WFI से खेल मंत्रालय ने निलंबन लिया वापस:बृजभूषण बोले- षडयंत्रकारी षड्यंत्र करने में सफल नहीं हुए, कुश्ती संघ पर अभी हमारा ही कब्जा
गोंडा में भारतीय कुश्ती संघ (WFI) के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और कैसरगंज के पूर्व सांसद बृजभूषण शरण सिंह पर लगे निलंबन को 26 महीने बाद हटा लिया गया है। सरकार और खेल मंत्रालय के इस फैसले का बृजभूषण शरण सिंह ने स्वागत किया। इसे खिलाड़ियों की जीत करार दिया। बृजभूषण शरण ने कहा कि यह फैसला उन जूनियर और कमजोर खिलाड़ियों की जीत है, जिनका खेल से कोई लेना-देना नहीं था, लेकिन विवादों के चलते कुश्ती संघ और खिलाड़ियों को दो साल से ज्यादा नुकसान उठाना पड़ा। खेल मंत्रालय ने भारतीय कुश्ती संघ (WFI) के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह पर लगाया निलंबन तत्काल प्रभाव से हटा लिया है। WFI में पिछले कुछ वर्षों से विवाद चल रहा था और खेल मंत्रालय के इस फैसले के बाद विवाद खत्म होने के आसार नजर आ रहे हैं। 26 महीने तक कुश्ती संघ को नुकसान पहुंचाया गया निलंबन हटने के बाद बृजभूषण शरण सिंह ने कहा, "26 महीने तक तरह-तरह के हथकंडे अपनाए गए। भारतीय कुश्ती संघ को ठप करने की कोशिश हुई। खिलाड़ी भ्रमित हुए, झूठे आरोप लगाए गए, लेकिन साजिश रचने वाले अपने मंसूबों में कामयाब नहीं हो सके।" उन्होंने दावा किया कि इस विवाद की वजह से दो वर्ल्ड रैंकिंग की टीमें बाहर नहीं जा पाईं, लड़कों और लड़कियों के कैंप बंद रहे, और भारतीय कुश्ती को भारी नुकसान उठाना पड़ा। अब कोई भेदभाव न हो, पारदर्शी ट्रायल हो अब जब कुश्ती संघ का संचालन फिर से शुरू हो रहा है, बृजभूषण शरण सिंह ने नए अध्यक्ष संजय सिंह और सभी पदाधिकारियों से अपील की कि वे खिलाड़ियों को बराबरी का मौका दें और भेदभाव न होने दें। उन्होंने कहा, "सरकार से मिलकर कैंप लगवाने और टूर्नामेंट शुरू करवाने की दिशा में तेजी लानी चाहिए।" कुश्ती संघ पर उत्तर प्रदेश का दबदबा कायम बृजभूषण ने साफ कहा कि भले ही वह अब कुश्ती संघ की गतिविधियों में ज्यादा शामिल नहीं होते, लेकिन कुश्ती संघ में उत्तर प्रदेश की पकड़ बनी हुई है। उन्होंने कहा, "चाहे करण भूषण सिंह रहे हों या बृजभूषण शरण सिंह, कुश्ती संघ में उत्तर प्रदेश का ही दबदबा रहा है।" उन्होंने कहा कि उनका कुश्ती संघ के कार्यालय से अब कोई लेना-देना नहीं है, लेकिन खेल और खिलाड़ियों के हित में उनकी भूमिका बनी रहेगी। 18 जनवरी 2023 से शुरू हुआ संघर्ष, झूठे आरोप लगे बृजभूषण शरण सिंह ने कहा कि 18 जनवरी 2023 को कुछ कथित खिलाड़ियों ने उनके इस्तीफे की मांग की थी, जिसे बाद में यौन उत्पीड़न के आरोपों में बदल दिया गया। उन्होंने कहा, "यह पूरा आंदोलन सिर्फ इसलिए खड़ा किया गया कि कुश्ती संघ में उत्तर प्रदेश का व्यक्ति क्यों है? बृजभूषण शरण सिंह क्यों है?" उन्होंने दोहराया कि आरोप झूठे हैं और अब यह मामला कोर्ट में विचाराधीन है। होली से पहले कुश्ती जगत को बड़ा तोहफा बृजभूषण शरण सिंह ने इसे सिर्फ कुश्ती संघ ही नहीं, बल्कि भारतीय खेल जगत के लिए भी बड़ा फैसला बताया। उन्होंने कहा, "होली से पहले यह कुश्ती से जुड़े सभी लोगों के लिए एक तोहफा है। कई खेल संघों में ऐसी स्थिति बनी हुई थी, लेकिन अब न्याय हुआ है।" सरकार को धन्यवाद, कुश्ती को फिर से ऊंचाई पर ले जाना है बृजभूषण शरण सिंह ने कहा कि कुश्ती संघ को अब पूरी क्षमता से काम करना चाहिए और भारत सरकार को धन्यवाद दिया, जिसने सही निर्णय लिया। उन्होंने कहा कि अब कुश्ती संघ को पारदर्शी तरीके से आगे बढ़ाना होगा, ताकि खिलाड़ियों का नुकसान न हो। किस कारण लगा था निलंबन खेल मंत्रालय ने संजय सिंह की अगुआई वाली WFI की कार्यकारी समिति पर खेल संहिता के उल्लंघन के आरोप के चलते निलंबन लगाया हुआ था। कुश्ती की वैश्विक संस्था यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग ( UWW) ने भी पिछले साल संजय सिंह की अगुआई वाली WFI से निलंबन हटा दिया था। इसके बाद भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) ने भारत में कुश्ती का दैनिक कार्य देख रही भूपेंद्र सिंह बाजवा के नेतृत्व वाले तदर्थ समिति को भंग करने का निर्णय लिया था। WFI की कार्यकारी समिति के अध्यक्ष संजय सिंह को भले ही UWW और IO से राहत मिल गई थी, लेकिन केंद्र सरकार से उन्हें राहत मिलने का इंतजार था जो अब जाकर पूरा हुआ। सरकार ने WFI पर नियमों के उल्लंघन का हवाला देते हुए कार्रवाई की थी और चुनाव संपन्न होने के तीन बाद ही WFI को निलंबित कर दिया गया था। 