7वें दिन शुरु हुई बावड़ी की खुदाई:ASI ने रुकवाया था काम, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने की जहरीली गैस की जांच
संभल में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की जांच के बाद मंगलवार को फिर से बावड़ी की खुदाई का काम शुरू हुआ है। इसी बीच अलीगढ़ से आरएएफ के कमांडेंट बावड़ी पहुंचकर सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया। हालांकि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ऑफिशियल रिपोर्ट अभी सामने नहीं आई है। लेकिन बोर्ड के अधिकारियों का कहना है कि जो गैस निकल रही थी। वह स्वास्थ्य के लिए हानिकारक नहीं है। मंगलवार को संभल के कोतवाली चंदौसी क्षेत्र में 150 साल पुरानी रानी की बावड़ी की खुदाई का काम आज सातवें दिन शुरू हुआ है। सोमवार के दिन प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने मशीन लगाकर बावड़ी के अंदर से निकल रही गैस की जांच की थी। करीब 4 से 5 घंटे की जांच के बाद प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने डीएम को बताया कि जो गैस निकल रही है। वह स्वास्थ्य के लिए हानिकारक नहीं है। आपको बता दें की मौखिक रूप से प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने डीएम को अपनी बात बता दी। उनकी ऑफिशल रिपोर्ट आने में अभी एक या दो दिन लग सकते हैं। ASI ने जहरीली गैस के अंदेशे और दूसरे तल के कमजोर होने की वजह से खुदाई के काम को रुकवाया था। आपको बता दे की 21 दिसंबर 2024 को संपूर्ण समाधान दिवस में चंदौसी शहर के कौशल किशोर वंदे मातरम् ने बावड़ी को लेकर शिकायत की थी। उसी के बाद रानी की बावली अस्तित्व में आई है। आज सातवें दिन बावली की खुदाई का कार्य नगर पालिका परिषद के मजदूरों के द्वारा फिर से शुरू किया गया है। वहीं सुरक्षा के लिहाज से आरएएफ के अलीगढ़ से कमांडेंट विनोद कुमार निरीक्षण करने के लिए बावड़ी पर पहुंचे थे। उन्होंने बताया कि क्षेत्र की सुरक्षा एवं बावड़ी की खुदाई के काम का निरीक्षण किया। जिला पुलिस-प्रशासन की ओर से जो भी पत्र जारी होगा। उसका पालन होगा।

7वें दिन शुरु हुई बावड़ी की खुदाई
हाल ही में एक बड़े मुद्दे के तहत, 7वें दिन बावड़ी की खुदाई का काम फिर से शुरू हुआ है। पहले, आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (ASI) ने कुछ कारणों से इस कार्य को रुकवाया था। अब जबकि खुदाई दोबारा चल रही है, यह जानना आवश्यक है कि इस प्रक्रिया के दौरान क्या-क्या पहलू सामने आए हैं।
ASI द्वारा कार्य रोकने के कारण
ASI ने खुदाई का कार्य रोकने का निर्णय स्थानीय प्रदूषण स्तर और संभावित पर्यावरणीय प्रभावों के मद्देनजर लिया था। इसके अलावा, यह भी ध्यान में रखा गया कि खुदाई के कारण इलाके में क्या जहरीली गैसों का उत्सर्जन हो रहा है।
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की जांच
जहरीली गैसों के मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने स्थिति की जांच की। इस दौरान, यह बताया गया कि खुदाई के कारण पहले से मौजुद प्रदूषण में वृद्धि हो सकती है, जिससे स्थानीय जनजीवन प्रभावित हो रहा है। विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सदस्यों द्वारा इस मामले की गहन पड़ताल की जा रही है।
स्थानीय लोगों की प्रतिक्रियाएँ
स्थानीय निवासियों में इस मुद्दे को लेकर मिलेजुले भावनाएँ देखी जा रही हैं। कुछ लोग खुदाई के खिलाफ हैं क्योंकि वे चिंता व्यक्त कर रहे हैं कि यह उनके स्वास्थ्य और पर्यावरण पर नकारात्मक प्रभाव डालेगा। वहीं, कुछ लोग इसे ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण मानते हैं और खुदाई को आवश्यक मानते हैं।
भविष्य का दृष्टिकोण
अब जब खुदाई एक बार फिर से शुरू हो गई है, सभी की नजरें इस बात पर टिकी हुई हैं कि यह प्रक्रिया आगे कैसे बढ़ेगी। क्या इसे सुरक्षा और पर्यावरणीय मानकों का पालन करते हुए आगे बढ़ाया जाएगा, या फिर एएसआई तत्काल पुनः हस्तक्षेप करेगा?
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