6 गो तस्करों पर लगा गैंगस्टर एक्ट:17 थानों के 23 के खिलाफ बीएनएसएस के तहत कार्रवाई, एसपी कार्यालय से आदेश जारी
उन्नाव में गो-तस्करों के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान में पुलिस ने सख्त रुख अपनाते हुए कई बड़े कदम उठाए हैं। एसपी दीपक भूकर के निर्देश पर जिले के विभिन्न थानों में गो-तस्करों पर कार्रवाई तेज कर दी गई है। इस कड़ी में थाना कोतवाली सदर पुलिस ने 6 अभियुक्तों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की है। इसके अलावा, जिले के 17 अन्य थानों द्वारा कुल 23 अभियुक्तों के खिलाफ बीएनएसएस के तहत कठोर कार्रवाई की गई है। गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई थाना कोतवाली सदर पुलिस ने 6 अभियुक्तों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट की कार्रवाई की है। यह कदम जिले में संगठित अपराध और गो-तस्करी पर लगाम लगाने के लिए उठाया गया है। गैंगस्टर एक्ट के तहत की गई कार्रवाई से तस्करों के मनोबल को तोड़ने का प्रयास किया गया है। 23 अभियुक्तों के खिलाफ बीएनएसएस के तहत कार्रवाई जिले के 17 थानों में गो-तस्करों के खिलाफ बीएनएसएस एक्ट के तहत कार्रवाई की गई है। इनमें थाना सफीपुर, सोहरामऊ और बांगरमऊ पुलिस ने 3-3 अभियुक्तों के खिलाफ कार्रवाई की है। वहीं, थाना बिहार, बारासगवर, असोहा और माखी पुलिस ने 2-2 अभियुक्तों पर कार्रवाई की है। इसके अतिरिक्त, थाना आसीवन, हसनगंज, अजगैन, मौरावां, अचलगंज और बीघापुर पुलिस ने 1-1 अभियुक्त पर शिकंजा कसा है। एसपी बोले- संगठित अपराधी और गो तस्कर बख्शे नहीं जाएंगे एसपी दीपक भूकर ने कहा कि अपराधियों के खिलाफ लगातार अभियान चलाया जा रहा है। जिले में संगठित अपराध और गो-तस्करी में लिप्त लोगों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने जनता से अपील की कि वे गो-तस्करी जैसी अवैध गतिविधियों की सूचना पुलिस को दें। पुलिस द्वारा दी गई इस सख्ती का उद्देश्य अपराधियों में डर पैदा करना और समाज में शांति व कानून-व्यवस्था को बनाए रखना है।

6 गो तस्करों पर लगा गैंगस्टर एक्ट
गौ तस्करी से जुड़े अपराधों पर कड़ी कार्रवाई करते हुए, पुलिस ने 6 गो तस्करों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत मामला दर्ज किया है। यह कार्रवाई भारतीय राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (बीएनएसएस) के अंतर्गत की गई है, जिसमें कुल 17 थानों के 23 आरोपियों के खिलाफ विधिवत आदेश जारी किए गए हैं।
पुलिस की कड़ी रणनीति
पुलिस विभाग ने गौ तस्करी की बढ़ती घटना को गंभीरता से लिया है। एसपी कार्यालय द्वारा जारी आदेश के अनुसार, कार्रवाई का उद्देश्य गो संरक्षण के कानूनों का पालन करवाना और तस्करों में डर पैदा करना है। इस संबंध में, स्थानीय प्रशासन ने सभी थानों को निर्देश दिया है कि वे गो तस्करी से जुड़े मामलों की गंभीरता को समझें और सही समय पर कार्रवाई करें।
गौ तस्करी का सामाजिक प्रभाव
गौ तस्करी न केवल पशुपालन और कृषि पर नकारात्मक प्रभाव डालती है, बल्कि यह समाज में अपराध और असामाजिक गतिविधियों को भी बढ़ावा देती है। इसके चलते, देश में गो माता की रक्षा के लिए सख्त कानून बनाए गए हैं। हाल के मामलों में तस्करों की गिरफ्तारी और उनके खिलाफ ठोस सबूत के साथ कानूनी कार्रवाई की जा रही है।
समाज की भूमिका
इस मामले में समाज और स्थानीय नागरिकों की जिम्मेदारी भी अहम है। उन्हें तस्करों की गतिविधियों पर निगरानी रखने और पुलिस को जानकारी देने की आवश्यकता है। इस प्रकार, सभी को मिलकर इस समस्या का समाधान निकालना होगा और गो तस्करी के खिलाफ एकजुट होना पड़ेगा।
अंत में
यह कार्रवाई निश्चित रूप से एक सकारात्मक कदम है और उम्मीद की जा रही है कि इससे गौ तस्करी के मामलों में कमी आएगी। आगे की रणनीतियों को निर्धारित करने के लिए, पुलिस विभाग और स्थानीय प्रशासन को लगातार संवाद करना होगा।
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