21 दिसंबर 2023 को संजय सिंह बने थे अध्यक्ष WFI के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के करीबी संजय सिंह के नेतृत्व वाली समिति ने 21 दिसंबर 2023 को चुनाव जीता था। इसके बाद उन्होंने अंडर-15 और अंडर-20 वर्ग के राष्ट्रीय चैंपियनशिप कराने की घोषणा की थी। इस चैंपियनशिप का आयोजन स्थल गोंडा के नंदिनी नगर में रखा था जो बृजभूषण का गढ़ है। यह बात सरकार को चुभी थी। खेल मंत्रालय ने 24 दिसंबर 2023 को कार्रवाई करते हुए WFI को निलंबित करने का फैसला किया था। 26 महीने बाद हटा निलंबन WFI के निलंबन के कारण पहलवानों को कई तरह की मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा था। इस वजह से महासंघ और खेल मंत्रालय के बीच टकराव की स्थिति भी पैदा हो रही थी जिसका सबसे ज्यादा नुकसान पहलवानों को हुआ। हालांकि, निलंबन हटने से घरेलू टूर्नामेंट आयोजित करने के रास्ते खुल गए हैं और अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट के चयन के लिए भी अब दुविधा नहीं होगी। मंत्रालय ने अपने आदेश में बताया कि WFI ने सुधारात्मक कदम उठाए हैं जिस कारण उस पर लगे निलंबन को हटाया जाता है। खेल मंत्रालय ने इस तरह करीब 26 महीने बाद WFI पर लगा निलंबन हटाया। संजय सिंह ने जताया आभार WFI के अध्यक्ष संजय सिंह ने कहा, 'मैं इस फैसले के लिए मंत्रालय का आभार व्यक्त करता हूं। अब हम सुचारू रूप से काम कर सकेंगे। खेल के लिए यह बेहद जरूरी था। खिलाड़ी प्रतियोगिताओं में भाग नहीं ले पाने के कारण परेशान थे।' मंत्रालय ने हालांकि WFI से कुछ निर्देशों का पालन करने को कहा है जैसे कि WFI को यह सुनिश्चित करना होगा कि निर्वाचित पदाधिकारियों के बीच शक्ति का संतुलन बना रहे। वह स्वयं को निलंबित या बर्खास्त किए गए अधिकारियों

WFI से खेल मंत्रालय ने निलंबन लिया वापस
खेल मंत्रालय ने हाल ही में Wrestling Federation of India (WFI) के निलंबन को वापस ले लिया है। यह खबर भारतीय कुश्ती समुदाय में काफी उत्साह पैदा कर रही है। इस निर्णय का मुख्य उद्देश्य WFI के संचालन को फिर से सुचारू बनाना और खिलाड़ियों के हितों की रक्षा करना है। कुश्ती संघ के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह ने इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि षडयंत्रकारी षड्यंत्र करने में सफल नहीं हुए हैं।
बृजभूषण का बयान
बृजभूषण ने बयान देते हुए यह स्पष्ट किया कि WFI अब पहले से बेहतर तरीके से काम करेगा। उन्होंने कहा कि “कुश्ती संघ पर अभी हमारा ही कब्जा है,” यह दर्शाते हुए कि उनके नेतृत्व में संघ की नीतियों को आगे बढ़ाया जाएगा। उनका यह वाक्य उस समय भी महत्वपूर्ण है जब कुश्ती में कई सुधार और बदलावों की आवश्यकता महसूस की जा रही है।
खेल मंत्रालय का उद्देश्य
खेल मंत्रालय का यह निर्णय भारतीय कुश्ती के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है। मंत्रालय की तरफ से यह सुनिश्चित किया जाएगा कि खेल के विकास के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जाएँ। इसके साथ ही, खिलाड़ियों के कल्याण और प्रशिक्षण सुविधाओं का भी विस्तार किया जाएगा।
भविष्य की दिशा
अब जब WFI का निलंबन वापस लिया गया है, तो खिलाड़ियों की उम्मीदें फिर से जाग्रत हो गई हैं। कुश्ती का यह खेल, जो देश में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है, अब नई ऊँचाइयों को छूने की दिशा में आगे बढ़ने के लिए तैयार है। WFI में सामंजस्य और स्थिरता के साथ, आगामी प्रतियोगिताओं में भारतीय कुश्ती की और सफलता की संभावना बढ़ जाएगी।
खेल मंत्रालय और WFI के बीच बढ़ते संवाद से यह अपेक्षित है कि भविष्य में कुश्ती को लेकर और भी सकारात्मक कदम उठाए जाएंगे।
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