1 मई से ATM से कैश निकालना महंगा होगा:RBI ने ATM विड्रॉल फीस ₹2 बढ़ाई, फ्री लिमिट पूरी होने के बाद अब ₹23 चार्ज देना होगा

1 मई से ATM से पैसा निकालने पर अब आपको ज्यादा चार्ज देना होगा। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया यानी RBI ने एक नोटिफिकेशन जारी कर ATM विड्रॉल फीस बढ़ाने का ऐलान किया है। इसका मतलब यह है कि जो ग्राहक फाइनेंशियल ट्रांजैक्शन के लिए ATM पर निर्भर हैं, उन्हें अपनी मंथली फ्री ट्रांजैक्शन लिमिट पार करने पर एडिशनल चार्ज देना होगा। ATM से कैश निकालने पर अब ₹23 चार्ज देना होगा ऑफिशियल नोटिफिकेशन के अनुसार, 1 मई से ग्राहकों को फ्री लिमिट पूरी हो जाने के बाद ATM से हर फाइनेंशियल ट्रांजैक्शन के लिए एडिशनल 2 रुपए का भुगतान करना होगा। इस फीस हाइक की वजह से अब ATM से कैश निकालने के लिए हर ट्रांजैक्शन पर 23 रुपए चार्ज देना होगा, जो पहले 21 रुपए था। RBI ने इंटरचेंज फीस भी 2 रुपए बढ़ाई हाल ही में RBI ने ATM इंटरचेंज फीस भी बढ़ाने का ऐलान किया था। RBI ने इंटरचेंज फीस भी 2 रुपए बढ़ाई है। यानी अब हर ट्रांजैक्शन पर 19 रुपए इंटरचेंज चार्ज देना होगा, जो पहले 17 रुपए था। बैलेंस चेक करने के लिए 7 रुपए चार्ज लगेगा वहीं नॉन-फाइनेंशियल ट्रांजैक्शन-जैसे कि बैलेंस इंक्वायरी के लिए फीस को 1 रुपए बढ़ाया गया है। यानी अकाउंट बैलेंस चेक करने के लिए हर ट्रांजैक्शन पर अब 7 रुपए चार्ज लगेगा, जो पहले 6 रुपए था। ATM से कितने फ्री ट्रांजैक्शन कर सकते हैं? अलग-अलग बैंकों के ATM पर ग्राहकों को हर महीने लिमिटेड नंबर्स में फ्री ट्रांजैक्शन की अनुमति होती है। मेट्रो सिटीज में ग्राहकों को 5 ट्रांजैक्शन की अनुमति दी जाती है, जबकि नॉन-मेट्रो सिटीज में 3 ट्रांजैक्शन की परमिशन है। यदि फ्री ट्रांजैक्शन की संख्या पार हो जाती है, तो ग्राहकों को एडिशनल चार्जेस देना पड़ता है। ATM इंटरचेंज फीस क्या है? ATM इंटरचेंज फीस एक ऐसा चार्ज है, जो एक बैंक दूसरे बैंक को ATM सर्विसेज प्रोवाइड करने के लिए देता है। यह फीस आमतौर पर हर ट्रांजैक्शन पर लिया जाने वाला एक फिक्स्ड अमाउंट होता है, जिसे अक्सर ग्राहकों को उनकी बैंकिंग कॉस्ट के हिस्से के रूप में जोड़ दिया जाता है। ATM ऑपरेटरों की रिक्वेस्ट के बाद RBI ने यह फैसला लिया RBI ने व्हाइट-लेबल ATM ऑपरेटरों की रिक्वेस्ट के बाद इन चार्जेस को रिवाइज करने का फैसला किया। ATM ऑपरेटरों ने तर्क दिया था कि बढ़ते ऑपरेशनल एक्सपेंस उनके बिजनेस को प्रभावित कर रहे थे। ATM चार्जेस में बढ़ोतरी पूरे देश में लागू होगी। इससे छोटो बैंकों के ग्राहक प्रभावित हो सकते हैं। ये बैंक ATM इन्फ्रास्ट्रक्चर और इससे जुड़ी सर्विसेज के लिए बड़े फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशंस पर निर्भर होते हैं। यही वजह है कि बढ़ती लागत का प्रभाव ऐसे बैंकों पर ज्यादा होता है। डिजिटल पेमेंट्स की वजह से ATM सर्विस पर प्रभाव पड़ा भारत में डिजिटल पेमेंट्स की वजह से ATM सर्विस पर प्रभाव पड़ा है। ऑनलाइन वॉलेट और UPI ट्रांजैक्शन की सुविधा ने कैश विड्रॉल यानी नकद निकासी की आवश्यकता को काफी कम कर दिया है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, भारत में वित्त वर्ष 2014 में 952 लाख करोड़ रुपए की वैल्यू के डिजिटल पेमेंट्स हुए थे। FY23 तक यह आंकड़ा 3,658 लाख करोड़ रुपए तक बढ़ गया था। यह आंकड़े कैशलेस ट्रांजैक्शन की ओर शिफ्ट को दर्शाता है।

