KGMU की रेजिडेंट डॉक्टर को आया होश:पिता बोले-किसी से कोई शिकायत नहीं, मेरी बच्ची ठीक हो जाए; हॉस्टल से कूदी थी
मुझे किसी से कोई शिकायत नहीं है। मंगलवार को घटना के दिन लखनऊ पुलिस की तरफ से मुझे जानकारी दी गई थी। उसके बाद मेरी पुलिस से भी कोई बात नहीं हुई। न ही मैंने कोई शिकायत की है। मैं अपनी बेटी को ठीक देखना चाहता हूं। साल 2018 से बेटी KGMU में पढ़ाई कर रही है। मैंने कानपुर से उसे MBBS करने के लिए यहां भेजा था। वो यहां खुश थी। पता नहीं कैसे ये घटना हो गई। मुझे खुद ये समझ नहीं आ रहा। राहत की बात ये है कि अब वो ठीक हो रही है। जिस भरोसे पर मैंने KGMU में उसे भेजा था, इस घटना के बाद यहां के डॉक्टरों ने उसका अच्छा से इलाज कर, उसे कायम रखा है। डिप्टी सीएम बेटी को देखने आए थे। वो अंदर ICU में भी गए थे। उस समय बेटी के पास उसकी मां थी। उन्होंने बेटी के जल्द स्वस्थ होने की बात कही और कहा- हम दोबारा फिर आपसे बात करेंगे। ये कहना है कि KGMU के रेजिडेंट हॉस्टल में रह रही PG फर्स्ट ईयर की मेडिकल स्टूडेंट डॉ.प्रकृति के पिता अशोक वासवानी का। दैनिक भास्कर ने ट्रॉमा सेंटर के 5वें फ्लोर में रेजिडेंट डॉक्टर के पिता से बात की। उन्होंने बताया कि अचानक हुई इस घटना से सभी हैरान हैं। अब बेटी को होश आया तो थोड़ी राहत मिली है। कई बड़े डॉक्टरों की टीम की निगरानी में बेटी का इलाज चल रहा है। वो ठीक हो रही है। 2-3 दिन में प्राइवेट वॉर्ड में किया जा सकता शिफ्ट KGMU ट्रॉमा सेंटर के मुख्य चिकित्सा अधिकारीडॉ.प्रेमराज सिंह ने बताया कि बुधवार शाम को रेजिडेंट डॉक्टर की वेंटिलेटर सपोर्ट पर ही सर्जरी की गई थी। इसके बाद गुरुवार सुबह उसे वेंटिलेटर सपोर्ट से हटाया गया। अभी वह होश में है हालांकि ज्यादा कुछ बोल नहीं पा रही पर इशारों में खुद की ठीक होने के बात कह रही है। CCM के एक्सपर्ट चिकित्सकों की निगरानी में चल रहा इलाज डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक भी उसे देखने पहुंचे थे। इस दौरान जब उन्होंने कुशल क्षेम पूछा तो सिर हिलाकर उसने जवाब दिया। मौजूदा समय क्रिटिकल केयर मेडिसिन विभाग के एक्सपर्ट चिकित्सक की निगरानी में उसका इलाज चल रहा है। साथ में उसके माता-पिता समेत अन्य परिजन भी है। अगर सब कुछ ठीक रहा तो अगले 2 से 3 दिन में उसे ICU से प्राइवेट वॉर्ड में शिफ्ट कर दिया जाएगा। SOP तैयार करने के निर्देश गुरुवार को डिप्टी सीएम के दौरे के बाद KGMU कैंपस में कुलपति की अगुवाई में अहम बैठक हुई थी। जिसमें रेजिडेंट डॉक्टरों सहित सभी स्टूडेंट्स की काउंसिलिंग के लिए SOP तैयार करने के लिए मानसिक रोग विभाग के डॉ.अनिल निश्छल को कहा गया था। कुलपति ने इसको बिना देर किए अमल में लाने की बात कही थी। डिप्टी सीएम ने कुलपति को दिए थे निर्देश गुरुवार को ट्रॉमा सेंटर में रेजिडेंट डॉक्टर को देखने पहुंचे डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने परिवार के सदस्यों से मिलने के बाद कुलपति प्रोफेसर सोनिया नित्यानंद को रेजिडेंट गर्ल्स के लिए अलग से टॉयलेट समेत अन्य सभी जरूरी व्यवस्था करने की बात कही थी। साथ ही हॉस्टल वार्डन को जिम्मेदारी देते हुए सभी रहने वाले डॉक्टर या स्टूडेंट्स की ठीक से देखभाल करने के साथ यदि उन्हें कोई समस्या है तो उसे दूर करने को कहा था। डिप्टी सीएम ने कुलपति प्रो.