BHU साल में दो बार करायेगा PHD में एडमिशन:परीक्षा नियंता कार्यालय में तैयार हुआ प्रस्ताव,नये VC फैसले पर लगायेंगे अंतिम मोहर
BHU पीएचडी की प्रवेश प्रक्रिया में अगले सत्र से बड़ा बदलाव करने की तैयारी है। कोशिश है कि वर्ष में दो चरणों में प्रवेश प्रक्रिया पूरी की जाए। परीक्षा नियंता कार्यालय की तरफ से प्रस्ताव तैयार हो रहा है,इसे नए कुलपति के आगमन के उपरांत संभावित पहली अकादमिक परिषद की बैठक में स्वीकृति मिल सकती है। यह व्यवस्था शत प्रतिशत प्रभावी होगी,इससे शोध छात्रों को अध्ययन के लिए नुकसान नहीं झेलना होगा। साल में दो बार होगा दाखिला नेशनल टेस्टिंग एजेंसी की तरफ से वर्ष में एक बार राष्ट्रीय स्तर की परीक्षा आयोजित की जाती है,लेकिन उत्तीर्ण अभ्यर्थियों का स्कोर एक वर्ष के लिए वैद्य माना जाता है। ऐसे में पहले चरण की प्रवेश प्रक्रिया के दौरान अगर कोई छात्र दाखिले से छूट जाएगा तो वह दूसरे चरण में प्रवेश पा सकेगा। इस तरह रिक्त सीटों का झंझट दूर हो जाएगा और प्रवेश प्रक्रिया के विलंबित होने की समस्या भी कम होगी। योजना को धरातल पर उतारने के लिए सीटों के बंटवारे का स्वरूप भी बदलेगा। आरईटी व आरईटी एग्जेम्टेड श्रेणी में होगा निर्धारण चरणबद्ध तरीके से विभागों को सीटों का आवंटन होगा तो इंटरव्यू से योग्य अभ्यर्थियों को दाखिला मिल सकेगा। करीब 120 विभागों को श्रेणीवार सीटों का चार्ट जारी किया जाएगा। विभागों की मांग के अनुसार परीक्षा नियंत्रक कार्यालय सीटों का आरईटी ( रिसर्च इंट्रेंस टेस्ट ) व आरईटी एग्जेम्टेड श्रेणी में निर्धारण करेंगे। नये वीसी के आने पर फैसले पर लगेगी मोहर परीक्षा नियंत्रक प्रो . सुषमा घिल्डियाल ने बताया कि वर्ष में दो बार पीएचडी प्रवेश परीक्षाएं आयोजित होने से कई फायदे होंगे। छात्रों के स्कोर के अनुसार शीघ्र प्रवेश मिलेगा तो उनकी जेआरएफ समय पर शुरू हो जाएगी। रिसर्च कार्य भी एक साल तक लटका नहीं रहेगा। वह समय पर अपना कार्य पूर्ण करेंगे और प्लेसमेंट प्रक्रिया में हिस्सा ले सकेंगे।

BHU साल में दो बार करायेगा PHD में एडमिशन
बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) ने पीएचडी कार्यक्रमों में विद्यार्थियों को साल में दो बार एडमिशन देने का प्रस्ताव तैयार किया है। परीक्षा नियंता कार्यालय द्वारा तैयार किया गया ये प्रस्ताव अगले VC द्वारा अंतिम रूप से अनुमोदित किया जाएगा। इस प्रस्ताव का मकसद अध्ययन के प्रति विद्यार्थियों की रुचि बढ़ाना और उन्हें अधिक अवसर प्रदान करना है।
नया निर्णय छात्रों के लिए एक अवसर
BHU के अधिकारियों का मानना है कि साल में दो बार पीएचडी में एडमिशन देना छात्रों के लिए विशेष अवसर होगा। इसके तहत अध्ययन के नए सत्र में छात्रों को अपनी पसंद और चयन के अनुसार बेहतर विकल्प मिलेंगे। अधिसूचना के अनुसार, यह नया परिवर्तित सिस्टम छात्रों के शैक्षणिक विकास में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
परीक्षा नियंता कार्यालय का प्रस्ताव
परीक्षा नियंता कार्यालय ने इस प्रस्ताव पर बहुत मेहनत की है। प्रस्ताव के तहत, छात्र वर्ष के निश्चित समय पर प्रवेश परीक्षा का सामना करेंगे, जो उन्हें प्रत्येक महीने में दाखिला लेने के लिए एक नया मौका देगा। यह निर्णय BHU के विकास और उत्कृष्टता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
नए VC का रोल
BHU के नये वाइस चांसलर इस फैसले पर अंतिम मोहर लगाएंगे। उनकी जिम्मेदारी होगी कि वे विश्वविद्यालय के मानकों के अनुसार इस प्रस्ताव को लागू करने के लिए आवश्यक कदम उठाएं। इस प्रक्रिया में पारदर्शिता और गुणवत्ता को बनाए रखने पर जोर दिया जाएगा।
छात्रों की रिएक्शन
इस प्रस्ताव पर छात्रों द्वारा सकारात्मक प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। कई छात्र इस फैसले का स्वागत कर रहे हैं और इसे देश में उच्च शिक्षा के स्तर को बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानते हैं। इससे न केवल अधिक छात्रों को मौका मिलेगा, बल्कि वे अपने अनुसंधान के क्षेत्र में भी आगे बढ़ सकेंगे।
इसके अलावा, BHU में छात्रों के लिए बेहतरीन सुविधाएं और सलाहकारों की टीम भी हमेशा उपलब्ध रहेगी, जो उन्हें उनकी अध्ययन में मदद करेगी।
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