Mar 28, 2025 - 20:59
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1 मई से ATM से कैश निकालना महंगा होगा:RBI ने ATM विड्रॉल फीस ₹2 बढ़ाई, फ्री लिमिट पूरी होने के बाद अब ₹23 चार्ज देना होगा
1 मई से ATM से पैसा निकालने पर अब आपको ज्यादा चार्ज देना होगा। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया यानी RBI ने एक नोटि

1 मई से ATM से कैश निकालना महंगा होगा

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आरबीआई ने बढ़ाई ATM विड्रॉल फीस

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है, जिसके अनुसार 1 मई 2023 से एटीएम से नकद निकालने पर शुल्क में वृद्धि की जाएगी। इस तरह का निर्णय ग्राहकों पर पहले से ही वित्तीय दबाव डाल सकता है। नए नियमों के अनुसार, कोई भी ग्राहक अपनी मुफ्त निकासी सीमा पूरी करने के बाद ₹23 का शुल्क चुकाने के लिए बाध्य होगा। इससे पहले यह शुल्क ₹21 था, जिसका मतलब है कि अब ग्राहकों को अधिक भुगतान करना होगा।

फ्री निकासी सीमा के बारे में जानकारी

बैंकिंग प्रणाली के तहत, ग्राहकों को कुछ निश्चित संख्या में मुफ्त एटीएम विड्रॉल मिलती है। जब यह मुफ्त सीमा खत्म हो जाती है, तो चार्ज लागू होता है। भारतीय रिज़र्व बैंक ने इस फैसले के जरिए एटीएम सेवाओं की लागत या संचालन को ध्यान में रखकर नया शुल्क निर्धारित किया है। यह वृद्धि उन लोगों के लिए एक और झटका है जो नियमित रूप से नकद निकासी करते हैं।

ग्राहकों की चिंता और प्रतिक्रिया

इस बढ़ी हुई शुल्क को लेकर ग्राहकों की मिश्रित प्रतिक्रियाएं आई हैं। कई लोग चिंतित हैं कि यह निर्णय उन्हें प्रभावित करेगा, खासकर उन क्षेत्रों में जहाँ डिजिटल भुगतान का विकल्प सीमित है। ग्राहक अब अपने संदर्भ में यह विचार कर रहे हैं कि कैसे वे अपनी सेवाएँ प्रबंधित करें और अतिरिक्त खर्च से कैसे बचें।

डिजिटल भुगतान का बढ़ता महत्व

इस निर्णय के बाद, डिजिटल भुगतान के लिए कई लोग प्रोत्साहित हो रहे हैं। कई बैंक और वित्तीय संस्थाएं अब ग्राहकों को मोबाइल वॉलेट, यूपीआई और अन्य ऑनलाइन लेनदेन के विकल्प प्रदान कर रही हैं। इससे ग्राहकों को अपने वित्तीय लेनदेन को बेहतर तरीके से प्रबंधित करने का अवसर मिलेगा।

निष्कर्ष

1 मई से एटीएम से नकद निकालने की कीमतों में वृद्धि से निश्चित रूप से एक नई वित्तीय चुनौती उत्पन्न होगी। ग्राहकों को इसे ध्यान में रखते हुए अपने दैनिक लेनदेन की रणनीति बनानी होगी। आरबीआई के इस निर्णय का उद्देश्य एटीएम संचालन की लागत को कवर करना हो सकता है, लेकिन यह ग्राहकों पर एक अतिरिक्त आर्थिक बोझ डालता है।

अंत में, यह कहना उचित होगा कि ग्राहकों को अपने विकल्पों का मूल्यांकन करना आवश्यक है और संभवतः अधिक डिजिटलीकरण की ओर बढ़ना चाहिए। Keywords: RBI ATM विड्रॉल फीस बढ़ाई, 1 मई से ATM कैश निकालना महंगा, फ्री निकासी सीमा, ₹23 चार्ज एटीएम से, भारतीय रिजर्व बैंक के नए नियम, डीजीटल भुगतान का महत्व, एटीएम शुल्क बढ़ने की जानकारी, नकद निकासी शुल्क में वृद्धि.

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