सोनिया नित्यानंद को सभी रेजिडेंट डॉक्टर के तनाव को कम करने के लिए काउंसिलिंग कराने के भी निर्देश दिए। इसके लिए एक्सपर्ट काउंसलर तैनात करने को कहा था। आज रेजिडेंट डॉक्टर तैयार करेंगे मसौदा उधर दूसरी तरफ KGMU के फैकल्टी फोरम के प्रमुख डॉक्टर केके सिंह ने बताया कि घटना के बाद से रेजिडेंट डॉक्टरों एसोसिएशन ने की तरफ से वर्कलोड और मेंटल स्ट्रेस की समस्या की बात उठाई जा रही है। ऐसे में आज रेजिडेंट डॉक्टर के प्रतिनिधियों के साथ एक अहम बैठक कर आगे की कार्रवाई के लिए मसौदा तैयार किया जाएगा। रेजिडेंट डॉक्टरों की सभी समस्याओं का हल किया जाएगा।

KGMU की रेजिडेंट डॉक्टर को आया होश
लखनऊ में किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (KGMU) की एक रेजिडेंट डॉक्टर को हाल ही में होश आया है। यह खबर उनके परिवार और दोस्तों के लिए एक राहत की बात है, क्योंकि वह हॉस्टल से कूदने के बाद गंभीर स्थिति में थीं। उनके पिता ने इस मामले में कहा, "किसी से कोई शिकायत नहीं है, मेरी बच्ची ठीक हो जाए।" यह घटना हमारे समाज में मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करने का एक आवश्यकता बनी है।
घटना का विवरण
यह घटना तब हुई जब डॉक्टर ने हॉस्टल से कूदने का फैसला किया। इसके पीछे क्या कारण थे, यह अभी स्पष्ट नहीं है, लेकिन यह निश्चित रूप से इस बात का संकेत है कि मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता की आवश्यकता है। डॉक्टर को अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां चिकित्सा कर्मचारियों ने उनकी स्थिति को स्थिर किया। उनकी स्थिति अब बेहतर हो रही है और चिकित्सा विशेषज्ञ उन पर बारीकी से नजर रखे हुए हैं।
परिवार की प्रतिक्रिया
रेजिडेंट डॉक्टर के पिता ने घटना पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "मैं चाहता हूं कि मेरी बेटी ठीक हो जाए। मुझे किसी से कोई शिकायत नहीं है।" उनके परिवार का दृष्टिकोण दिखाता है कि इस स्थिति में परिवार का साथ कितना महत्वपूर्ण होता है। उनकी समर्थन और प्यार उस वक्त बेहद जरूरी हैं जब कोई अपने मानसिक स्वास्थ्य से जूझ रहा होता है।
मानसिक स्वास्थ्य पर विचार
यह घटना हमें याद दिलाती है कि मानसिक स्वास्थ्य पर बातचीत करने की कितनी आवश्यकता है। चिकित्सा पेशेवरों, छात्रों और परिवारों को एक साथ आकर समस्या के समाधान के लिए काम करना चाहिए। मानसिक स्वास्थ्य सहायता के लिए संसाधनों की उपलब्धता और जागरूकता बढ़ाने में यह घटनाएं सहायक हो सकती हैं।
अंत में, हम सभी को इस बात की जरूरत है कि हम ऐसे मामलों को गंभीरता से लेते हैं और एक स्वस्थ वातावरण बनाने के लिए काम करते हैं।
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