके बाद उसे तुरंत अस्पताल ले जाया गया, लेकिन चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। यह घटनाक्रम ना केवल उसके दोस्तों और परिवार के लिए भारी है, बल्कि पूरे स्थानीय समुदाय के लिए भी एक बड़ा झटका है।
मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दे
इस घटना ने मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता को फिर से उजागर किया है। सरकारी सेवाओं में कार्यरत व्यक्तियों के लिए मानसिक स्वास्थ्य सहायता उपलब्ध कराना अत्यंत महत्वपूर्ण है। मानसिक तनाव और अवसाद से गुजर रहे व्यक्तियों को सही समय पर सहायता मिलनी चाहिए, ताकि ऐसे दुखद मामले दोबारा न हों।
परिवार और समुदाय की प्रतिक्रिया
इस घटना पर परिवार और समुदाय के लोग गहरे शोक में हैं। कई लोगों ने इस मुश्किल समय में परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की है। साथ ही, स्थानीय नेताओं ने माना है कि इस तरह की घटनाओं को कम करने के लिए अधिक कार्यक्रम और सुविधाएं विकसित करने की आवश्यकता है।
निष्कर्ष
यह घटना हमें यह याद दिलाती है कि मानसिक स्वास्थ्य को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए। सभी को एक सकारात्मक वातावरण देने में मदद करनी चाहिए ताकि ऐसे मामले कम से कम हो सकें। इसके अलावा, यदि आप या आपके आसपास कोई व्यक्ति मानसिक तनाव में है, तो कृपया उनकी मदद करने का प्रयास करें।
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