होटल क्लार्क की अवैध पार्किंग कराई गई खाली:वाराणसी के कैंटोनमेंट बोर्ड ने की कार्रवाई, 7 साल से था अवैध कब्जा

कैंटोनमेंट बोर्ड (छावनी परिषद) ने बुधवार की रात होटल क्लार्क की अवैध पार्किंग को कब्जा मुक्त कराया। इस दौरान क्लर्क प्रशासन और छावनी परिषद के अधिकारियों और कर्मचारियों में नोकझोंक भी हुई। बता दें कि छावनी परिषद द्वारा यह जमीन होटल क्लर्क को एक डीड के अनुसार दी गई थी। जो साल 2019 में खत्म हो गई थी। ऐसे में पार्किंग हटाने का नोटिस दिया जा चुका था। लेकिन होटल इसे मान नहीं रहा था। ऐसे में बुधवार की शाम छावनी परिषद ने इस अवैध कब्जे को खाली करवा लिया। बोर्ड के अधिकारियों ने आगे भी ऐसी कार्रवाई करते रहने की बात कही है। शाम 6 बजे पहुंचे अधिकारी, हटने लगा अतिक्रमण होटल क्लार्क के सामने स्थित अवैध पार्किंग पर शाम 6 बजे भारी पुलिस फोर्स के साथ छावनी परिषद के अधिकारी और बोर्ड के सदस्य के साथ ही साथ अतिक्रमण दस्ता मौके पर पहुंचा। इसके बाद मौके से अतिक्रमण हटाया जाने लगा। इसपर होटल के कर्मी भी बाहर निकल आये और कैंटोनमेंट बोर्ड के सदस्यों और अधिकारियों से बहस होने लगी। विरोध के बीच जारी रहा काम क्लर्क होटल के विरोध के बीच बोर्ड के कर्मचारियों ने काम जारी रखा और सामान हटाते रहे। इस स्थान को तीन घंटे में बोर्ड के कर्मियों ने रात 9 बजे के बाद पूरी तरह से कब्जा मुक्त करवा दिया। इस दौरान उपस्थित अधिकारियों ने दोबारा अतिक्रमण न करने की हिदायत दी है। यदि दोबारा अतिक्रमण किया जाएगा तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी। साल 2019 में ख़त्म हो गया था कांट्रेक्ट छावनी बोर्ड के मुख्य अधिशासी अधिकारी सत्यम मोहन ने बताया यह जगह कांट्रेक्ट बेस पर शुल्क के साथ होटल क्लार्क को दी गई थी। साल 2019 में वह कांट्रेक्ट समाप्त हो गया था। जिसके बाद होटल के अधिकारियों को इस जगह को खाली करने की नोटिस दी गई थी। लेकिन इस नोटिस का कोई जवाब न मिलने पर यह कार्रवाई की गई है।

Jan 23, 2025 - 07:59
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होटल क्लार्क की अवैध पार्किंग कराई गई खाली:वाराणसी के कैंटोनमेंट बोर्ड ने की कार्रवाई, 7 साल से था अवैध कब्जा
कैंटोनमेंट बोर्ड (छावनी परिषद) ने बुधवार की रात होटल क्लार्क की अवैध पार्किंग को कब्जा मुक्त कराय

होटल क्लार्क की अवैध पार्किंग कराई गई खाली: वाराणसी के कैंटोनमेंट बोर्ड ने की कार्रवाई

वाराणसी के कैंटोनमेंट बोर्ड ने होटल क्लार्क की अवैध पार्किंग को खाली कराने की महत्वपूर्ण कार्रवाई की है। यह अवैध कब्जा पिछले 7 वर्षों से चल रहा था, जिससे स्थानीय निवासियों और व्यापारियों को अनेक समस्याएँ सामना करनी पड़ रही थीं। यह कदम कानून का उल्लंघन करने वाले प्रतिष्ठानों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का एक हिस्सा है।

कैंटोनमेंट बोर्ड की भूमिका

कैंटोनमेंट बोर्ड ने सार्वजनिक स्थानों के उचित उपयोग को सुनिश्चित करने के लिए यह कार्रवाई की। होटल द्वारा अवैध रूप से दो प्रमुख स्थानों पर पार्किंग का संचालन किया जा रहा था, जो कि आसपास के क्षेत्रों में यातायात जाम और पार्किंग संकट उत्पन्न कर रहा था। यह निर्णय स्थानीय लोगों की लंबे समय से चली आ रही मांग को मान्यता देता है।

स्थानीय जनता की प्रतिक्रियाएँ

इस कार्रवाई के बाद स्थानीय जनता ने खुशी का इज़हार किया है। कई निवासियों ने कहा कि अब उन्हें स्वतंत्रता से यात्रा करने में आसानी होगी और पार्किंग की समस्याएँ कम होंगी। हालांकि, होटल क्लार्क के प्रशासन ने इस कार्रवाई का विरोध किया है, उनका कहना है कि उनके पास वैध अनुमतियाँ थीं।

अब क्या होगा?

कैंटोनमेंट बोर्ड का यह कदम अन्य अवैध कॉम्प्लेक्स और व्यवसायों के लिए चेतावनी का संकेत है। यह दर्शाता है कि स्थानीय प्रशासन जनता के भले के लिए सख्त कदम उठाने के लिए तैयार है। आगे चलकर, यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या और भी अवैध कब्जों के खिलाफ इसी तरह की कार्रवाई की जाएगी।

होटल क्लार्क की यह स्थिति अन्य कंपनियों और प्रतिष्ठानों के लिए भी एक महत्वपूर्ण उदाहरण है जिसे ध्यान में रखा जाना चाहिए। स्थानीय प्रशासन का यह कदम भविष्य में क्षेत्र के विकास और सम्मानजनक जीवन स्तर को बनाए रखने के लिए आवश्यक है।

News by indiatwoday.com

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