26/11 हमले पर तहव्वुर बोला था- भारतीय इसी लायक:मारे गए लश्कर आतंकियों को पाकिस्तान का सर्वोच्च सम्मान दिलाना चाहता था; अमेरिका का खुलासा

26/11 के मुंबई हमले के साजिशकर्ता तहव्वुर राणा ने अपने साथी डेविड हेडली से कहा था कि भारतीय इसी लायक थे कि उन पर हमला किया जाए। इतना ही नहीं, वह चाहता था कि इस हमले को अंजाम देते हुए जान गंवाने वाले 9 लश्कर आतंकियों को पाकिस्तान का सर्वोच्च सम्मान ‘निशान-ए-हैदर’ दिया जाए। यह जंग में जान गंवाने वाले सैनिकों को दिया जाने वाला पाकिस्तान का सबसे बड़ा सम्मान है। ये जानकारी अमेरिकी न्याय विभाग ने दी है। विभाग ने बताया है कि तहव्वुर राणा से पूछताछ के दौरान उसके और डेविड कोलमैन हेडली के बीच बातचीत पकड़ी गई थी। इसी बातचीत के दौरान तहव्वुर ने ये बातें कही थीं। गुरुवार को भारत लाया गया तहव्वुर, NIA को मिली 18 दिन की कस्टडी 64 साल के राणा को कल ही स्पेशल विमान से अमेरिका से लाया गया था। देर रात पटियाला हाउस कोर्ट के स्पेशल NIA जज चंद्रजीत सिंह ने बंद कमरे में मामले की सुनवाई की और रात 2 बजे फैसला सुनाते हुए NIA को उसकी 18 दिन की कस्टडी दी। कल रात राणा की पहली तस्वीर भी सामने आई, जिसमें नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) के अधिकारी उसे पकड़े हुए नजर आए। आज यूएस डिपार्मेंट ऑफ जस्टिस ने एक और तस्वीर जारी की है। इसमें अमेरिकी मार्शल उसे NIA के अफसरों को सौंप रहे हैं। तहव्वुर राणा से आज NIA ने पूछताछ शुरू कर दी है। NIA के SP और DSP रैंक के अधिकारी NIA के इंटेरोगेशन रूम में सीसीटीवी के सामने उससे सवाल-जवाब करेंगे, जिसकी पूरी रिकॉर्डिंग की जाएगी। कस्टडी के दौरान NIA रोजाना राणा से पूछताछ की एक डायरी तैयार करेगी। आखिरी दौर की पूछताछ के बाद डिस्कलोजर स्टेटमेंट में उसे रिकॉर्ड पर लिया जाएगा। यह केस डायरी का हिस्सा होता है। तहव्वुर के प्रत्यर्पण की तीन तस्वीरें, जंजीरों में बंधा दिखा... मुंबई हमले में 166 आम लोग और 9 आतंकी मारे गए थे 26 नवंबर 2008 को मुंबई में आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के 10 आतंकियों ने हमले किए। ये हमले चार दिनों तक चले। इन हमलों में कुल 175 लोग मारे गए, जिनमें 9 हमलावर भी शामिल थे और 300 से अधिक लोग घायल हुए थे। तहव्वुर राणा को अमेरिका के शिकागो में अक्टूबर 2009 में FBI ने गिरफ्तार किया था। उस पर मुंबई के 26/11 और कोपेनहेगन में आतंकी हमले को अंजाम देने के लिए जरूरी सामान मुहैया कराने का आरोप था। मुंबई हमले के मास्टरमाइंड हेडली की गवाही के आधार पर तहव्वुर राणा को 2013 में आतंकी संगठन लश्कर से रिश्ते रखने और डेनिश अखबार पर हमले की साजिश के आरोप में 14 साल जेल की सजा सुनाई गई थी।

Apr 11, 2025 - 19:00
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26/11 हमले पर तहव्वुर बोला था- भारतीय इसी लायक:मारे गए लश्कर आतंकियों को पाकिस्तान का सर्वोच्च सम्मान दिलाना चाहता था; अमेरिका का खुलासा
26/11 के मुंबई हमले के साजिशकर्ता तहव्वुर राणा ने अपने साथी डेविड हेडली से कहा था कि भारतीय इसी लायक

26/11 हमले पर तहव्वुर बोला था- भारतीय इसी लायक: मारे गए लश्कर आतंकियों को पाकिस्तान का सर्वोच्च सम्मान दिलाना चाहता था; अमेरिका का खुलासा

News by indiatwoday.com

26/11 मुंबई आतंकी हमले का नया खुलासा

26/11 का मुंबई हमला भारत के लिए एक भयानक अनुभव था, जिसने न केवल सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ाई, बल्कि कई जिंदगियों को भी प्रभावित किया। हाल ही में अमेरिका ने एक नया खुलासा किया है जिसमें बताया गया है कि कैसे लश्कर-ए-Taiba के नेता तहव्वुर राणा ने मारे गए आतंकियों को पाकिस्तान का सर्वोच्च सम्मान दिलाने का इरादा रखा था। यह बयान एक बार फिर से इस बात की पुष्टि करता है कि पाकिस्तान के आतंकी समूहों की विचारधारा क्या है।

तहव्वुर का दृष्टिकोण

तहव्वुर राणा, जो अमेरिका में रहने वाला एक पाकिस्तानी नागरिक है, ने भारतीयों के प्रति अपनी अपमानजनक टिप्पणी के लिए खूब आलोचना का सामना किया। उसने कहा था कि 'भारतीय इसी लायक हैं' कि उनके साथ इस तरह के हमले किए जाएं। इस तरह की बातें सुरक्षा स्थिति को और भी खराब करती हैं और इसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।

पाकिस्तान का समर्थन

अमेरिका के खुलासे से पता चलता है कि पाकिस्तान आतंकियों को अपने देश का सर्वोच्च सम्मान देने को इच्छुक है। यह सवाल उठता है कि क्या पाकिस्तान वास्तव में आतंकवाद के खिलाफ अपनी लड़ाई में ईमानदार है या फिर वह इसे एक राजनीतिक खेल के रूप में देखता है।

भविष्य की चुनौतियाँ

26/11 जैसे हमलों की पुनरावृत्ति भारत के लिए हमेशा एक चिंता का विषय रहेगा। इस खुलासे ने भारत और अमेरिका के बीच सुरक्षा सहयोग को और मजबूत करने की आवश्यकता को स्पष्ट किया है। भारत को चाहिए कि वह इस मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उठाए ताकि वैश्विक समुदाय इस खतरे का सामना कर सके।

इन बयानों और खुलासों का असर न केवल भारत-पाकिस्तान संबंधों पर पड़ेगा बल्कि दुनिया के अन्य देशों की सुरक्षा नीतियों पर भी इसका प्रभाव देखने को मिलेगा।

निष्कर्ष

26/11 के हमले पर तहव्वुर राणा के बयान ने एक बार फिर से आतंकवाद के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय लड़ाई की आवश्यकता को उजागर किया है। सुरक्षा, सहयोग, और वैश्विक स्थिरता के लिए यह बेहद जरूरी है कि सभी देश एकजुट होकर इस खतरे का सामना करें। Keywords: 26/11 मुंबई हमला, तहव्वुर बोला था, लश्कर आतंकियों, पाकिस्तान का सर्वोच्च सम्मान, अमेरिका का खुलासा, भारतीय सुरक्षा, आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई, भारत-पाकिस्तान संबंध, आतंकवाद की विचारधारा, आतंकियों की कार्रवाई.

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